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पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को चाचा के श्राद्ध कर्म में शामिल होने के लिए नहीं मिली जमानत, पीएमएलए कोर्ट ने खारिज की याचिका - Ex CM Hemant Soren did not get bail

Ex CM Hemant Soren did not get bail. झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पीएमएलए कोर्ट ने एक बार फिर खारिज कर दी है. सीएम ने अपने चाचा के श्राद्ध कर्म में शामिल होने के लिए जमानत याचिका दाखिल की थी.

EX CM HEMANT SOREN DID NOT GET BAIL
EX CM HEMANT SOREN DID NOT GET BAIL
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 27, 2024, 3:26 PM IST

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. ईडी के द्वारा हुई गिरफ्तारी के बाद 31 जनवरी से हेमंत सोरेन जेल में हैं और इस संकट के बीच उनके चाचा राधा राम सोरेन का भी निधन हो गया. इसलिए उन्होंने अपने वकील के माध्यम से रांची के पीएमएलए कोर्ट में यह आग्रह किया था कि उन्हें अपने चाचा के श्राद्ध क्रम में शामिल होने की अनुमति दी जाए. हेमंत सोरेन की तरफ से उनके वकील मनोज दुबे और प्रदीप चंद्रा उनका पक्ष रख रहे थे.

वहीं, प्रवर्तन निदेशालय की तरफ जोइब अंसारी ईडी की तरफ से दलील रख रहे थे. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ईडी की तरफ से पक्ष रखते हुए कहा कि राधा राम सोरेन के बेटे मौजूद हैं और हेमंत सोरेन की जगह बसंत सोरेन भी हैं. इसीलिए इनके बेल याचिका को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों के वकीलों की दलील को सुनने के बाद पीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने हेमंत के बेल याचिका को खारिज कर दिया.

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बरगाईं अंचल स्थित साढ़े आठ एकड़ जमीन का अवैध रूप से दाखिल खारिज कराने के आरोप में पिछले 4 महीने से जेल में बंद हैं. इस मामले में विगत 30 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से चार्जशीट भी दायर कर दिया गया है. हेमंत सोरेन के बड़े चाचा और शिबू सोरेन के बड़े भाई राधा राम सोरेन पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे. 27 अप्रैल को उन्होंने अंतिम सांस ली.

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. ईडी के द्वारा हुई गिरफ्तारी के बाद 31 जनवरी से हेमंत सोरेन जेल में हैं और इस संकट के बीच उनके चाचा राधा राम सोरेन का भी निधन हो गया. इसलिए उन्होंने अपने वकील के माध्यम से रांची के पीएमएलए कोर्ट में यह आग्रह किया था कि उन्हें अपने चाचा के श्राद्ध क्रम में शामिल होने की अनुमति दी जाए. हेमंत सोरेन की तरफ से उनके वकील मनोज दुबे और प्रदीप चंद्रा उनका पक्ष रख रहे थे.

वहीं, प्रवर्तन निदेशालय की तरफ जोइब अंसारी ईडी की तरफ से दलील रख रहे थे. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ईडी की तरफ से पक्ष रखते हुए कहा कि राधा राम सोरेन के बेटे मौजूद हैं और हेमंत सोरेन की जगह बसंत सोरेन भी हैं. इसीलिए इनके बेल याचिका को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों के वकीलों की दलील को सुनने के बाद पीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने हेमंत के बेल याचिका को खारिज कर दिया.

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बरगाईं अंचल स्थित साढ़े आठ एकड़ जमीन का अवैध रूप से दाखिल खारिज कराने के आरोप में पिछले 4 महीने से जेल में बंद हैं. इस मामले में विगत 30 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से चार्जशीट भी दायर कर दिया गया है. हेमंत सोरेन के बड़े चाचा और शिबू सोरेन के बड़े भाई राधा राम सोरेन पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे. 27 अप्रैल को उन्होंने अंतिम सांस ली.

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