करनाल: सोमवार को करनाल में बिजली कर्मचारियों ने सीएम आवास के घेराव की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर कर्मचारियों को रोक लिया. इसके बाद बिजली कर्मचारियों ने जमकर हंगामा किया और पुलिस के लगाए गए बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की. भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने बिजली कर्मचारियों पर लाठीचार्ज किया. पुलिस लाठीचार्ज में कई बिजली कर्मचारी घायल हो गए. जिन्हें इलाज के लिए सामान्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
करनाल में बिजली कर्मचारियों का प्रदर्शन: बिजली विभाग के कच्चे कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सीएम सिटी करनाल में प्रदर्शन (Electricity Employees Protest In Karnal) करने के लिए पहुंचे थे. बिजली विभाग के कच्चे कर्मचारियों की स्टेट यूनियन ने करनाल में पूरे प्रदेश से कर्मचारियों के पहुंचने का ऐलान किया था. इसके कारण ही प्रदेश भर से सभी बिजली विभाग में लगे हुए कच्चे कर्मचारी करनाल सीएम आवास का घेराव करने के लिए पहुंचे थे.
पुलिस का बिजली कर्मचारियों पर लाठीचार्ज: बिजली कर्मचारियों को प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने उनको रोकने के लिए बैरिकेड्स लगा दिए. कर्मचारियों ने बैरिकेड्स तो तोड़ने की कोशिश की. जिसके बाद पुलिस कर्मचारियों ने उन पर लाठीचार्ज (Lathicharge On Electricity Employees) किया. बिजली विभाग कच्चे कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी मनीष फतेहाबाद ने कहा कि यूनियन ने पूरे हरियाणा के सभी कर्मचारियों को करनाल में पहुंचने का आह्वान किया था. उसी के आधार पर सभी करनाल पहुंचे.
बिजली कर्मचारियों ने किया हंगामा: पहले सभी कर्मचारी पार्क में इकट्ठा हुए. उसके बाद सड़कों पर रोष मार्च करते हुए मुख्यमंत्री आवास के आवास की तरफ कूच किया. पुलिस ने बैरिकेडिंग कर कर्मचारियों को रोकने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस ने कर्मचारियों पर लाठीचार्ज किया. जिसमें कई बिजली कर्मचारी घायल हो गए. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कर्मचारियों पर लाठीचार्ज किया. वो सादी वर्दी में थे. उन्होंने कहा कि पुलिस की आड़ में भारतीय जनता पार्टी ने गुंडों को छोड़ रखा है. जो कर्मचारी पर लाठीचार्ज कर रहे हैं.
क्या हैं कर्मचारियों की मांग? बिजली कर्मचारियों की मांग है कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए. कर्मचारी नेता ने कहा कि पहले भी हम सरकार को कई बार अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन सरकार ने उनकी बात नहीं मानी. जिसके चलते उनको आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी. उन्होंने कहा कि कच्चे कर्मचारी जब बिजली लाइन पर काम करते हैं, तो दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं. इसलिए वो ऐसी पॉलिसी चाहते हैं कि उनको कुछ मुआवजा भी दिया जाए.
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