देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में अवैध नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों को अब सरकारी आवास से हटाने के लिए आखिरी नोटिस दे दिया गया है. बर्खास्त कर्मचारियों को 7 मार्च तक हर हाल में राज्य संपति विभाग द्वारा दिए गए आवास को खाली करना होगा. ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी चेतावनी दे दी गई है. इस संदर्भ में राज्य संपति विभाग के विहित प्राधिकारी दिनेश प्रताप सिंह ने सभी बर्खास्त कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है.
राज्य संपति विभाग की केदारपुरम स्थित सरकारी कॉलोनी में अभी 40 कर्मचारी रह रहे हैं. बर्खास्त होने के बाद इन कर्मचारियों को पूर्व में भी घर खाली करने के नोटिस जारी हो चुके हैं. इस मामले में नोटिस जारी होने के बाद भी 40 कर्मचारियों ने आवास खाली नहीं किए हैं. ऐसे में अब विहित प्राधिकारी दिनेश प्रताप सिंह ने नियमानुसार 7 मार्च तक का अंतिम मौका देते हुए नोटिस जारी किया है.
नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि नियत तिथि तक आवास खाली नहीं करने पर कर्मचारियों की बेदखली की कार्यवाही की जाएगी.साथ ही बाजार दर पर किराया भी वसूला जाएगा. इतना ही नहीं ऐसा करने वालों से बेदखली में होने वाले खर्च की भी वसूली की जाएगी. इस मामले में सभी 40 बर्खास्त कर्मचारियों को अलग-अलग नोटिस जारी कर दिए गए हैं.
दरअसल, उत्तराखंड विधानसभा में बिना प्रक्रिया के कर्मचारियों को नियुक्ति देने का मामला पूर्व में सामने आया था. जिस पर काफी विवाद भी हुआ था. इस प्रकरण में खुद विधानसभा अध्यक्ष ने 228 से ज्यादा कर्मचारियों को बर्खास्त करने के निर्देश दिए थे. यह वह कर्मचारी थे जिनकी नियुक्ति 2016 से 2021 तक तदर्थ पर की गई थी. इनकी बर्खास्तगी के बावजूद 40 कर्मचारी आवास खाली नहीं कर रहे थे. जिनको नोटिस जारी हुए हैं.
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