नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली की सियासत पर हर किसी की नजर होती है. मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य के विधाता बनते हैं. दिल्ली में लोकसभा चुनाव की बात करें तो वर्ष 1977 सबसे अधिक 71.3 प्रतिशत मतदान हुआ था. साल दर साल दिल्ली की आबादी के साथ मतदाताओं की संख्या भी बढ़ती गई, लेकिन 43 साल पुराने इस मतदान का यह रिकॉर्ड अभी तक नहीं टूट सका. जबकि, 1977 के बाद से 11 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं.
सन, 1977 में छठी लोकसभा का चुनाव हुआ. राजधानी दिल्ली में 71.3 प्रतिशत मतदान हुआ. राजनीतिक जानकारों की मानें तो सत्ता परिवर्तन के लिए मतदाताओं ने बढ़ चढ़कर मतदान किया था. आपात काल, महंगाई, नसबंदी, भ्रष्टाचार जैसे कई समस्याओं से लोग परेशान थे. यही कारण रहा कि लोगों ने जमकर मतदान किया और अभी तक यह रिकॉर्ड नहीं टूटा.
दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट पर सबसे अधिक मतदान होता है. सन 1967 में यह सीट अस्तित्व में आई. इस दौरान हुए चुनाव में सबसे ज्यादा 68.79 प्रतिशत मतदान हुआ था. कुल 17 लोकसभा चुनाव में सिर्फ तीन चुनाव में इस सीट पर दिल्ली की अन्य सीट से कम मतदान हुआ.
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने उठाए कई कदम
- टर्निंग 18 अभियान के माध्यम से पहली बार के मतदाताओं को वोट डालने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
- मतदान केदो को ज्यादा से ज्यादा सुविधाजनक बनाया जा रहा है जिससे लोग मतदान करने के लिए पहुंचें.
- दिव्यांग मतदाताओं के अनुकूल मतदान केन्द्रों को बनाया जाएगा. व्हीलचेयर दिशा सूचक व सहायक मौजूद रहेंगे.
- चुनाव आयोग स्थानीय प्रशासन के सहयोग से मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अभियान भी चल रहा है, जिससे मतदान प्रतिशत बढ़े.
- 85 साल से अधिक वर्ष से अधिक मतदाताओं को मतदान के लिए गाड़ी से लाने ले जाने की सुविधा मिलेगी, इसके लिए पहले फार्म भरना होगा.
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