नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सर्दी का सितम लगातार जारी है. जिसके साथ बिजली की डिमांड पिक पर पहुंच गई है. यह डिमांड सोमवार को 5,816 मेगावाट तक पहुंच गई, जो एक नया रिकॉर्ड है. दिल्ली के स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के वास्तविक समय पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पूर्वाह्न 10:52 पर बिजली की अधिकतम मांग 5,816 मेगावाट रही. बिजली की मांग बढ़ने का मुख्य कारण सर्दी के साथ घरों को गर्म रखने वाले उपकरणों के लिए बिजली की मांग बढ़ना बताया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार इस साल जनवरी में छठी बार शीतकालीन बिजली की मांग पिछले साल 6 जनवरी 2023 को दर्ज किए गए 5,526 मेगावाट के रिकॉर्ड स्तर को पार कर थी. 2 जनवरी को छोड़कर बाकी दिन बिजली की मांग 5000 मेगावाट से ऊपर ही रही. 1 जनवरी को पिक डिमांड 5134 मेगावाट, 3 जनवरी को फिर बिजली की मांग बढ़कर 5257 मेगावाट रही वहीं 19 जनवरी को यह मांग 5798 मेगावाट तक पहुंच गई. जानकारी के अनुसार दिल्ली में पिछले कुछ वर्षों में सर्दियों के दौरान बिजली की अधिकतम डिमांड 2018-19 में 4457 मेगावाट थी. 2019-20 में 5343 मेगावाट और 2020-21 में 5021 मेगावाट और 2021-22 में 5104 मेगावाट रही.
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बिजली कंपनी का दावा है कि दिल्ली वालों को बिजली की किल्लत नहीं झेलनी पड़ेगी. बीएसईएस के अनुसार ठंड के महीना में बिजली की सुचारू रूप से आपूर्ति के लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं. लॉन्ग टर्म के आधार पर बिजली की खरीद के समझौते के तहत बिजली की कोई किल्लत नहीं है, और बिजली कंपनी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की बदौलत बिजली की मांग का सटीक अनुमान लोगों के सामने रख पा रही है. इस सटीक अनुमान को मापने के लिए बीएसईएस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी टेक्नोलॉजी की मदद ले रही है.