नई दिल्ली/नोएडा: रेव पार्टी आयोजित करने और उसमें सांपों का जहर सप्लाई करने के मामले में गिरफ्तार यू-ट्यूबर एल्विश यादव को गौतम बुद्ध नगर जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में मंगलवार को ट्रांसफर कर दिया गया. रविवार को गिरफ्तारी के बाद एल्विश को क्वॉरेंटाइन बैरक में रखा गया था. गिरफ्तारी के बाद सोमवार को एल्विश के पिता ने उससे जेल में जाकर मुलाकात की. इस दौरान वह भावुक हो गया.
जबकि, उसकी मां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वकीलों की हड़ताल के कारण एल्विश यादव की जमानत की अर्जी कोर्ट में दाखिल नहीं की जा सकी. बताया जा रहा है कि हड़ताल खत्म होने के बाद जमानत की अर्जी कोर्ट में पेश की जाएगी. तब तक उसको जेल में ही रहना होगा.
जेल सुपरिंटेंडेंट अरुण कुमार सिंह ने बताया कि एल्विश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे जेल में बनी अति सुरक्षित बैरक में रखा गया है. उन्होंने बताया कि उक्त बैरक में पूर्व से तीन अन्य लोग बंद है, जो अन्य जनपदों से ट्रांसफर होकर नोएडा कारागार में आए हैं. उन्होंने बताया कि सोमवार दोपहर एल्विश के पिता राम अवतार यादव अपने बेटे से मिलने के लिए जेल आए. दोनों के बीच काफी देर तक बात हुई. बताया जा रहा है कि इस दौरान एल्विश अपने पिता से मिलकर भावुक हो गया. काफी देर तक वह भीगी पलकों से पिता को निहारता रहा. इस दौरान अधिवक्ता भी उनके साथ थे.
एल्विश के विरोधी और समर्थक सोशल मीडिया पर आमने-सामनेः एल्विश की गिरफ्तारी के बाद उसके विरोधी और समर्थक सोशल मीडिया पर आमने-सामने हैं. विरोधी जहां नोएडा पुलिस की गिरफ्तारी की प्रशंसा कर रहे हैं, वहीं समर्थक गिरफ्तारी को सुनियोजित साजिश करार दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर मीम की बाढ़ आ गई है. लोग इस पर तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा कि नोएडा पुलिस ने आचार संहिता लगते ही एल्विश का सिस्टम हैंग करने के साथ ही फेल भी कर दिया है.
एल्विश पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत कई मामलेः नोएडा पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, एल्विश के खिलाफ मिले साक्ष्यों और सबूतों का संकलन पुलिस ने पहले से ही कर लिया था. एफएसएल रिपोर्ट भी पुलिस साथ ले गई. वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत देश भर में दर्ज केस का भी पुलिस की टीम ने अध्ययन कर लिया था. जब पुलिस की टीम एल्विश यादव को लेकर सूरजपुर कोर्ट पहुंची और वहां अपना पक्ष रखा तो एल्विश के वकील का तर्क काम नहीं आया. पुलिस ने सभी साक्ष्यों और एफएसएल रिपोर्ट को कोर्ट के सामने रखकर अपील की थी कि एल्विश यादव का बाहर रहना वन्य जीव के लिए खतरनाक है. बाहर रहकर यह साक्ष्यों के साथ खिलवाड़ भी कर सकता है. उस पर पुलिस ने मूल कर्तव्यों का पालन ना करने का भी आरोप लगाया.
होगी ठोस कार्रवाईः डीसीपी विद्या सागर मिश्रा ने कहा कि साक्ष्यों का संकलन और विवेचना चल रही है, जो भी दोषी या संलिप्त होगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. एल्विश से पूछताछ के लिए पुलिस ने 150 सवालों की सूची बनाई थी. 75 से अधिक सवाल सूची के बाहर से भी पूछे गए. पुलिस चौकी पर पूछताछ के दौरान जैसे ही अधिकारियों ने उससे सांपों के जहर की रेव पार्टियों में सप्लाई करने के मामले में उसकी संलिप्तता पर बात की वह एकदम शांत हो गया और कहा कि उसे इस बारे में कुछ भी नहीं बोलना है. एल्विश ज्यादातर सवालों का जवाब हां और ना में देता रहा.
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एल्विश यादव एक मशहूर यूट्यूबर हैं. वह यूट्यूब चैनल पर कॉमेडी वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर साझा करता है. उसके यूट्यूबर पर 14.2 मिलियन के करीब सब्सक्राइबर हैं. 29 अप्रैल 2016 को उसने यूट्यूब की दुनिया में कदम रखा था. बिग बॉस ओटीटी-2 की ट्रॉफी जीतने के बाद उसकी लोकप्रियता काफी बढ़ गई. उसके ज्यादातर फॉलोअर 16 साल के किशोर से लेकर 35 साल तक के युवा हैं.
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