देहरादून: उत्तराखंड में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद ऐसे कई काम हैं, जिन्हें राज्य सरकार आगे बढ़ा सकेगी. दरअसल प्रदेश सरकार ने भारत निर्वाचन आयोग से विभिन्न कार्यों के लिए अनुमति मांगी थी. उनमें कई विषयों पर आयोग द्वारा राज्य सरकार को अनुमति दे दी गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के दौरान केंद्रीय चुनाव आयोग से 23 प्रस्तावों पर अनुमति मांगी गई थी. इसमें से आठ विषयों पर अनुमति दे दी गई है. ऐसे में उम्मीद है कि बाकी महत्वपूर्ण कार्यों को लेकर भी जल्द भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति राज्य को मिल सकती है.
इन कामों के लिए निर्वाचन आयोग से मिली अनुमति: फिलहाल जिन आठ विषयों पर भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य को अनुमति दी है, उनमें से एक नर्सिंग अधिकारी भर्ती परीक्षा 2023 में चयनित 45 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देना है. ऐसे में अब राज्य सरकार इस भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दे सकेगी. राज्य के मेडिकल कॉलेज देहरादून से प्रतिभूति बॉन्ड के तहत एमबीबीएस उत्तीर्ण प्रतिभूति बॉन्ड धारी चिकित्सकों को संविदा बॉन्ड धारी चिकित्सक के रूप में नियुक्ति दिए जाने की भी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकेगा. इसके अलावा श्री केदारनाथ धाम यात्रा साल 2024 के सफल संचालन के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के माध्यम से प्राप्त प्रस्ताव को भी अनुमति दी गई है.
मृतक आश्रित भर्ती की अड़चन होगी दूर: पर्यटन विभाग के माध्यम से पैराग्लाइडिंग, एक्यूरेसी प्रतियोगिता का आयोजन करने और आयोजन से संबंधित व्यवस्थाएं बाजार दरों पर या टेंडर कोटेशन के द्वारा आमंत्रित किए जाने वाले प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है. पर्यटन विभाग के अंतर्गत ठंडी सड़क नैनीताल के कार्य की निविदा आमंत्रित किए जाने के लिए भी अनुमति दी गई है. पेयजल एवं स्वच्छता अनुभाग दो के प्रस्ताव में कार्य प्रारंभ किए जाने की भी अनुमति मिली है. इसके अलावा मृतक आश्रित की भर्ती संबंधी अड़चन को दूर किए जाने से जुड़े प्रस्ताव को भी आयोग ने स्वीकार किया है. CSIR भारतीय पेट्रोलियम संस्थान देहरादून द्वारा परियोजना स्टाफ के पदों पर तैनाती किए जाने हेतु विज्ञापन प्रकाशित किए जाने के लिए भी अनुमति दी गई है.
कई और विषयों पर भी मांगी गई अनुमति: इस तरह भारत निर्वाचन आयोग ने ऐसे विभिन्न मामलों पर राज्य सरकार को कार्य आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है, जो महत्वपूर्ण माने गए. हालांकि राज्य सरकार द्वारा दूसरे कई विभिन्न विषयों पर भी भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति चाही गई है, जिसके लिए भी आने वाले दिनों में आयोग द्वारा सकारात्मक निर्णय लिए जाने की उम्मीद जताई जा रही है.
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