गिरिडीह: झारखंड की चंपाई सोरेन सरकार और उनके मंत्री बसंत सोरेन ने सड़कों के जरिए राज्य के लोगों को बड़ी सौगात देने की तैयारी कर ली है. पहली सौगात धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाली सड़क बनाने की है. यह योजना चार धार्मिक स्थलों को जोड़ते हुए बाबाधाम पहुंचने की है. होली टूरिस्ट कॉरिडोर के नाम से क्रियान्वित की जा रही इस योजना के बारे में गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए विस्तृत जानकारी दी.
विधायक ने बताया कि यह सड़क 170 किलोमीटर लंबी है. यह सड़क रांची से ओरमांझी-गोला-रजरप्पा-लुगुबुरु घंटाबाड़ी से पेक, फिर डुमरी, मधुबन, फिर गिरिडीह होते हुए बाबाधाम देवघर तक जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य के धार्मिक स्थलों को एक सूत्र में जोड़ने और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है.
केंद्रीय परिवहन मंत्री ने नहीं दिखायी रूचि
विधायक ने कहा कि करीब एक वर्ष पूर्व हमने इस परियोजना के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्री से मुलाकात की थी तथा इस योजना का प्रस्ताव रखा था. दुर्भाग्यवश यह योजना केंद्र सरकार द्वारा क्रियान्वित नहीं की जा सकी. जब यह मामला राज्य सरकार के संज्ञान में आया तो राज्य सरकार ने अपने स्तर पर इसका निर्माण कार्य शुरू किया.
कम होगी राजधानी की दूरी
विधायक ने बताया गया कि सरकार ने सनातन धर्म, सरना धर्म के साथ-साथ जैन धर्म के लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए इस सड़क के निर्माण का निर्णय लिया है. इस सड़क के निर्माण से रांची से बाबाधाम की दूरी कम हो जाएगी. इसका लाभ गिरिडीह के लोगों को भी मिलेगा. गिरिडीह से रांची की दूरी 210 किलोमीटर से घटकर 150 किलोमीटर रह जाएगी.
रिंग रोड होगा तैयार
विधायक ने कहा कि मंत्री बसंत सोरेन ने राज्य की जनता को कई योजनाओं की सौगात दी है. उन योजनाओं में गिरिडीह बाइपास सड़क भी शामिल है. इससे पहले संयुक्त प्रयास से गिरिडीह डुमरी पथ के जोरापाढ़ी से तेलोडीह के पास होते हुए बेंगाबाद के महुवार तक बाइपास सड़क की स्वीकृति मिली थी, लेकिन इससे रिंग रोड पूरा नहीं हो सका. ऐसे में राज्य सरकार ने जोरापाढ़ी से बनियाडीह, चुंजका, श्रीरामपुर होते हुए चतरो (धनबाद पथ) और फिर चतरो से खंडोली होते हुए महुवार तक बाइपास सड़क की स्वीकृति दी है. यह सड़क 30 किमी लंबी है. सड़क का सर्वे पूरा हो चुका है. इस सड़क पर दो आरओबी, दो वाहन अंडरपास, चार पुल बनने हैं. एक से डेढ़ माह में काम शुरू हो जाएगा.
राज्य सरकार के पैसे से बनेगा आरओबी
विधायक ने कहा कि इसी तरह गिरिडीह रेलवे स्टेशन के पास झरियागादी के लिए भी आरओबी बनना है. झारखंड सरकार ने इसकी भी स्वीकृति दे दी है. सर्वे पूरा हो चुका है. 708 मीटर लंबे इस आरओबी में राज्य सरकार पैसा लगा रही है. उन्होंने कहा कि आरओबी की मांग तीन दशक से हो रही है. जिस जमीन पर आरओबी बनना है, वह रेलवे की है. ऐसे में वे दिल्ली से लेकर कोलकाता तक कई जगह गए, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और जीएम से बात की, लेकिन स्थायी समाधान नहीं निकला.
उन्होंने बताया कि रेलवे का नियम-कायदा कहता है कि जहां पहले से रेलवे क्रॉसिंग है, वहां पचास फीसदी पैसा रेलवे और पचास फीसदी पैसा राज्य सरकार लगाती है. चूंकि पहले झरियागादी में रोड लेवल क्रॉसिंग नहीं थी, इसलिए रेलवे ने एक पैसा देने से इनकार कर दिया. ऐसे में राज्य सरकार ने अपने फंड से आरओबी बनाने का निर्णय लिया. मैंने राज्य सरकार से साठ करोड़ की मांग की, जिसे सरकार ने स्वीकृत कर दिया.
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