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छत्तीसगढ़ में हाथी ने 24 घंटे के अंदर 3 लोगों को कुचला, झुंड से अलग हुआ हाथी हुआ आक्रामक - Elephant crushed 3 people

Elephant crushed 3 people छत्तीसगढ़ के कोरबा में लोनर हाथी ने तीन लोगों की जान ले ली. वन विभाग के मुताबिक हाथी मस्त अवस्था में है इसलिए ज्यादा आक्रामक बना हुआ है. गुरुवार को हाथी कुसमुंडा कोयला खदान के पास पहुंच गया. बताया जाता है कि आमतौर पर हाथी खदानों के आसपास गतिविधि ज्यादा होने के कारण नहीं आते हैं.

Elephant crushed 3 people
हाथी ने 3 को कुचला (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 9, 2024, 11:22 AM IST

Updated : Aug 9, 2024, 8:15 PM IST

कोरबा: रिहायशी इलाके के करीब पहुंचे हाथी ने 24 घंटे के अंदर तीन महिलाओं को कुचलकर मार डाला. हाथी ने गुरुवार सुबह एक महिला की जान ले ली. देर रात होते तक 2 और महिलाओं को कुचलकर मार डाला. वन विभाग लगातार हाथी के मूवमेंट पर नजर रखे हुए है. वन विभाग की और से पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद भी दी गई है.

हाथी ने तीन लोगों की ली जान (ETV Bharat Chhattisgarh)

हाथी ने ली जान: खैरभवना गांव में हाथी ने गुरुवार रात एक ही परिवार की दो महिला सदस्यों - तीज कुंवर (60) और सुरजा बाई (40) पर हमला कर दिया. जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई. इससे पहले गुरुवार सुबह हाथी ने रलिया गांव में गायत्री राठौर पर उस समय हमला कर दिया जब वह मॉर्निंग वॉक करने घर से बाहर निकली थी. महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जिसे तुरंत कोरबा के अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. हाथी ने खोडरी गांव में 5 मवेशियों को भी कुचलकर मार डाला.

''शाम को 5 बजे मैं रोजी मजदूरी से वापस आया.इसके बाद ग्रामीणों से ही पता चला कि गांव में हाथी घुस आया है. थोड़ा आराम करने के बाद आसपास देखा इसके बाद हम सोने चले गए. रात को अचानक शोर उठा की हाथी घर के पास आ गया है. चीख पुकार मच गई, हम सभी भागते इसके पहले हाथी हमारे घर तक पहुंच गया. घर में हम सभी 6 सदस्य मौजूद थे. सभी इधर-उधर भागने लगे, मैंने अपनी पत्नी का हाथ पकड़ कर उसे खींचना चाहा, लेकिन हाथी ने मुझे भी अपनी चपेट में ले लिया था. मैंने किसी तरह अपने आप को बचाया, लेकिन पत्नी को हाथी ने खींच लिया और उसे कुचलकर मार डाला''. - मंतराम, मृतक महिला का पति

''गुरुवार को हाथी ने जब पहली दुर्घटना की तब हम मौके पर पहुंच गए थे. पूरे दिन हमने हाथी की निगरानी की. मुनादी भी कराई, गांव के लोगों को आगाह किया कि वह हाथी के पास न जाएं. हर तरह की सावधानी बरती. बावजूद इसके हाथी ने रात को दो महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया. पीड़ितों के घर मिट्टी के थे. पीड़ित महिलाएं भाग नहीं सकीं और हाथी अचानक से सामने आ गया. परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की गई है. आगे उन्हें और भी मुआवजा मिलेगा. फिलहाल हाथी कोरबा जिले से बाहर चला गया है.'' - अशोक कुमार मंझवार, वनपरिक्षेत्र अधिकारी, कटघोरा

पीड़ित परिवार को दी गई आर्थिक मदद: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जब परिजन पोस्टमार्टम के बाद शव वापस लेने आए तब उन्हें वन हमले की ओर से तात्कालिक सहायता राशि दी गई. आर्थिक मदद के तौर पर 25- 25 हजार दिए गए. इसके बाद 5 लाख 75000 रुपया प्रति व्यक्ति की मौत पर राशि मुआवजा स्वरूप वन विभाग की ओर से दी जाती है जो की एक लंबी प्रक्रिया है.

कहां हुई चूक: वन अमला गुरुवार के सुबह ही हाथी की मौजूदगी वाले गांव में पहुंच चुका था. दिनभर वन विभाग की टीम और स्थानीय पुलिस की टीम मौके पर मौजूद थी. वह पूरे दिन हाथी की निगरानी करते रहे. लेकिन उनके पास हाथी को रिहायशी इलाके से बाहर भेजने का कोई ठोस प्लान नहीं था. जिसका नतीजा यह हुआ कि दिन में एक महिला को कुचलने के बाद हाथी ने दो और महिलाओं को मार डाला. वन अमला और पुलिस की टीम सिर्फ हाथी के पीछे-पीछे घूमती रही, उसकी निगरानी करती रही. इसके अलावा उनके पास कोई दूसरा प्लान नहीं था.

कुमकी हाथी को बुलाया जाने की तैयारी: खदान वाले इन इलाकों में पिछली बार हाथी 2 वर्ष पहले आया था. अमूमन इन क्षेत्रों में कम ही हाथी मौजूद रहते हैं. हाथी फिलहाल कोरबा जिले की परिधि से बाहर चला गया है. जानकारी है कि वह जांजगीर वनमंडल की ओर विचरण कर रहा है. दल से बिछड़ा यह हाथी काफी आक्रामक है. जिसके कारण उसे काबू करना अधिक मुश्किल हो रहा है. वन विभाग ने कुमकी हाथी को बुलाकर उसे काबू करने का प्लान बनाया है. इसकी तैयारी भी की जा रही है.

''घर से निकलकर हम लोग भागे लेकिन मेरी पत्नी को हाथी ने कुचल दिया. हाथी के हमले में उसकी मौत हो गई''. - नेपाली, मृतका का पति

8 हाथियों के झुंड से अलग हुआ हाथी हुआ आक्रामक: कटघोरा संभाग के संभागीय वन अधिकारी कुमार निशांत ने बताया, "हाथी आठ हाथियों के झुंड का हिस्सा था, जो संभाग के करतला वन क्षेत्र में घूम रहे थे. करीब तीन दिन पहले हाथी झुंड से अलग हो गया था और गुरुवार को कटघोरा वन संभाग में कुसमुंडा कोयला खदान के पास के गांवों में घूमते देखा गया. खदान एरिया होने के कारण लोगों की भीड़ को देखकर हाथी आक्रामक हो गया. ग्रामीणों के हाथी ज्यादा खतरनाक होने के कारण उससे दूर रहने को कहा गया. हाथी को सुरक्षित जंगल में वापस भेजने की कोशिश की जा रही है. मंगलवार रात हाथी जांजगीर-चांपा जिले से करतला पहुंचा. "

उत्तरी छत्तीसगढ़ में हाथी मानव संघर्ष: पिछले एक दशक से छत्तीसगढ़ में खासकर उत्तरी भाग में, मानव-हाथी संघर्ष जारी है. बीते कुछ सालों में ये संघर्ष और बढ़ा है. मुख्य रूप से सरगुजा, रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर, महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, बालोद, बलरामपुर और कांकेर जिले इस खतरे का सामना कर रहे हैं. वन विभाग के अनुसार, पिछले 5 साल में प्रदेश में हाथियों के हमलों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.

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हाथी ने तीन लोगों की ली जान (ETV Bharat Chhattisgarh)

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''शाम को 5 बजे मैं रोजी मजदूरी से वापस आया.इसके बाद ग्रामीणों से ही पता चला कि गांव में हाथी घुस आया है. थोड़ा आराम करने के बाद आसपास देखा इसके बाद हम सोने चले गए. रात को अचानक शोर उठा की हाथी घर के पास आ गया है. चीख पुकार मच गई, हम सभी भागते इसके पहले हाथी हमारे घर तक पहुंच गया. घर में हम सभी 6 सदस्य मौजूद थे. सभी इधर-उधर भागने लगे, मैंने अपनी पत्नी का हाथ पकड़ कर उसे खींचना चाहा, लेकिन हाथी ने मुझे भी अपनी चपेट में ले लिया था. मैंने किसी तरह अपने आप को बचाया, लेकिन पत्नी को हाथी ने खींच लिया और उसे कुचलकर मार डाला''. - मंतराम, मृतक महिला का पति

''गुरुवार को हाथी ने जब पहली दुर्घटना की तब हम मौके पर पहुंच गए थे. पूरे दिन हमने हाथी की निगरानी की. मुनादी भी कराई, गांव के लोगों को आगाह किया कि वह हाथी के पास न जाएं. हर तरह की सावधानी बरती. बावजूद इसके हाथी ने रात को दो महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया. पीड़ितों के घर मिट्टी के थे. पीड़ित महिलाएं भाग नहीं सकीं और हाथी अचानक से सामने आ गया. परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की गई है. आगे उन्हें और भी मुआवजा मिलेगा. फिलहाल हाथी कोरबा जिले से बाहर चला गया है.'' - अशोक कुमार मंझवार, वनपरिक्षेत्र अधिकारी, कटघोरा

पीड़ित परिवार को दी गई आर्थिक मदद: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जब परिजन पोस्टमार्टम के बाद शव वापस लेने आए तब उन्हें वन हमले की ओर से तात्कालिक सहायता राशि दी गई. आर्थिक मदद के तौर पर 25- 25 हजार दिए गए. इसके बाद 5 लाख 75000 रुपया प्रति व्यक्ति की मौत पर राशि मुआवजा स्वरूप वन विभाग की ओर से दी जाती है जो की एक लंबी प्रक्रिया है.

कहां हुई चूक: वन अमला गुरुवार के सुबह ही हाथी की मौजूदगी वाले गांव में पहुंच चुका था. दिनभर वन विभाग की टीम और स्थानीय पुलिस की टीम मौके पर मौजूद थी. वह पूरे दिन हाथी की निगरानी करते रहे. लेकिन उनके पास हाथी को रिहायशी इलाके से बाहर भेजने का कोई ठोस प्लान नहीं था. जिसका नतीजा यह हुआ कि दिन में एक महिला को कुचलने के बाद हाथी ने दो और महिलाओं को मार डाला. वन अमला और पुलिस की टीम सिर्फ हाथी के पीछे-पीछे घूमती रही, उसकी निगरानी करती रही. इसके अलावा उनके पास कोई दूसरा प्लान नहीं था.

कुमकी हाथी को बुलाया जाने की तैयारी: खदान वाले इन इलाकों में पिछली बार हाथी 2 वर्ष पहले आया था. अमूमन इन क्षेत्रों में कम ही हाथी मौजूद रहते हैं. हाथी फिलहाल कोरबा जिले की परिधि से बाहर चला गया है. जानकारी है कि वह जांजगीर वनमंडल की ओर विचरण कर रहा है. दल से बिछड़ा यह हाथी काफी आक्रामक है. जिसके कारण उसे काबू करना अधिक मुश्किल हो रहा है. वन विभाग ने कुमकी हाथी को बुलाकर उसे काबू करने का प्लान बनाया है. इसकी तैयारी भी की जा रही है.

''घर से निकलकर हम लोग भागे लेकिन मेरी पत्नी को हाथी ने कुचल दिया. हाथी के हमले में उसकी मौत हो गई''. - नेपाली, मृतका का पति

8 हाथियों के झुंड से अलग हुआ हाथी हुआ आक्रामक: कटघोरा संभाग के संभागीय वन अधिकारी कुमार निशांत ने बताया, "हाथी आठ हाथियों के झुंड का हिस्सा था, जो संभाग के करतला वन क्षेत्र में घूम रहे थे. करीब तीन दिन पहले हाथी झुंड से अलग हो गया था और गुरुवार को कटघोरा वन संभाग में कुसमुंडा कोयला खदान के पास के गांवों में घूमते देखा गया. खदान एरिया होने के कारण लोगों की भीड़ को देखकर हाथी आक्रामक हो गया. ग्रामीणों के हाथी ज्यादा खतरनाक होने के कारण उससे दूर रहने को कहा गया. हाथी को सुरक्षित जंगल में वापस भेजने की कोशिश की जा रही है. मंगलवार रात हाथी जांजगीर-चांपा जिले से करतला पहुंचा. "

उत्तरी छत्तीसगढ़ में हाथी मानव संघर्ष: पिछले एक दशक से छत्तीसगढ़ में खासकर उत्तरी भाग में, मानव-हाथी संघर्ष जारी है. बीते कुछ सालों में ये संघर्ष और बढ़ा है. मुख्य रूप से सरगुजा, रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर, महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, बालोद, बलरामपुर और कांकेर जिले इस खतरे का सामना कर रहे हैं. वन विभाग के अनुसार, पिछले 5 साल में प्रदेश में हाथियों के हमलों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.

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पंद्रह दिनों के भीतर हाथी के हमले में तीसरी मौत, हाथियों और इंसानों के बीच जारी है संघर्ष - Elephant havoc in Ramanujganj
Last Updated : Aug 9, 2024, 8:15 PM IST
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