ETV Bharat / state

उत्तराखंड छात्रवृति घोटाले में ED ने दाखिल की चार्जशीट, कई शिक्षण संस्थानों की बढ़ेंगी मुश्किलें, अफसर भी नपेंगे - Scholarship Scam in Uttarakhand - SCHOLARSHIP SCAM IN UTTARAKHAND

ED Chargesheet On Scholarship Scam of Uttarakhand उत्तराखंड में चर्चित छात्रवृत्ति घोटाला मामले पर ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. इसमें शिक्षण संस्थानों से जुड़े लोगों के साथ ही समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया है. इन सभी पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं. जानिए क्या था घोटाला?

Enforcement Directorate
प्रवर्तन निदेशालय (फोटो सोर्स- IANS)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 23, 2024, 10:39 PM IST

Updated : Aug 23, 2024, 10:51 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल लाने वाले छात्रवृत्ति घोटाले का जिन्न एक बार फिर सामने आया है. इस बार छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) का एक्शन चर्चाओं में है. दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय ने स्पेशल कोर्ट में छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी अधिकारियों और शिक्षण संस्थानों से जुड़े लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में 8 लोगों पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच की थी. जिसका चार्जशीट में भी जिक्र बताया गया है.

उत्तराखंड में छात्रवृत्ति घोटाले में हुई जांच के दौरान समाज कल्याण विभाग के कई अधिकारियों को जांच से गुजरना पड़ा है. इस दौरान समाज कल्याण विभाग के सीनियर अधिकारी गीताराम नौटियाल और अनुराग शंखधर समेत 8 के खिलाफ भी आरोप पत्र दिया गया. ईडी (ED) की ओर से दाखिल आरोप पत्र को स्पेशल कोर्ट में 30 अगस्त को संज्ञान में लिया जाएगा. इससे पहले इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

साल 2017 में सामने आया था मामला: साल 2017 में इस मामले के सामने आने के बाद इस पर जांच के आदेश दिए गए थे. सबसे पहले समाज कल्याण विभाग के स्तर पर ही इस मामले की जांच की जा रही थी, लेकिन बाद में यह मामला साल 2019 में एसआईटी यानी स्पेशल टास्क फोर्स को दे दिया गया. यह मामला जैसे ही एसआईटी के पास पहुंचा तो एक के बाद एक नए खुलासे हुए. यह मामला नैनीताल हाईकोर्ट भी गया. ऐसे में हाईकोर्ट की सख्ती पर एसआईटी हरकत में आई थी.

देहरादून के साथ हरिद्वार जिले के कई शिक्षण संस्थानों में फर्जी तरीके से छात्रों के एडमिशन दिखाकर सरकारी छात्रवृत्ति गबन की बात सामने आने लगी. उसी दौरान एसआईटी (SIT) की जांच में इसे करीब 100 करोड़ से ज्यादा का घोटाला बताया गया. हालांकि, इस मामले में ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने देरी से एंट्री की और 2022 से वित्तीय लेनदेन के मामलों पर जांच शुरू कर दी गई.

क्या है घोटाला: उत्तराखंड में साल 2010 से लेकर 2016 तक समाज कल्याण विभाग में एससी/एसटी छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप लगा था. इस दौरान कॉलेजों की मिलीभगत से अपात्र लोगों को भी छात्रवृत्ति बांट दी गई थी. इस फर्जीवाड़े में कई शिक्षण संस्थान शामिल थे. आरोप लगा कि कई शिक्षण संस्थानों ने छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ों की रकम डकारी.

मामले की जांच एसआईटी ने किया और समाज कल्याण विभाग के 6 बड़े अफसरों समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया. साथ ही इस घोटाले में शामिल उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों के कई शिक्षण संस्थानों पर केस दर्ज किया गया. छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी गीताराम नौटियाल को भी गिरफ्तार किया गया. बाद में हाईकोर्ट की एकल पीठ से जमानत भी मिली.

संबंधित खबरें पढ़ें-

देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल लाने वाले छात्रवृत्ति घोटाले का जिन्न एक बार फिर सामने आया है. इस बार छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) का एक्शन चर्चाओं में है. दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय ने स्पेशल कोर्ट में छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी अधिकारियों और शिक्षण संस्थानों से जुड़े लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में 8 लोगों पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच की थी. जिसका चार्जशीट में भी जिक्र बताया गया है.

उत्तराखंड में छात्रवृत्ति घोटाले में हुई जांच के दौरान समाज कल्याण विभाग के कई अधिकारियों को जांच से गुजरना पड़ा है. इस दौरान समाज कल्याण विभाग के सीनियर अधिकारी गीताराम नौटियाल और अनुराग शंखधर समेत 8 के खिलाफ भी आरोप पत्र दिया गया. ईडी (ED) की ओर से दाखिल आरोप पत्र को स्पेशल कोर्ट में 30 अगस्त को संज्ञान में लिया जाएगा. इससे पहले इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

साल 2017 में सामने आया था मामला: साल 2017 में इस मामले के सामने आने के बाद इस पर जांच के आदेश दिए गए थे. सबसे पहले समाज कल्याण विभाग के स्तर पर ही इस मामले की जांच की जा रही थी, लेकिन बाद में यह मामला साल 2019 में एसआईटी यानी स्पेशल टास्क फोर्स को दे दिया गया. यह मामला जैसे ही एसआईटी के पास पहुंचा तो एक के बाद एक नए खुलासे हुए. यह मामला नैनीताल हाईकोर्ट भी गया. ऐसे में हाईकोर्ट की सख्ती पर एसआईटी हरकत में आई थी.

देहरादून के साथ हरिद्वार जिले के कई शिक्षण संस्थानों में फर्जी तरीके से छात्रों के एडमिशन दिखाकर सरकारी छात्रवृत्ति गबन की बात सामने आने लगी. उसी दौरान एसआईटी (SIT) की जांच में इसे करीब 100 करोड़ से ज्यादा का घोटाला बताया गया. हालांकि, इस मामले में ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने देरी से एंट्री की और 2022 से वित्तीय लेनदेन के मामलों पर जांच शुरू कर दी गई.

क्या है घोटाला: उत्तराखंड में साल 2010 से लेकर 2016 तक समाज कल्याण विभाग में एससी/एसटी छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप लगा था. इस दौरान कॉलेजों की मिलीभगत से अपात्र लोगों को भी छात्रवृत्ति बांट दी गई थी. इस फर्जीवाड़े में कई शिक्षण संस्थान शामिल थे. आरोप लगा कि कई शिक्षण संस्थानों ने छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ों की रकम डकारी.

मामले की जांच एसआईटी ने किया और समाज कल्याण विभाग के 6 बड़े अफसरों समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया. साथ ही इस घोटाले में शामिल उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों के कई शिक्षण संस्थानों पर केस दर्ज किया गया. छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी गीताराम नौटियाल को भी गिरफ्तार किया गया. बाद में हाईकोर्ट की एकल पीठ से जमानत भी मिली.

संबंधित खबरें पढ़ें-

Last Updated : Aug 23, 2024, 10:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.