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गरियाबंद में हाथी के शावक की मौत, पोटाश बम से हुआ था घायल - UDANTI SITANADI TIGER RESERVE

गरियाबंद में हाथी के शावक की मौत हो गई है. यह शिकारियों के पोटाश बम में घायल हुआ था.

UDANTI SITANADI TIGER RESERVE
हाथी के शावक की मौत (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 7, 2024, 6:17 PM IST

Updated : Dec 7, 2024, 8:17 PM IST

गरियाबंद: गरियाबंद में पोटाश बम के धमाके से घायल हाथी के शावक की मौत हो गई है. वन विभाग ने इसकी पुष्टि कर दी है. शनिवार दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर हाथी के शावक ने अंतिम सांस ली है. हाथी का शावक करीब एक महीने पहले 8 नवंबर को शिकारियों के लगाए गए पोटाश बम के ब्लास्ट में घायल हो गया था. 10 नवंबर को वन विभाग और उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के प्रबंधन ने इसकी पुष्टि की थी. इसके बाद से लगातार वन विभाग की टीम ने हाथी के शावक की ट्रेसिंग शुरू कि और 27 नवंबर को हाथी के शावक को खोजने में उसे सफलता मिली.

27 नवंबर से चल रहा था हाथी के शावक का इलाज: 27 नवंबर से उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में हाथी के घायल शावक का इलाज चल रहा था. लगातार हाथी को ड्रिप चढ़ाया जा रहा था और उसे इंजेक्शन दिया जा रहा था. रायपुर जंगल सफारी के डॉक्टर उसका इलाज कर रहे थे. कुछ दिन पहले हाथी के शावक की तबीयत सुधर गई. हाथी के शावक की स्थिति सुधर गई थी. उसके बाद चार दिसंबर 2024 को हाथी ने धमतरी में एक चार साल की बच्ची की जान ले ली. हाथी लगातार विचरण कर रहा था. उसका इलाज भी चल रहा था. बावजूद इसके उसकी हालत बिगड़ती चली गई.

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व प्रबंधन का बयान (ETV BHARAT)

पोटाश बम से घायल हुआ था शावक: डॉक्टरों के मुताबिक हाथी के मुंह में पोटाश बम फटा था. जब वह उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व एरिया में घूम रहा था. उसने पोटाश बम को खाने का सामान समझकर अपने मुंह में दबा लिया. जिसके बाद पोटाश बम फटने से वह घायल हो गया. यह करीब 8 नवंबर की घटना है. उसके बाद 10 नवंबर को वन विभाग को पता चला. 27 नवंबर से वन विभाग ने हाथी का इलाज शुरू किया. सात दिसंबर को हाथी के शाव की मौत हो गई. डॉक्टरों ने बताया कि हाथी के शावक के मुंह में पोटाश बम फटने से घाव में मवाद बन गया. जिसकी वजह से उसकी मौत हुई. वन विभाग मौत के सही कारण का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कह रहा है. कल पोस्टमार्टम होगा और कल ही हाथी का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

एक महीने पहले हाथी का एक शावक पोटाश बम से घायल हो गया था. उसके जबड़े में चोट लगी. यह तीस हाथियों के दल में शामिल था. 20 दिन बाद जब यह हाथी दल से अलग हुआ तो हमने उसका इलाज शुरू करवाया. रायपुर जंगल सफारी के डॉक्टर राकेश वर्मा तथा डॉक्टर डी मुर्गन हाथी के शावक का इलाज कर रहे थे. हाथी का इलाज चल रहा था लेकिन हम उसे बचा नहीं सके. शनिवार दोपहर 3.35 बजे हाथी के शावक की मौत हो गई. रविवार को इसका पोस्टमार्टम कराया जाएगा. वन अधिकारियों और उदंती सीतानदी टाइगर प्रोजेक्ट के अधिकारी मौजूद रहेंगे- वरुण जैन, उप निदेशक, उदंती सीतानदी टाइगर प्रोजेक्ट

शिकारी का पता लगाने में जुटा वन विभाग: वन विभाग शिकारी का पता लगाने में जुट गया है. वन विभाग कह रहा है कि वह शिकारी को पकड़कर सख्त कार्रवाई करेगा. गरियाबंद में अब तक चार हाथी की मौत हुई है. इससे पहले एक हाथी की मौत उदंती क्षेत्र में और 2 हाथी की मौत गरियाबंद वन मंडल में हुई है.

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में हाथी का शावक घायल, जांच में जुटा प्रबंधन

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गरियाबंद: गरियाबंद में पोटाश बम के धमाके से घायल हाथी के शावक की मौत हो गई है. वन विभाग ने इसकी पुष्टि कर दी है. शनिवार दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर हाथी के शावक ने अंतिम सांस ली है. हाथी का शावक करीब एक महीने पहले 8 नवंबर को शिकारियों के लगाए गए पोटाश बम के ब्लास्ट में घायल हो गया था. 10 नवंबर को वन विभाग और उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के प्रबंधन ने इसकी पुष्टि की थी. इसके बाद से लगातार वन विभाग की टीम ने हाथी के शावक की ट्रेसिंग शुरू कि और 27 नवंबर को हाथी के शावक को खोजने में उसे सफलता मिली.

27 नवंबर से चल रहा था हाथी के शावक का इलाज: 27 नवंबर से उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में हाथी के घायल शावक का इलाज चल रहा था. लगातार हाथी को ड्रिप चढ़ाया जा रहा था और उसे इंजेक्शन दिया जा रहा था. रायपुर जंगल सफारी के डॉक्टर उसका इलाज कर रहे थे. कुछ दिन पहले हाथी के शावक की तबीयत सुधर गई. हाथी के शावक की स्थिति सुधर गई थी. उसके बाद चार दिसंबर 2024 को हाथी ने धमतरी में एक चार साल की बच्ची की जान ले ली. हाथी लगातार विचरण कर रहा था. उसका इलाज भी चल रहा था. बावजूद इसके उसकी हालत बिगड़ती चली गई.

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पोटाश बम से घायल हुआ था शावक: डॉक्टरों के मुताबिक हाथी के मुंह में पोटाश बम फटा था. जब वह उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व एरिया में घूम रहा था. उसने पोटाश बम को खाने का सामान समझकर अपने मुंह में दबा लिया. जिसके बाद पोटाश बम फटने से वह घायल हो गया. यह करीब 8 नवंबर की घटना है. उसके बाद 10 नवंबर को वन विभाग को पता चला. 27 नवंबर से वन विभाग ने हाथी का इलाज शुरू किया. सात दिसंबर को हाथी के शाव की मौत हो गई. डॉक्टरों ने बताया कि हाथी के शावक के मुंह में पोटाश बम फटने से घाव में मवाद बन गया. जिसकी वजह से उसकी मौत हुई. वन विभाग मौत के सही कारण का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कह रहा है. कल पोस्टमार्टम होगा और कल ही हाथी का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

एक महीने पहले हाथी का एक शावक पोटाश बम से घायल हो गया था. उसके जबड़े में चोट लगी. यह तीस हाथियों के दल में शामिल था. 20 दिन बाद जब यह हाथी दल से अलग हुआ तो हमने उसका इलाज शुरू करवाया. रायपुर जंगल सफारी के डॉक्टर राकेश वर्मा तथा डॉक्टर डी मुर्गन हाथी के शावक का इलाज कर रहे थे. हाथी का इलाज चल रहा था लेकिन हम उसे बचा नहीं सके. शनिवार दोपहर 3.35 बजे हाथी के शावक की मौत हो गई. रविवार को इसका पोस्टमार्टम कराया जाएगा. वन अधिकारियों और उदंती सीतानदी टाइगर प्रोजेक्ट के अधिकारी मौजूद रहेंगे- वरुण जैन, उप निदेशक, उदंती सीतानदी टाइगर प्रोजेक्ट

शिकारी का पता लगाने में जुटा वन विभाग: वन विभाग शिकारी का पता लगाने में जुट गया है. वन विभाग कह रहा है कि वह शिकारी को पकड़कर सख्त कार्रवाई करेगा. गरियाबंद में अब तक चार हाथी की मौत हुई है. इससे पहले एक हाथी की मौत उदंती क्षेत्र में और 2 हाथी की मौत गरियाबंद वन मंडल में हुई है.

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Last Updated : Dec 7, 2024, 8:17 PM IST
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