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प्रयागराज कुंभ को डिस्पोजल और पॉलिथीन मुक्त बनाने की पहल, शुरू हुआ 'थाली-थैला' अभियान - PRAYAGRAJ KUMBH

पर्यावरण संरक्षण गतिविधि संस्था ने प्रयागराज कुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं से पर्यावरण संरक्षण की अपील की. इसके लिए अभियान की शुरुआत की गई है.

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प्रयागराज कुंभ को डिस्पोजल और पॉलिथीन मुक्त बनाने की पहल (PHOTO-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 30, 2024, 6:04 PM IST

Updated : Nov 30, 2024, 6:51 PM IST

ऋषिकेश: प्रयागराज में होने जा रहे महाकुंभ को हरित कुंभ बनाने की कोशिश की जा रही है. यह कोशिश पर्यावरण संरक्षण गतिविधि संस्था ने शुरू की है. संस्था का उद्देश्य है कि महाकुंभ में आने वाले 40 करोड़ श्रद्धालुओं को डिस्पोजल की जगह स्टील की थाली में भोजन, प्रसाद वितरित किया जाए.

इस संबंध में संस्था से जुड़े हेमंत गुप्ता ने बताया कि महाकुंभ को हरित कुंभ बनाने के लिए संस्था देश भर से स्टील की थाली और जूट के थैले एकत्रित करने की मुहिम चला रही है. ऋषिकेश से अब तक पांच हजार थाली और थैले एकत्रित किए गए हैं. जबकि पूरे देश से अब तक 10 लाख के करीब यह सामग्री एकत्रित हो गई है. 5 दिसंबर तक यह सारी थाली और थैले महाकुंभ मेले में ट्रांसपोर्ट के जरिए भेज दिए जाएंगे. जहां संस्था से जुड़े सदस्य थैले महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को वितरित करेंगे और थाली लंगर संचालकों को उपलब्ध कराई जाएगी. इससे श्रद्धालु डिस्पोजल की जगह स्टील की थाली में भोजन आसानी से कर सकेंगे. इस मुहिम से महाकुंभ को हरित कुंभ बनाने का प्रयास है.

प्रयागराज कुंभ को डिस्पोजल और पॉलिथीन मुक्त बनाने की पहल (VIDEO-ETV Bharat)

हेमंत गुप्ता ने बताया, संस्था ने लोगों को 'पेड़ लगाओ- पानी बचाओ' और 'पॉलिथीन हटाओ' का नारा भी दिया है. इसके अलावा देश के हर घर को कुंभ से जोड़ने के लिए हरित कुंभ, हर घर कुंभ, घर-घर कुंभ का नारा भी संस्था की ओर से दिया जा रहा है. हर घर से एक थैला एक थाली अभियान वर्तमान में जारी है. जो श्रद्धालु हरित कुंभ में अपना योगदान देना चाहते हैं, वह संस्था से संपर्क करके एक थाली एक थैला दे सकता है. यह सामग्री देने के लिए अंतिम तिथि 5 दिसंबर निर्धारित की गई है. संस्था ने महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं से डिस्पोजल छोड़कर अपने साथ स्टील की थाली और थैला ले जाने की अपील की है.

बता दें कि वर्ष 2019 में गठन पर्यावरण संरक्षण गतिविधि संस्था, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लगातार कार्य कर रही है. इसके अलावा संस्था हर साल वर्ल्ड लेवल पर ऑनलाइन पर्यावरण प्रतियोगिता भी आयोजित करती है. जिसमें करीब सात लाख लोग हर साल जुड़ते हैं और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करने का संकल्प लेते हैं.

ये भी पढ़ेंः परी अखाड़े ने प्रयागराज कुंभ के लिए उठाई ये मांग, कहा- तभी सशक्त होंगी मातृ शक्तियां

ऋषिकेश: प्रयागराज में होने जा रहे महाकुंभ को हरित कुंभ बनाने की कोशिश की जा रही है. यह कोशिश पर्यावरण संरक्षण गतिविधि संस्था ने शुरू की है. संस्था का उद्देश्य है कि महाकुंभ में आने वाले 40 करोड़ श्रद्धालुओं को डिस्पोजल की जगह स्टील की थाली में भोजन, प्रसाद वितरित किया जाए.

इस संबंध में संस्था से जुड़े हेमंत गुप्ता ने बताया कि महाकुंभ को हरित कुंभ बनाने के लिए संस्था देश भर से स्टील की थाली और जूट के थैले एकत्रित करने की मुहिम चला रही है. ऋषिकेश से अब तक पांच हजार थाली और थैले एकत्रित किए गए हैं. जबकि पूरे देश से अब तक 10 लाख के करीब यह सामग्री एकत्रित हो गई है. 5 दिसंबर तक यह सारी थाली और थैले महाकुंभ मेले में ट्रांसपोर्ट के जरिए भेज दिए जाएंगे. जहां संस्था से जुड़े सदस्य थैले महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को वितरित करेंगे और थाली लंगर संचालकों को उपलब्ध कराई जाएगी. इससे श्रद्धालु डिस्पोजल की जगह स्टील की थाली में भोजन आसानी से कर सकेंगे. इस मुहिम से महाकुंभ को हरित कुंभ बनाने का प्रयास है.

प्रयागराज कुंभ को डिस्पोजल और पॉलिथीन मुक्त बनाने की पहल (VIDEO-ETV Bharat)

हेमंत गुप्ता ने बताया, संस्था ने लोगों को 'पेड़ लगाओ- पानी बचाओ' और 'पॉलिथीन हटाओ' का नारा भी दिया है. इसके अलावा देश के हर घर को कुंभ से जोड़ने के लिए हरित कुंभ, हर घर कुंभ, घर-घर कुंभ का नारा भी संस्था की ओर से दिया जा रहा है. हर घर से एक थैला एक थाली अभियान वर्तमान में जारी है. जो श्रद्धालु हरित कुंभ में अपना योगदान देना चाहते हैं, वह संस्था से संपर्क करके एक थाली एक थैला दे सकता है. यह सामग्री देने के लिए अंतिम तिथि 5 दिसंबर निर्धारित की गई है. संस्था ने महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं से डिस्पोजल छोड़कर अपने साथ स्टील की थाली और थैला ले जाने की अपील की है.

बता दें कि वर्ष 2019 में गठन पर्यावरण संरक्षण गतिविधि संस्था, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लगातार कार्य कर रही है. इसके अलावा संस्था हर साल वर्ल्ड लेवल पर ऑनलाइन पर्यावरण प्रतियोगिता भी आयोजित करती है. जिसमें करीब सात लाख लोग हर साल जुड़ते हैं और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करने का संकल्प लेते हैं.

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Last Updated : Nov 30, 2024, 6:51 PM IST
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