अलवर: सरिस्का टाइगर रिजर्व के अलवर बफर जोन में शिकार के लिए करंट लगाने वाले दो शिकारियों को वनकर्मियों ने गिरफ्तार कर लिया. सीराबास के पास मीना की ढाणी निवासी शिकारियों ने वन्यजीवों का शिकार करने के लिए बफर जोन में गुरुवार देर रात करंट लगाया था. वन विभाग की टीम को शिकारियों की हरकत का पता चलने पर देर रात मौके पर पहुंचकर करंट के तार हटाया और सीराबास में मीना की ढाणी के दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि एक अभी फरार है.
अलवर बफर रेंज के रेंजर शंकर सिंह ने बताया कि 17 अक्टूबर की रात को सूचना मिली कि बफर जोन स्थित सीराबास के पास एक खेत में 11 हजार केवी लाइन से तार लगा कर करंट छोड़ रहे हैं. खेत में करंट लगाने की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और करंट वाले तार को हटाया गया. उन्होंने बताया कि यह किसी भी वन्यजीव के लिए खतरा हो सकता था. कारण है कि जब टीम मौके पर पहुंची, तब तार में करंट आ रहा था. वनकर्मियों ने सीराबास में मीना की ढाणी निवासी राजेंद्र मीणा व दिनेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया. दोनों आरोपियों को शनिवार को न्यायालय में पेश किया गया. न्यायालय के निर्देश अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.
करंट लगाने वाली जगह वन्यजीवों का विचरण: अलवर बफर जोन में सिलीसेढ़ के पास सीराबास स्थित है. यह क्षेत्र बाघ, पैंथर एवं अन्य वन्यजीवों का विचरण का क्षेत्र है. अलवर बफर जोन में अभी 7 टाइगर हैं. इनमें तीन शावक भी हैं. सरिस्का टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पहले भी शिकारियों की ओर से खेतों में तार लगाकर करंट प्रवाहित करने और खेतों में तार का फंदा लगाने की घटनाएं हो चुकी हैं. सरिस्का में बाघ एसटी-11 की मौत भी इंदौक के पास खेत में तार का फंदा लगाने से हुई थी. वहीं खेतों में करंट लगाने से भी वन्यजीवों की मौत हो चुकी है.