गाजीपुर : माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी और उनकी बेटी नुसरत ने लोकसभा चुनाव को लेकर 13 मई को अपना नामांकन एक साथ दाखिल कर दिया है. उन्होंने अपने साथ विकल्प प्रत्याशी के तौर पर अपनी बड़ी बेटी नुसरत अंसारी को भी पर्चा भरवाया है.
वहीं, मंगलवार को मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर ने सपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उमर ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम चरण की ओर है और आपको हम लोगों के साथ रहना है, सिर्फ वोट डालना जरूरी नहीं है. चौराहों पर बात करना और वोट डलवाना भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि बड़े भाई और अन्य केस मुकदमों की वजह से मैं चुनाव प्रचार में आपके बीच नहीं आ सका, लेकिन यकीन जानिए जब तारीख नहीं होगी आपके बीच रहूंगा.
उमर ने कहा कि हमें खरीदने की भी कोशिश की गई, हम नहीं बिके. हमारे पास ऑफर भेजा गया हम नहीं बिके, जब नहीं बिक तो मेरी मां पर 16 मुकदमे लगाए गए. आपमें से बहुत से लोगों ने उन्हें देखा भी नहीं होगा. उन पर पांच सौ के बोर्ड चोरी का भी मुकदमा लिखा गया. मेरे बड़े भाई अब्बास जो अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं जो नौ नौ मेडल जीते अनेकों वर्ल्ड कप खेले इस देश के लिए.
उमर ने कहा कि मेरे ऊपर दुखों का बड़ा पहाड़ टूटा है, लेकिन आप सबने देखा है कि हमने संयम नहीं खोया है. मेरे पिता की सुनियोजित हत्या हुई है, उसे मैं मौत नहीं, हत्या मानता हूं. बावजूद उसके जो जन सैलाब उनके जनाजे में उमड़ा उससे सरकार की आंखें खुल गई हैं. आज पूर्वांचल की हर सीट पर भाजपा को 50 से डेढ़ लाख तक के वोटों का नुकसान हुआ है. हम लोग कभी जाति, मजहब की राजनीति नहीं करते. कोई हमारे दरवाजे आता है तो हम उसका आंसू पोंछने का काम करते हैं. हमारा दीन भी हमें यही सिखाता है.
भाजपा पर हमलावर होते हुए उमर ने कहा कि आज ये कहते हैं आजादी का अमृत महोत्सव है, लेकिन जिस परिवार में बारह स्वतंत्रता सेनानी हों, उनको किन शब्दों से मुराद रहे हैं, ये किसी से छिपा नहीं है, इस पर में कुछ नहीं कहूंगा, ईश्वर उनको अक्ल दे, हिदायत दे यही दुआ करता हूं., लेकिन ये जरूर कहूंगा कि जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था तब मेरे दादा और पर नाना ने कुर्बानियां दी हैं.
उमर ने कहा कि आप हमें आतंकवादी, भूमाफिया, गुंडा और अपराधी कहते हो. आप मुकदमे तो गिना देते हो लेकिन, ये नहीं बताते कि कितने मुकदमों में वो बरी हो चुके हैं. 65 से ज्यादा मुकदमे बताते हैं लोग मेरे पिता पर, जिसमें 45 में वे बरी हो चुके हैं. एक मुकदमा 2005 में जेल जाने से पहले का था और बाकी सारे मुकदमे झूठे हैं. यह लोग हमें दबाना और झुकना चाहते हैं.