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जम्मू आतंकी हमला: बूढ़ी मां बोली- बस "सरकार" मेरे बेटवा को ठीक कर दो, बड़ी जिम्मेदारी है इस पर - Jammu terror attack

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 26, 2024, 8:09 PM IST

Updated : Jun 26, 2024, 8:16 PM IST

जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में हुए आतंकी हमले (Jammu Terror Attack) में घायल दिनेश गुप्ता की आंखों के सामने आज भी वही खौफनाक मंजर है. हमले के वक्त "ईश्वर हमें बचा लो" यही शब्द जहन में थे. वहीं दिनेश की मां निर्मला गुप्ता बस भगवान और सरकार से बेटे को जल्द ठीक करने की दुआ कर रही हैं.

जम्मू आतंकी हमले में घायल दिनेश गुप्ता ने सुनाई आपबीती.
जम्मू आतंकी हमले में घायल दिनेश गुप्ता ने सुनाई आपबीती. (Photo Credit-Etv Bharat)

कानपुर : 'मेरा लाल जल्द से जल्द ठीक हो जाए. बस ईश्वर से इतनी प्रार्थना है. घर में मेरे बेटवा के अलावा कोई और मेरी देख रेख करने वाला नहीं है, पूरे घर की जिम्मेदारी उसी पर है. मेरी सरकार से हाथ जोड़कर यही गुजारिश है कि मेरे लाल को अच्छा इलाज मुहैया कराया जाए, जिससे वह जल्दी ठीक हो जाए'. जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में हुए आतंकी हमले में घायल दिनेश गुप्ता की बूढ़ी मां अस्पताल के डाॅक्टरों से लेकर हर किसी से यही गुहार लगा रही हैं.

कानपुर अस्पताल में भर्ती दिनेश गुप्ता को दो गोलियां लगी हैं. दिनेश आज भी उस मंजर को याद करके सिहर उठते हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान दिनेश गुप्ता ने बताया कि बस में सवार सभी लोग शिवखोड़ी से दर्शन कर आ रहे थे. करीब हम लोग 5 से 7 किलोमीटर का सफर तय कर चुके थे. रियासी जिले में पहुंचने पर बस पर अचानक ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार होने लगी. अचानक फायरिंग से बस में सवार सभी लोग घबरा गए और बस में इधर-उधर छिपने की कोशिश करने लगे.

आतंकियों की फायरिंग के दौरान गोली पहले टायर और फिर ड्राइवर को लगी. इसके बाद बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई. बस यात्रियों में चीख-पुकार मची थी. इस दौरान करीब तीन से चार आतंकी नीचे खाई में उतर आए. इसी दौरान बस से निकलने की कोशिश के दौरान मेरे पैर पर दो गोलियां दाग दीं. इसके बाद मैं बेहोश हो गया. फायरिंग थमी और होश आया तो पता चला कि आतंकियों ने हमला किया था और कई लोगों को गोलियां लगी हैं.


दिनेश के अनुसार आतंकियों ने उस जगह को चारों तरफ से घेर लिया था. जिस जगह पर लोग भागने की कोशिश कर रहे थे. उस तरफ गोलियां चल रही थीं. 10 से 15 मिनट तो आतंकियों ने नॉनस्टॉप फायरिंग की थी. लोग किसी तरह पत्थर और पेड़ की आड़ में छिप कर जान बचाने की कोशिश कर रहे थे. इसी दौरान वहां पर रहने वाले गांव के लोग पहुंचे, तो सभी ने कुछ राहत महसूस की. आतंकियों ने जिस बस पर हमला किया था. उसमें उनके परिवार के भी करीब 8 से 10 लोग बैठे हुए थे. इसमें चचेरी बहन, जीजा और भांजे-भांजी थे. सभी लोग गंभीर रूप से घायल हैं. सबका इलाज चल रहा है.

मुआवजा नहीं मिला: दिनेश ने बताया कि वहां की सरकार ने घायलों और मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की बात कही थी, लेकिन आज तक उनसे किसी ने मुआवजे को लेकर कोई बातचीत नहीं की है. जम्मू के जिस हॉस्पिटल में उन्हें भर्ती कराया गया था. वहां पर भी ऑपरेशन कर सिर्फ पैर से गोली निकाल दी गई थी. वहां पर आंख का इलाज नहीं हुआ. इसके बाद अब कानपुर आए हुए हैं. यहां पर भी इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है. मेरी सरकार से यही हाथ जोड़कर गुजारिश है कि मुझे बेहतर इलाज मुहैया कराया जाए.

यह भी पढ़ें : जम्मू के आतंकी हमले में गोंडा के 9 लोग घायल, सभी एक ही परिवार से, केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने दिया मदद का भरोसा - Terrorist Attack jammu Reasi

यह भी पढ़ें : 'NEET घोटाला, आतंकी हमला,भीषण ट्रेन हादसा...', राहुल गांधी ने NDA सरकार के पहले 15 दिनों का मांगा हिसाब - Rahul Gandhi flags 10 issues

कानपुर : 'मेरा लाल जल्द से जल्द ठीक हो जाए. बस ईश्वर से इतनी प्रार्थना है. घर में मेरे बेटवा के अलावा कोई और मेरी देख रेख करने वाला नहीं है, पूरे घर की जिम्मेदारी उसी पर है. मेरी सरकार से हाथ जोड़कर यही गुजारिश है कि मेरे लाल को अच्छा इलाज मुहैया कराया जाए, जिससे वह जल्दी ठीक हो जाए'. जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में हुए आतंकी हमले में घायल दिनेश गुप्ता की बूढ़ी मां अस्पताल के डाॅक्टरों से लेकर हर किसी से यही गुहार लगा रही हैं.

कानपुर अस्पताल में भर्ती दिनेश गुप्ता को दो गोलियां लगी हैं. दिनेश आज भी उस मंजर को याद करके सिहर उठते हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान दिनेश गुप्ता ने बताया कि बस में सवार सभी लोग शिवखोड़ी से दर्शन कर आ रहे थे. करीब हम लोग 5 से 7 किलोमीटर का सफर तय कर चुके थे. रियासी जिले में पहुंचने पर बस पर अचानक ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार होने लगी. अचानक फायरिंग से बस में सवार सभी लोग घबरा गए और बस में इधर-उधर छिपने की कोशिश करने लगे.

आतंकियों की फायरिंग के दौरान गोली पहले टायर और फिर ड्राइवर को लगी. इसके बाद बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई. बस यात्रियों में चीख-पुकार मची थी. इस दौरान करीब तीन से चार आतंकी नीचे खाई में उतर आए. इसी दौरान बस से निकलने की कोशिश के दौरान मेरे पैर पर दो गोलियां दाग दीं. इसके बाद मैं बेहोश हो गया. फायरिंग थमी और होश आया तो पता चला कि आतंकियों ने हमला किया था और कई लोगों को गोलियां लगी हैं.


दिनेश के अनुसार आतंकियों ने उस जगह को चारों तरफ से घेर लिया था. जिस जगह पर लोग भागने की कोशिश कर रहे थे. उस तरफ गोलियां चल रही थीं. 10 से 15 मिनट तो आतंकियों ने नॉनस्टॉप फायरिंग की थी. लोग किसी तरह पत्थर और पेड़ की आड़ में छिप कर जान बचाने की कोशिश कर रहे थे. इसी दौरान वहां पर रहने वाले गांव के लोग पहुंचे, तो सभी ने कुछ राहत महसूस की. आतंकियों ने जिस बस पर हमला किया था. उसमें उनके परिवार के भी करीब 8 से 10 लोग बैठे हुए थे. इसमें चचेरी बहन, जीजा और भांजे-भांजी थे. सभी लोग गंभीर रूप से घायल हैं. सबका इलाज चल रहा है.

मुआवजा नहीं मिला: दिनेश ने बताया कि वहां की सरकार ने घायलों और मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की बात कही थी, लेकिन आज तक उनसे किसी ने मुआवजे को लेकर कोई बातचीत नहीं की है. जम्मू के जिस हॉस्पिटल में उन्हें भर्ती कराया गया था. वहां पर भी ऑपरेशन कर सिर्फ पैर से गोली निकाल दी गई थी. वहां पर आंख का इलाज नहीं हुआ. इसके बाद अब कानपुर आए हुए हैं. यहां पर भी इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है. मेरी सरकार से यही हाथ जोड़कर गुजारिश है कि मुझे बेहतर इलाज मुहैया कराया जाए.

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Last Updated : Jun 26, 2024, 8:16 PM IST
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