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हिमाचल की कांग्रेस कमेटी हुई भंग, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दी मंजूरी

हिमाचल में कांग्रेस की संपूर्ण इकाइयों को भंग कर दिया गया है. पार्टी हाईकमान ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह की मांग पर फैसला लिया.

हिमाचल में कांग्रेस कमेटी हुई भंग
हिमाचल में कांग्रेस कमेटी हुई भंग (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 6, 2024, 7:01 PM IST

Updated : Nov 6, 2024, 7:48 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है. इसके साथ ही जिला इकाइयों सहित ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों को भी तुरंत प्रभाव से भंग किया गया है. अखिल भारतीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बारे में आदेश जारी किए हैं जिसके बाद बुधवार को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के कार्यालय से लेटर जारी किया गया.

प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी सहित सभी जिला व ब्लॉक इकाइयों को भी भंग किए जाने के बारे में जानकारी दी गई है. हिमाचल में लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के बाद से ही कांग्रेस कार्यकारिणी को भंग किए जाने की मांग उठ रही थी. इसको लेकर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी हाईकमान को पत्र लिखकर पुरानी कार्यकारिणी को भंग कर नए सिरे से गठन की मंजूरी मांगी थी. ऐसे में हाईकमान ने इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है.

निष्क्रिय पदाधिकारियों की अब नो एंट्री

हिमाचल में इस साल हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सभी चारों सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था. हालांकि प्रदेश में दो बार हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा था. कांग्रेस ने 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई थी. इसके पीछे पार्टी पदाधिकारियों की निष्क्रियता बड़ी वजह बताई जा रही है. यहां तक कि मंडी संसदीय सीट पर कांग्रेस की स्थिति मजबूत मानी जा रही थी. यहां से प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के पुत्र PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन उनको भी हार का सामना करना पड़ा था जिसके पीछे पार्टी पदाधिकारियों की निष्क्रियता को कारण बताया गया है.

अब काम करने वालों को मिलेगी प्राथमिकता

हिमाचल में अब प्रदेश सहित जिला और ब्लॉक स्तर पर नए सिरे से कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा. हालांकि नई कार्यकारिणी का गठन कब तक होगा. इसको लेकर अभी तक कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ दिनों में इस बारे में हाईकमान से चर्चा करने के बाद फैसला लिया जा सकता है. नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर पार्टी हाईकमान कोई जल्दबाजी नहीं करेगा. प्रदेश कांग्रेस ने पहले ही प्रदेश सहित जिला और ब्लॉक स्तर पर निष्क्रिय पदाधिकारियों को बाहर किए जाने की बात कह दी है. इसी आधार पर कांग्रेस की कार्यकारिणी को भंग किया गया है.

गुटबाजी रहेगी हावी

हिमाचल में नई कार्यकारिणी का गठन कांग्रेस के लिए इतना आसान नहीं होगा. इसमें भी गुटबाजी हावी रहने की संभावना है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और हाली लॉज के बीच पहले ही छत्तीस का आंकड़ा है. ऐसे में दोनों गुटों का प्रयास रहेगा कि कार्यकारिणी में अपने अधिक से अधिक समर्थकों को शामिल किया जा सके.

ये भी पढ़ें: "कांग्रेस के भीतर चरम पर गुटबाजी, कार्यकारिणी भंग होने से लगी मुहर"

शिमला: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है. इसके साथ ही जिला इकाइयों सहित ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों को भी तुरंत प्रभाव से भंग किया गया है. अखिल भारतीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बारे में आदेश जारी किए हैं जिसके बाद बुधवार को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के कार्यालय से लेटर जारी किया गया.

प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी सहित सभी जिला व ब्लॉक इकाइयों को भी भंग किए जाने के बारे में जानकारी दी गई है. हिमाचल में लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के बाद से ही कांग्रेस कार्यकारिणी को भंग किए जाने की मांग उठ रही थी. इसको लेकर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी हाईकमान को पत्र लिखकर पुरानी कार्यकारिणी को भंग कर नए सिरे से गठन की मंजूरी मांगी थी. ऐसे में हाईकमान ने इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है.

निष्क्रिय पदाधिकारियों की अब नो एंट्री

हिमाचल में इस साल हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सभी चारों सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था. हालांकि प्रदेश में दो बार हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा था. कांग्रेस ने 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई थी. इसके पीछे पार्टी पदाधिकारियों की निष्क्रियता बड़ी वजह बताई जा रही है. यहां तक कि मंडी संसदीय सीट पर कांग्रेस की स्थिति मजबूत मानी जा रही थी. यहां से प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के पुत्र PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन उनको भी हार का सामना करना पड़ा था जिसके पीछे पार्टी पदाधिकारियों की निष्क्रियता को कारण बताया गया है.

अब काम करने वालों को मिलेगी प्राथमिकता

हिमाचल में अब प्रदेश सहित जिला और ब्लॉक स्तर पर नए सिरे से कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा. हालांकि नई कार्यकारिणी का गठन कब तक होगा. इसको लेकर अभी तक कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ दिनों में इस बारे में हाईकमान से चर्चा करने के बाद फैसला लिया जा सकता है. नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर पार्टी हाईकमान कोई जल्दबाजी नहीं करेगा. प्रदेश कांग्रेस ने पहले ही प्रदेश सहित जिला और ब्लॉक स्तर पर निष्क्रिय पदाधिकारियों को बाहर किए जाने की बात कह दी है. इसी आधार पर कांग्रेस की कार्यकारिणी को भंग किया गया है.

गुटबाजी रहेगी हावी

हिमाचल में नई कार्यकारिणी का गठन कांग्रेस के लिए इतना आसान नहीं होगा. इसमें भी गुटबाजी हावी रहने की संभावना है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और हाली लॉज के बीच पहले ही छत्तीस का आंकड़ा है. ऐसे में दोनों गुटों का प्रयास रहेगा कि कार्यकारिणी में अपने अधिक से अधिक समर्थकों को शामिल किया जा सके.

ये भी पढ़ें: "कांग्रेस के भीतर चरम पर गुटबाजी, कार्यकारिणी भंग होने से लगी मुहर"

Last Updated : Nov 6, 2024, 7:48 PM IST
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