नई दिल्ली: हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद से ही लगातार ईवीएम को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. विपक्षी पार्टियां लगातार ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रही है. इस मुद्दे को लेकर ईटीवी भारत ने आम लोगों से बातचीत की. ऐसे में आइये जानते हैं उनके विचार?
पांडव नगर के विनयपाल सिंह तंवर का कहना है कि चुनाव ईवीएम से ही होना चाहिए. बैलेट पेपर से चुनाव की विपक्षी पार्टियों की मांग गलत है. जब हारते हैं तो ईवीएम पर सवाल उठाते हैं. जीतते हैं तो कुछ नहीं बोलते. कर्नाटक में जीते तो ईवीएम पर सवाल नहीं उठाए. ईवीएम से चुनाव होना सही है क्योंकि बैलेट पेपर पर लोग स्याही डालकर ख़राब कर देते थे. मतपेटियों की कैप्चरिंग भी हो जाती थी.
गणेश नगर के अमन ने कहा चुनाव ईवीएम से ही होना चाहिए. ईवीएम पर सबको ट्रस्ट है. पूरा देश ईवीएम के साथ है. आज तक विपक्ष ईवीएम में कोई गड़बड़ साबित नहीं कर पाया, कितनी बार कोर्ट ने बुलाया. वहीं, हसीना कुमारी मीणा ने कहा कि चुनाव बैलेट पेपर से होना चाहिए. ईवीएम में घपलेबाजी होती है.
शकरपुर के कि सुशील सिंह ने कहा कि चुनाव बैलेट पेपर से ही होना चाहिए. ईवीएम से चुनाव में गड़बड़ी की आशंका रहती है. कभी कोई बटन काम करता है कोई काम नहीं करता है. लोगों को लगता है हमने कौन सा बटन दबाया. बैलेट पेपर से चुनाव सही होता है. बैलेट पेपर पर नाम पता सब लिखा होता है. उसमें किसको वोट दिया है आदमी अपनी पसंद से और हाथ से मोहर लगाता है.
बता दें कि काफी समय से विपक्षी पार्टियां ईवीएम हटाने की मांग कर रही है. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बसपा, शिवसेना उद्धव ठाकरे और कई अन्य पार्टियां भी ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग करती आ रही है. 26 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ईवीएम हटाने के लिए अभियान चलाने का एलान कर दिया. उसके बाद आज रामलीला मैदान में डोमा परिसंघ द्वारा एक रैली आयोजित की जा रही है. उसमें संविधान बचाओ एवं ईवीएम हटाओ का नारा दिया गया है. रैली का आयोजन पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता डॉक्टर उदित राज के द्वारा किया जा रहा है.
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