जयपुर. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के 5 साल के कार्यकाल के दौरान भर्ती हुए तमाम कर्मचारियों की अब जांच होगी. इसे लेकर कार्मिक विभाग (भर्ती प्रकोष्ठ) ने एक आदेश जारी करते हुए बीते 5 सालों में भर्ती राज्य कर्मियों की विभागों को आंतरिक जांच करने की निर्देश दिए हैं. इस जांच में प्रमुख रूप से बीते 5 साल में भर्ती हुए कर्मचारी की डिग्री और दस्तावेज खंगाले जाएंगे, ताकि प्राइवेट यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री या फिर डमी कैंडिडेट के जरिए भर्ती हुए कर्मचारियों को पकड़ा जा सके.
बीते 5 साल में लाइब्रेरियन ग्रेड-III, कनिष्ठ अभियंता (सिविल), रीट 2021, कांस्टेबल 2021, वनरक्षक और वरिष्ठ अध्यापक जैसी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले सामने आए. इसके अलावा पीटीआई भर्ती परीक्षा में फर्जी डिग्री और डमी कैंडिडेट के मामलों की एसओजी जांच कर रही है. ऐसे में अब इन भर्तियों में शामिल ऐसे कैंडिडेट जो विभागों में नियुक्त किए जा चुके हैं, उनकी भी इंटरनल जांच की जाएगी, ताकि फर्जी दस्तावेज या डमी कैंडिडेट के सहारे भर्ती हुए कर्मचारियों को पकड़ा जा सके.
सूचना एसओजी को उपलब्ध करवाने के निर्देश : इस संबंध में कार्मिक विभाग ने सभी विभागों से बीते 5 साल में भर्ती हुए कर्मचारियों के डॉक्यूमेंट्स के मिलान के लिए इंटरनल इन्वेस्टिगेशन कमेटी बनाने को कहा है, जिससे ये पता लगाया जा सके कि वर्तमान में विभाग में कार्यरत कर्मचारी कहीं फर्जी डिग्री या डमी कैंडिडेट के भरोसे तो इस मुकाम तक नहीं पहुंचा. कार्मिक विभाग के आदेशों में कर्मचारियों के शैक्षणिक पात्रता के दस्तावेज और आवेदन के समय पेश किए गए आवेदन पत्र, फोटो, हस्ताक्षर की जांच करने और जांच के बाद जिन कर्मचारियों की भर्ती के संबंध में सूचनाएं संदिग्ध पाई गई हैं, उसकी सूचना एसओजी को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए हैं.
बता दें कि बीते दिनों एसआई भर्ती में डमी कैंडीडेट्स का मामला सामने आया था. इस पर एसओजी ने अब जांच को आगे बढ़ाया है और इसी के आधार पर बीते 5 साल में हुई भर्तियों को लेकर मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा था, जिसके बाद अब कार्मिक विभाग ने बीते 5 साल में भर्ती हुए कर्मचारियों की कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है.