गरियाबंद: बीएमओ दफ्तर में काम करने वाले कर्चचारी वीरेंद्र भंडारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पकड़े गए कर्मचारी पर आरोप है कि उसने 10 लोगों के साथ मिलकर तीन करोड़ की सरकारी राशि का गबन किया है. लंबित वेतन फर्जी बिल बनाकर इस पूरे खेल को अंजाम दिया गया. पुलिस ने इस मामले में बड़े अधिकारियों समेत 11 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज किया है. FIR दर्ज होने के बाद मंगलवार को न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका भी लगाई है. जिसके बाद ट्रेजरी अफसर द्वारिका प्रसाद वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका आज न्यायालय ने खारिज कर दी. बुधवार को इसी मामले में दो और अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है.
तीन करोड़ की सरकारी राशि के गबन का आरोप: जिले के मैनपुर स्वास्थ्य केंद्र में हुई 3 करोड़ से अधिक की गबन के मामले में स्वास्थ्य विभाग के पूर्व लिपिक वीरेंद्र भंडारी को मैनपुर पुलिस ने गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया. गबन के इस मामले में 10 अन्य आरोपियों के विरुद्ध भी कार्रवाई जारी है. सभी 10 आरोपियों में से तीन आरोपियों ने कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दिया है जिसमें से एक की जमानत याचिका कोर्ट खारिज कर चुका है.
''वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया था. जांच में ये पता चला कि फर्जी बिलों के जरिए तीन करोड़ की राशि का गबन किया गया है. जांच के लिए आवेदन किया गया था. जांच में ये पाया गया बीएमओ कार्यालय और ट्रेजरी विभाग के कर्चमारियों के द्वारा घोटाला किया गया. पूरे मामले में दस लोगों को आरोपी बनाया गया है''. - निशा सिन्हा, डीएसपी, गरियाबंद
गबन के आरोपियों पर कसता शिकंजा: तीन करोड़ के गबन के मामले में कार्रवाई होने और 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप की स्थिति है. मैनपुर पुलिस लगातार इस मामले में कार्रवाई कर दोषियों से पूछताछ कर रही है.