पलामूः डाल्टनगंज विधानसभा क्षेत्र से आलोक चौरसिया दो बार विधायक हैं. आलोक चौरसिया तीसरी बार विधायक बनने की तैयारी कर रहे है. आलोक चौरिसया पलामू 2014 में पहली बार झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर चुनाव जीते थे. 2019 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते हैं. एक बार फिर से वे चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं.
आलोक चौरसिया जननेता अनिल चौरसिया के बेटे है. अनिल चौरसिया के निधन के बाद आलोक चौरसिया ने राजनीति के कदम रखा था और विधायक चुने गए. कहा जाता है कि आलोक चौरसिया जब चुनाव लड़ते है तो उनकी वोटों की गिनती 30 हजार से शुरू होती है. झारखंड में विधानसभा चुनाव अगले कुछ महीनों में है. इस विधानसभा चुनाव में आलोक चौरसिया तीसरी बार दावेदारी प्रस्तुत करेंगे. ईटीवी भारत ने आलोक चौरसिया से खास बातचीत की. इस दौरान आलोक चौरसिया ने कई बिन्दुओं पर जानकारी.
विरोधी दल के सरकार के कारण कई कार्य हुए प्रभावित, हर हाल में पेयजल संकट होगा दूर
आलोक चौरसिया ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में बताया कि वह भारतीय जनता पार्टी से विधायक चुने गए. लेकिन राज्य में विरोधी दल की सरकार बनी थी. विरोधी दल की सरकार होने के कारण कई विकास के कार्य प्रभावित हुए हैं. डाल्टनगंज विधानसभा क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए कई बिंदुओं पर कार्य शुरू किए गए हैं. मेदिनीनगर पेयजल आपूर्ति योजना फेज 2 पर भी काम चल रहा है. उनका लक्ष्य है कि हर हाल इलाके में पेयजल संकट को दूर किया जाए. विधायक आलोक चौरसिया बताते हैं कि शहरी क्षेत्र में पेयजल के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए भी कई योजना स्वीकृत हुए है. आने वाले वक्त में और कई योजनाओं को स्वीकृत किया जाएगा.
गरीबों को मिला मान-सम्मान, बंद पड़े खदानों को किया जाएगा चालू, मिलेगा रोजगार
विधायक आलोक चौरसिया का कहना है कि उनके चुने जाने के बाद गरीबों को मान सम्मान मिला है. पूर्व में भी जनप्रतिनिधि चुने जाते थे लेकिन गरीबों को मान सम्मान नहीं दिया जाता था. उनके 10 वर्ष के कार्यकाल में गरीबों को मान सम्मान मिला है. उनके विधानसभा क्षेत्र में जितने भी रोड पुल पुलिया समेत बड़े कार्य हुए हैं सभी जगह शिलापट में उनका नाम है. शिलापट बता रहे है कि क्षेत्र में उन्होंने क्या किया है. विधायक कलेक्टर चौरसिया ने बताया कि उनका सबसे बड़ा लक्ष्य है कि इलाके में बंद खदानों को चालू किया जाए और लोगों को रोजगार का साधन उपलब्ध करवाने के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों की स्थापना की जाए.
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