नई दिल्ली: दिल्ली नेशनल जूलॉजिकल पार्क में वर्ष 1993 से मल्टी टास्क स्टाफ (एमटीएस) के 104 पद खाली थे. कॉन्ट्रैक्ट पर रखे कर्मचारी ही जूलॉजिकल पार्क का काम संभाल रहे थे. अब 31 साल बाद 2024 में जू कीपर, गार्डिंग, सुरक्षा व वर्कशॉप सेक्शन में रिक्त पदों की भर्ती की गई. लेकिन काम पसंद नहीं आने के कारण 43 युवा सरकारी नौकरी छोड़कर चले गए. अब केवल 61 स्टाफ जूलॉजिकल पार्क में नौकरी कर रहे हैं.
दिल्ली में पुराने किले के पास 176 एकड़ में फैला नेशनल जूलॉजिकल पार्क है. यहां पर 96 प्रजाति के 1200 से अधिक पशु पक्षी हैं. इन्हें देखने के लिए रोजाना हजारों लोग आते हैं. ऐसे में वन्यजीवों के संरक्षण में आ रही लापरवाही को दूर करने को लेकर भर्ती प्रक्रिया स्टाफ सलेक्शन कमिशन (एसएससी) के तहत की गई. इसमें अधिकतर पदों पर पढ़े-लिखे कर्मचारी शामिल हैं, जिसमें कुछ तो एमएससी व बीटेक पास हैं. पार्क की डायरेक्टर आकांक्षा महाजन ने बताया 104 पदों पर भर्ती की गई थी. जिसे ट्रेनिंग दी गई.
नहीं पसंद आया काम नौकरी छोड़ गए युवा: मल्टी टास्क स्टाफ की जॉइनिंग करने वाले कुछ युवाओं से हमने बात की तो उन्होंने अपनी जानकारी गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि हमने कठिन एग्जाम इसलिए पास किया था ताकि कोई ऑफिस की नौकरी कर सकें लेकिन यहां पर साफ-सफाई से लेकर निराई गुड़ाई और अन्य काम करने पड़ रहे हैं. जो युवा नौकरी छोड़ गए उन्होंने कभी इस तरीके का काम नहीं किया था. जिससे उन्हें समस्या हो रही थी.
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कर्मचारियों ने बताया कुछ अन्य लोगों का भी अच्छे पोस्ट पर सिलेक्शन हुआ है. वह भी जल्द नौकरी छोड़ सकते हैं. वहीं कुछ का कहना है कि वह काम के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे जिससे और अच्छी नौकरी पा सकें. वहीं, इस मामले में आकांक्षा महाजन का कहना है कि 63 स्टाफ आए थे. 1-2 का किसी और नौकरी के लिए चयन हो गया. बाकी स्टाफ आ रहे हैं.