रांची: राजधानी रांची से सटा हटिया विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक दृष्टि से काफी अहम सीट है. यहां कांग्रेस और बीजेपी में सीधी टक्कर होती रही है. झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से एक इस विधानसभा सीट की खासियत यह है कि यहां हर वर्ग और समुदाय के लोग रहते हैं. इस सामान्य सीट पर मुस्लिम, आदिवासी, उच्च वर्ग, ओबीसी और ईसाई वोटरों की बहुलता है.
दो बार से सीट पर बीजेपी का है कब्जा
नवीन जायसवाल लगातार दो बार से इस सीट पर जीत दर्ज कर चुके हैं. इससे पहले यहां कांग्रेस का बोलबाला था. इस बार का चुनाव पिछले चुनाव की तुलना में अलग होनेवाला है. इस क्षेत्र की जनता अन्य विधानसभा क्षेत्रों की तुलना में काफी सजग और जागरूक मानी जाती है. जाहिर तौर पर मतदाताओं ने सोच-समझकर मतदान करने का निर्णय लिया है.
हटिया सीट पर चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण फैक्ट
- हटिया विधानसभा क्षेत्र में 13 नवंबर को पहले चरण में डाले जाएंगे वोट, 23 नवंबर को आएगा परिणाम.
- नामांकन की प्रक्रिया 18 अक्टूबर से अधिसूचना जारी होते ही शुरू होगी.
- 15 अक्टूबर 2024 को जारी वोटर लिस्ट के अनुसार हटिया विधानसभा में कुल मतदाता 446372 हैं, जिनमें पुरुष 230871, महिला 215478 और थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 23 है.
- राजधानी रांची से सटे होने के बावजूद हटिया विधानसभा क्षेत्र में सभी 430 मतदान केंद्र ग्रामीण क्षेत्र में हैं, जिसमें 273 लोकेशन क्षेत्र में हैं.
- 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के नवीन जायसवाल ने कांग्रेस के अजय नाथ शाहदेव को 16264 मतों से शिकस्त देते हुए जीत दर्ज की थी.
क्या कहती है हटिया विधानसभा क्षेत्र की जनता
चुनावी डुगडुगी बजते ही हटिया विधानसभा क्षेत्र की जनता चुनाव को लेकर सजग हो चुकी है. इस क्षेत्र की जनता प्रत्याशियों से हिसाब मांगने की भरपूर तैयारी कर रखी है. ईटीवी भारत ने हटिया विधानसभा क्षेत्र की जनता के मन को टटोलने की कोशिश की.
रोजगार के मुद्दे पर करेंगे वोट
हटिया विधानसभा क्षेत्र निवासी के सोमा महली ने ईटीवी भारत से कहा कि रोजगार यहां का बड़ा मुद्दा है. इस चुनाव में लोग इससे संबंधित प्रत्याशियों से सवाल पूछेंगे, क्योंकि जो हालात हैं उसमें मजदूर से लेकर पढ़े-लिखे लोग भी नौकरी और काम की तलाश में भटक रहे हैं.
विकास के मुद्दे पर प्रत्याशी को चुनेंगे
बिरसा चौक निवासी प्रभात कहते हैं कि वो दलगत आधार पर मतदान नहीं करते हैं, बल्कि प्रत्याशी को देखकर मतदान करते हैं. उन्होंने कहा कि जिसके पास विकास का विजन होगा उसे वह अपना वोट देंगे.
रोटी, कपड़ा और मकान मुख्य मुद्दा
वहीं चाय दुकान चला कर अपने परिवार को चला रहे सुंदर का मानना है कि रोटी, कपड़ा और मकान एक बार फिर इस बार के भी चुनाव में मुख्य मुद्दा रहेगा. लोग प्रत्याशी से यही पूछना चाहते हैं कि आखिर उनकी समस्या का समाधान कब होगा.
बेरोजगारी के मुद्दे पर करेंगे वोट
वहीं मोहम्मद जावेद का मानना है कि प्रत्याशी जो भी हो और सरकार जिसकी भी बने हटिया विधानसभा क्षेत्र की जनता की बेरोजगारी को दूर करने का काम करें, क्योंकि बेरोजगारी की वजह से हालत दिन प्रतिदिन बदतर होते जा रही है. काम के अभाव में यहां के युवा भटक रहे हैं. इसलिए इस बार के चुनाव में प्रत्याशी से यही उम्मीद की जाएगी कि यहां के स्थानीय समस्या को वो दूर करें.
चुनावी रंग में रंगने लगा हटिया
बहरहाल, हटिया विधानसभा क्षेत्र चुनावी रंग में रंगने लगा है और यहां की जनता जहां प्रत्याशियों से सवाल पूछने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. अब जनता को इंतजार है 13 नवंबर का.
ये भी पढ़ें-
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: इतिहास बदलेंगे हेमंत सोरेन, या परंपरा रहेगी कायम?
लोहरदगा विधानसभा सीट हर बार बनती है राजनीतिक दलों के लिए उलझन, क्या होगी इस बार की तस्वीर