जयपुर. प्रदेश में बिजली और महंगी हो गई है. राज्य विद्युत नियामक आयोग के आदेश के बाद फ्यूल सरचार्ज के बाद अब फिक्स चार्ज बढ़ाए गए हैं. बिजली बिल के फिक्स चार्ज में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. नई वृद्धि के बाद अब बिजली के बिल में 100 से लेकर 150 रुपए तक की बढ़ोतरी होगी. हालांकि, मुख्यमंत्री मुफ्त बिजली योजना के लाभार्थियों पर इसका असर नहीं पड़ेगा.
आदेश के मुताबिक प्रदेश में बिजली यूनिट दर नहीं बदली गई है, लेकिन फिक्स चार्ज बढ़ा दिया गया है. ऐसे में सितम्बर और अक्टूबर में मिलने वाले बिलों की राशि में असर दिखेगा. गौरतलब है कि बिजली उपभोक्ता को बिल में बिजली उपभोग के साथ कई तरह के दूसरे शुल्क भी देने पड़ते हैं. बिजली उपयोग यूनिट के आधार पर बिल तय होता है, लेकिन इसके साथ ही बिजली यूनिट के अलावा स्थाई शुल्क भी लिया जाता है. सरचार्ज और फ्यूल सरचार्ज भी उपभोक्ता को देना पड़ता है. इस बढ़ोतरी से तीनों डिस्कॉम को सालाना 1500 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी.
1 अगस्त से घरेलू बिजली उपभोग पर ये बदलाव :
- 50 यूनिट तक खपत पर बीपीएल उपभोक्ता से 100 रुपए से बढ़ाकर 150 रुपए.
- 50 यूनिट तक खपत पर सामान्य उपभोक्ता से 125 रुपए से बढ़ाकर 150 रुपए.
- 150 यूनिट तक खपत पर फिक्स चार्ज 230 रुपए से बढ़ाकर 250 रुपए.
- 300 यूनिट तक खपत पर 275 रुपए था, जिसे बढ़ाकर 300 रुपए किया.
- 500 यूनिट तक खपत पर 345 रुपए से बढ़ाकर 400 रुपए किया.
- 500 यूनिट से अधिक की खपत पर 400 रुपए से बढ़ाकर 450 रुपए किया
उपभोक्ता यूं समझें बढ़ी दरों का भार :
- 11 केवी लाइन पर घरेलू कनेक्शन पर प्रति केवीए 250 रुपए से बढ़ाकर 275 रुपए प्रति केवीए किया (200 यूनिट तक की खपत)
- अघरेलू (व्यावसायिक) कनेक्शन पर 5 किलोवाट तक 300 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 330 रुपए (200 यूनिट तक की खपत)
- अघरेलू ( व्यवसायिक) पर 380 रूपए प्रति माह से बढ़ा कर 420 रूपए ( 200 से 500 यूनिट तक की खपत)
- अघरेलू (व्यावसायिक) कनेक्शन पर 5 किलोवाट तक 460 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए (500 यूनिट से अधिक खपत)
- पांच किलोवाट से ऊपर के लोड वाले कनेक्शन पर 135 रुपए प्रति किलोवाट से बढ़ाकर 150 रुपए प्रति किलोवाट (500 यूनिट तक खपत)
- पांच किलोवाट से ऊपर के लोड वाले कनेक्शन पर 150 रुपए प्रति किलोवाट से बढ़ाकर 165 रुपए प्रति किलोवाट (500 से अधिक खपत)
उद्योगों की छूट में ये बदलाव : उद्योगों को मिलने वाली छूट भी नए टैरिफ प्लान में बदली गई है. जहां अभी तक रात को बिजली इस्तेमाल करने वाले उद्योगों को 7.5 प्रतिशत की छूट मिलती थी, जिसे अब दिन के समय में 12 से 4 बजे के बीच इस्तेमाल करने पर छूट का प्रावधान रखा है. इस समय बिजली इस्तेमाल करने वाले औद्योगिक उपभोक्ताओं को यूनिट दरों में 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी. प्रदेश में सुबह और शाम ज्यादा बिजली उपभोग को देखते हुए अघरेलू, उद्योग और ईवी चार्जिंग स्टेशन वाले एचटी कनेक्शन पर टीओडी टैरिफ लागू किया गया है. इन कनेक्शन की सुबह और शाम के समय बिजली महंगी मिलेगी. सुबह 6 से 8:00 तक 5% और शाम 6:00 से 10:00 तक 10% तक सरचार्ज देना होगा. दोपहर 12 से 4:00 तक बिजली उपभोग पर 10 फीसदी की छूट भी मिलेगी.
उद्योगों के लिए ये बदलाव :
- लघु उद्योग में प्रति कनेक्शन 80 रुपए प्रति एचपी था, जिसे 90 रुपए प्रति एचपी किया.
(500 यूनिट तक खपत पर) - लघु उद्योग में प्रति कनेक्शन 110 रुपए प्रति एचपी था, जिसे 120 रुपए प्रति एचपी किया.
(500 यूनिट से अधिक खपत पर) - एलटी ( लॉ टेंशन) मध्यम उद्योग में फिक्स चार्ज 115 रुपए प्रति एचपी से बढ़ाकर 130 रुपए प्रति एचपी किया.
- एचटी ( हाई टेंशन) पर मध्यम उद्योग में फिक्स चार्ज 230 रुपए प्रति केवीए से बढ़ाकर 255 रुपए प्रति केवीए किया.
- एलटी लाइन से मिश्रित भार वाले कनेक्शन पर 105 रुपए प्रति एचपी फिक्स चार्ज से बढ़ाकर 115 रुपए किया.
- एचटी लाइन से मिश्रित भार वाले कनेक्शन पर 215 रुपए प्रति एचपी से बढ़ाकर 240 रुपए किया गया.
- बड़े उद्योगों में 150 एचपी (125 केवीए) से अधिक व 1000 केवीए से अधिक वाले कनेक्शन पर 270 रुपए प्रति केवीए से बढ़ाकर 300 रुपए प्रति केवीए.
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रोड लाइट और इवी चार्जिंग स्टेशन पर ये असर :
- रोड लाइट प्रति बल्ब पॉइंट 115 रुपए फिक्स चार्ज से बढ़ाकर 130 रुपए किया.
(एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में) - रोड लाइट प्रति बल्ब पाॉइंट 145 रुपए फिक्स चार्ज से बढ़ाकर 160 रुपए किया.
(एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में) - ईवी चार्जिंग स्टेशन के एलटी श्रेणी के कनेक्शन में 40 रुपए प्रति एचपी फिक्स चार्ज से बढ़ाकर 45 रुपए प्रति एचपी.
- ईवी चार्जिंग स्टेशन के एचटी श्रेणी के कनेक्शन में 135 रुपए केवीए फिक्स चार्ज से बढ़ाकर 150 रुपए प्रति केवीए किया.
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थोड़ी राहत, बड़ी निराशा : प्रदेश में फिलहाल एक करोड़ 29 लाख 9 हज़ार 968 घरेलू बिजली उपभोक्ता हैं. पर मुख्यमंत्री मुफ्त बिजली योजना का फायदा करीब 98 लाख 23 हज़ार 314 उपभोक्ताओं को ही मिल रहा है. यह वे उपभोक्ता हैं, जिन्होंने विधानसभा चुनाव 2023 के ठीक पहले महंगाई राहत शिविर में रजिस्ट्रेशन करवाया था. मुफ्त बिजली योजना के तहत 5 करोड़ 791 लाख रुपए की राशि का अनुदान दिया जा रहा है. करीब 30 लाख घरेलू उपभोक्ताओं अब भी इसके लाभ से वंचित है. बताया जा रहा है कि नया टैरिफ मुख्यमंत्री मुफ्त बिजली योजना का कोई असर नहीं होगा, लेकिन अन्य उपभोक्ता, जो पहले सही खुद का ठगा महसूस कर रहे हैं, उन्हें अधिक बिल चुकाना पड़ेगा. ऐसे में अब यह भी देखना होगा कि भजनलाल सरकार इस पर क्या फैसला लेती है ? गौरतलब है कि विद्युत विनियामक आयोग की इस सिफारिश पर सरकार का ऊर्जा विभाग टैरिफ में छूट देकर उपभोक्ता को राहत दे सकता है.
स्कूल डिस्कॉम को बेच सकेंगे बिजली : प्रदेश में गर्मी की छुट्टियों में मैं और जून के दौरान स्कूल बंद रहते हैं, ऐसे में जिन स्कूलों पर सोलर प्लांट लगे हैं. वह बिजली का उपयोग नहीं कर पाते हैं. डिस्कॉम इन स्कूलों से सोलर प्लांट की बिजली बिडिंग रेट के साथ ही 40% अतिरिक्त भुगतान के साथ खरीदेगा, ताकि गर्मियों में बिजली संकट के कारण आम घरेलू उपभोक्ता को कटौती से राहत मिल सके.