लखनऊ : ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने मंगलवार को नगरीय निकाय निदेशालय में उच्चाधिकारियों के साथ विद्युत वितरण निगमों के कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी क्षेत्रों को निर्धारित शेड्यूल के अनुरूप निर्बाध विद्युत आपूर्ति दी जाए, जहां कहीं पर भी अतिरिक्त कटौती हो वहां ज्यादा बिजली देकर कमी को पूरा किया जाए.
उन्होंने कहा कि बरसात में उपभोक्ताओं को बिजली कटौती का सामना न करना पड़े. विद्युत व्यवधान व फाल्ट होने पर शीघ्र ही उसे ठीक करने की कोशिश करें. उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित संज्ञान लेकर गुणवत्ता पूर्ण समाधान कराएं. विद्युत आपूर्ति के सापेक्ष ही राजस्व वसूली के लिए भी प्रयास किए जाएं. उपभोक्ताओं की समस्या सुनने के लिए एक बार फिर जनसुनवाई शुरू की जाए.
माननीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में ऊर्जा विभाग, उत्तर प्रदेश, ऐतिहासिक कार्य कर रहा है।
— A K Sharma (@aksharmaBharat) July 9, 2024
इसी क्रम में आज अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा, अध्यक्ष यूपीपीसीएल, प्रबंध निदेशक, यूपीपीसीएल, सभी डिस्काम के प्रबंध निदेशक, ऊर्जा विभाग के समस्त मुख्य… pic.twitter.com/oY5kKeQL0h
उन्होंने कहा कि प्रदेश को 24 घंटे बिजली मिल सके, इसके लिए सभी कार्मिकों को अपने क्षेत्रों में विद्युत चोरी पर अंकुश लगाने के साथ ही लाइनलाॅस को कम करना होगा. विद्युत चोरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करें. छोटे उपभोक्ताओं को परेशान करने से राजस्व में बढ़ोत्तरी नहीं होगी, बल्कि बड़े उपभोक्ताओं के यहां राजस्व वसूली के प्रयास किए जायें. बड़ी विद्युत चोरियों को हरहाल में रोकें, विजलेंस टीम प्रदेश भर में हजार-पांच सौ क्षेत्र चिन्हित कर बिजली चोरी रोकने और राजस्व बढ़ाने के प्रयास करें. जनप्रतिनिधियों और विद्युत कार्मिकों के बीच संवाद स्थापित करने के लिए बैठकें करें और उनकी समस्याओं का निदान करायें. उनके सुझावों पर अमल करें.
उन्होंने कहा कि बरसात में विद्युत उपकरणों, पोल, स्टे वायर और ट्रांसफार्मर जाली से अक्सर करंट उतर जाता है, जिससे जनहानि के साथ पशुहानि की संभावना रहती है. इसकी भी जांच करते रहें. विद्युत दुर्घटनाओं से होने वाली कार्मिकों की मौत को रोकने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग करें. लाइन में काम करने वाले कार्मिकों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराएं. बिजली के टेढ़े पोल व झूलते तार को ठीक करें, आंधी-पानी में लाइन व पोल के टूटने से आपूर्ति बाधित होने पर शीघ्र बहाली के प्रयास करें.
उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के परिसर में मीटर लगाने, लोड बढ़ाने जैसी समस्याओं का शीघ्र निदान करें. ट्रांसफार्मर के क्षतिग्रस्त होने पर उसको बदलने में ज्यादा समय न लगे इसके लिए स्टोर की क्षमता बढ़ाएं और इस व्यवस्था को विकेन्द्रीकृत करें, जिससे समय से उपभोक्ताओं, किसानों को कनेक्शन के लिए सामग्री उपलब्ध हो सके. उन्होंने कहा कि अभी भीषण गर्मी में विद्युत आपूर्ति में व्यवधान नहीं हुआ और 30,618 मेगावॉट देश में सर्वाधिक विद्युत आपूर्ति प्रदेश में की गई. पिछले दो वर्षों से 23 से 24 हजार करोड़ रुपये से विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के कार्य चल रहे हैं, इसमें आरडीएसएस के अन्तर्गत 17 हजार करोड़ रुपये, विजनेश प्लान के तहत 5 हजार करोड़ रुपये और नगर निकायों में एक हजार करोड़ रुपये के विद्युत व्यवस्था के कार्य हो रहे हैं.
ऊर्जा मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि प्रदेश में विद्युत व्यवस्था बहाल रहे इसके लिए सभी स्थानान्तरित कार्मिक कल तक अपने तैनाती स्थल पर ज्वाइन करें नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. ऊर्जा मंत्री ने बनारस, गोरखपुर, अयोध्या की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने और प्रयागराज, बलरामपुर जिलों से आने वाली गम्भीर शिकायतों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए. एमडी मध्यांचल को किसानों को समय से नलकूप कनेक्शन की सामग्री उपलब्ध कराने को कहा. उन्होंने कहा कि ‘सम्भव’ के तहत की जाने वाली जनसुनवाई को सभी स्तरों पर फिर से शुरू की जाए, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिले.
प्रमुख सचिव ऊर्जा नरेन्द्र भूषण ने कहा कि बिजली आपूर्ति के सापेक्ष सभी कार्मिक रेवन्यू प्राप्त करें, इसके लिए आकांक्षी डिवीजन का चयनित करें और प्रत्येक उपकेन्द्र को मॉडल यूनिट बनाकर कार्य करें. जहां कहीं भी ओवर लोडिंग हो उसका समाधान कराएं, लोगों की समस्याएं दूर करें. विद्युत व्यावधान या शटडाउन की सूचना लोगों को जरूर दें. सुरक्षा के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही न की जाए. तकनीकी का बेहतर प्रयोग करें.
यूपीपीसीएल के चेयरमैन डॉ आशीष कुमार गोयल ने बताया कि इस वर्ष गर्मी में बहुत ज्यादा विद्युत आपूर्ति की गई, जिसके सापेक्ष राजस्व वसूली नहीं हुई. राजस्व वसूली बढ़ाने के लिए सभी डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्रों के ऐसे वितरण डिवीजन और उपकेंद्रों को चिन्हित करें जिनका वर्ष 2023-24 में प्रति यूनिट थ्रू रेट वर्ष 2022-23 से भी कम रहा, ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें. पूरे प्रदेश में ऐसे वितरण डिवीजन, जिनका थ्रू रेट कम है वे आकांक्षी डिवीजन की श्रेणी में हैं, जहां से राजस्व कम प्राप्त हो रहा है और लाइनलाॅस भी अधिक है. राजस्व वसूली बढ़ाने और लाइनलाॅस कम करने के लिए उपकेंद्र और फीडर स्तर पर रणनीति बनाकर कार्य किया जाएगा.
यह भी पढ़ें : यूपी में बिजली संकट से हाहाकार, ऊर्जा मंत्री की नजर में सब ऑल इज वेल - Electricity problem in UP
यह भी पढ़ें : यूपी में लोगों को 24 घंटे सप्लाई और सस्ती बिजली मिलेगी, मास्टर प्लान तैयार