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शीशमबाड़ा कूड़ा प्लांट के तीन बड़े प्रोजेक्ट्स को मिली हरी झंडी, निर्वाचन आयोग ने दी मंजूरी - Dehradun Municipal Corporation

Shishambara Garbage Plant, Dehradun Municipal Corporation देहरादून नगर निगम के लिए खुशखबरी है. निर्वाचन आयोग ने शीशमबाड़ा कूड़ा प्लांट से जुड़ें तीन प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है. अब जल्द ही शीशमबाड़ा कूड़ा प्लांट में इन तीनों प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू कर दिया जाएगा.

DEHRADUN MUNICIPAL CORPORATION
शीशमबाड़ा कूड़ा प्लांट के बड़े प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 3, 2024, 3:35 PM IST

देहरादून: लोकसभा चुनाव की आचार संहिता होने के कारण नए काम के लिए अनुमति नहीं मिल रही है. जनहित को लेकर नगर निगम को तीन प्रोजेक्ट को निर्वाचन आयोग से हरी झंडी मिल गई है. शासन से पत्र जारी होते ही नगर निगम टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर देगा. इसके बाद लोगों को शीशमबाड़ा में मौजूद कूड़े के पहाड़ से मुक्ति मिल पाएगी. नगर निगम ने तीनों प्रोजेक्ट को लेकर अग्रिम कार्रवाई भी शुरू कर दी है.

बता दें कचरा निस्तारण करने के लिए नगर निगम ने तीन प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की थी. लोकसभा चुनाव की आचार संहिता होने के कारण अनुमति नहीं मिल पाई थी. इस काम को आगे बढ़ाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति जरूरी थी. नगर निगम द्वारा अनुमति के लिए शहरी विकास विभाग के पास पहुंचा. जिसके बाद इन प्रस्तावों को स्क्रीनिंग कमेटी के पास भेजा गया. स्क्रीनिंग कमेटी ने इनको निर्वाचन आयोग के पास भेज दिया. वहां से तीनों प्रोजेक्ट को अनुमति मिल गई है.

ये हैं तीन प्रोजेक्ट जिन्हें मिली हरी झंडी

  1. नगर निगम के पहले प्रोजेक्ट में शीशमबाड़ा कूड़ा प्लांट में रैमकी कंपनी द्वारा छोड़े गए 4.2 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण होना है. कंपनी ने साल 2018 में कूड़ा निस्तारण शुरू किया था, लेकिन नगर निगम के अनुसार कंपनी ने कूड़ा निस्तारण के बजाय वहां कूड़े का पहाड़ बना दिया. आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट ने भी 4.2 मीट्रिक टन कूड़ा जमा होने की बात कही थी. जिसके बाद निगम ने कंपनी को बाहर का रास्ता दिखा दिया. बाद में नगर निगम ने इसकी डीपीआर बनाने का जिम्मा स्मार्ट सिटी को सौंपा. निगम ने 24 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार की है.
  2. शीशमबाड़ा कूड़ा प्लांट में लगी हुई मशीनों की क्षमता 250 मीट्रिक टन प्रतिदिन की है. प्लांट को दो शिफ्टों में चलाया जाता है. ऐसे में पूरे दिन में 500 टन कूड़े का निस्तारण हो पा रहा है. एनजीटी के आदेश पर इसकी क्षमता बढ़ाने को लेकर काम किया गया. जिसके बाद नगर निगम ने इसकी क्षमता 250 से 500 टन करने की डीपीआर तैयार कराई है.
  3. शीशमबाड़ा प्लांट से निकलने वाले गंदे पानी को निस्तारित करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है. इस प्लांट की क्षमता 30 केएलडी प्रतिदिन की है. एनजीटी में कूड़ा निस्तारण प्लांट के निरीक्षण के दौरान प्लांट की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए. इसके बाद नगर निगम ने क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट भी तैयार कर लिया है. इस प्लांट की क्षमता 30 से बढ़कर 100 केएलडी की जा रही है.

नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया आचार संहिता लागू होने के कारण तीनों प्रोजेक्ट पर काम करने की अनुमति मांगने के लिए पत्र भेजा था. तीनों प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के लिए विशेष अनुमति मिल गई है. अभी इसका पत्र आना बाकी है. शासन से आदेश होने के बाद जल्दी काम शुरू कर दिया जाएगा.

देहरादून: लोकसभा चुनाव की आचार संहिता होने के कारण नए काम के लिए अनुमति नहीं मिल रही है. जनहित को लेकर नगर निगम को तीन प्रोजेक्ट को निर्वाचन आयोग से हरी झंडी मिल गई है. शासन से पत्र जारी होते ही नगर निगम टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर देगा. इसके बाद लोगों को शीशमबाड़ा में मौजूद कूड़े के पहाड़ से मुक्ति मिल पाएगी. नगर निगम ने तीनों प्रोजेक्ट को लेकर अग्रिम कार्रवाई भी शुरू कर दी है.

बता दें कचरा निस्तारण करने के लिए नगर निगम ने तीन प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की थी. लोकसभा चुनाव की आचार संहिता होने के कारण अनुमति नहीं मिल पाई थी. इस काम को आगे बढ़ाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति जरूरी थी. नगर निगम द्वारा अनुमति के लिए शहरी विकास विभाग के पास पहुंचा. जिसके बाद इन प्रस्तावों को स्क्रीनिंग कमेटी के पास भेजा गया. स्क्रीनिंग कमेटी ने इनको निर्वाचन आयोग के पास भेज दिया. वहां से तीनों प्रोजेक्ट को अनुमति मिल गई है.

ये हैं तीन प्रोजेक्ट जिन्हें मिली हरी झंडी

  1. नगर निगम के पहले प्रोजेक्ट में शीशमबाड़ा कूड़ा प्लांट में रैमकी कंपनी द्वारा छोड़े गए 4.2 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण होना है. कंपनी ने साल 2018 में कूड़ा निस्तारण शुरू किया था, लेकिन नगर निगम के अनुसार कंपनी ने कूड़ा निस्तारण के बजाय वहां कूड़े का पहाड़ बना दिया. आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट ने भी 4.2 मीट्रिक टन कूड़ा जमा होने की बात कही थी. जिसके बाद निगम ने कंपनी को बाहर का रास्ता दिखा दिया. बाद में नगर निगम ने इसकी डीपीआर बनाने का जिम्मा स्मार्ट सिटी को सौंपा. निगम ने 24 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार की है.
  2. शीशमबाड़ा कूड़ा प्लांट में लगी हुई मशीनों की क्षमता 250 मीट्रिक टन प्रतिदिन की है. प्लांट को दो शिफ्टों में चलाया जाता है. ऐसे में पूरे दिन में 500 टन कूड़े का निस्तारण हो पा रहा है. एनजीटी के आदेश पर इसकी क्षमता बढ़ाने को लेकर काम किया गया. जिसके बाद नगर निगम ने इसकी क्षमता 250 से 500 टन करने की डीपीआर तैयार कराई है.
  3. शीशमबाड़ा प्लांट से निकलने वाले गंदे पानी को निस्तारित करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है. इस प्लांट की क्षमता 30 केएलडी प्रतिदिन की है. एनजीटी में कूड़ा निस्तारण प्लांट के निरीक्षण के दौरान प्लांट की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए. इसके बाद नगर निगम ने क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट भी तैयार कर लिया है. इस प्लांट की क्षमता 30 से बढ़कर 100 केएलडी की जा रही है.

नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया आचार संहिता लागू होने के कारण तीनों प्रोजेक्ट पर काम करने की अनुमति मांगने के लिए पत्र भेजा था. तीनों प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के लिए विशेष अनुमति मिल गई है. अभी इसका पत्र आना बाकी है. शासन से आदेश होने के बाद जल्दी काम शुरू कर दिया जाएगा.

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