रांची: बजट सत्र के पांचवें दिन झारखंड विधानसभा में उर्दू को लेकर राज्य सरकार मेहरबान दिखी. प्रश्नकाल में विधायक प्रदीप यादव के द्वारा शिक्षकों के खाली पदों पर उठाए गए सवाल पर प्रभारी मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने जवाब देते हुए कहा कि उर्दू शिक्षकों के खाली पदों को शीघ्र भरा जाएगा.
प्रदीप यादव ने सदन में सरकार से यह पूछा कि संयुक्त बिहार के समय से उर्दू शिक्षकों के स्वीकृत पद हैं जिसमें से 689 पदों पर नियुक्ति हुई है ऐसे में उर्दू शिक्षकों की भारी कमी राज्य में है और एक बड़ा तबका उर्दू जैसे विषय पढ़ने से वंचित हो रहे हैं. प्रदीप यादव के सवाल पर जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने सदन को बताया कि राज्य में उर्दू शिक्षकों की बहाली के नये नियमावली के तहत की जाएगी जिसमें स्वीकृत पद के दो गुणा यानी करीब 8000 उर्दू शिक्षकों की बहाली राज्य सरकार करेगी.
उर्दू अकादमी सहित कई कमिटी का जल्द होगा गठन
सदन में प्रदीप यादव के सवाल का जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने यह भी आश्वासन दिया कि लोकसभा चुनाव से पहले उर्दू अकादमी, हज कमिटी, अल्पसंख्यक वित्त आयोग जैसी कमेटी का गठन शीघ्र किया जायेगा. प्रभारी मंत्री के सदन में दिए गए जवाब पर संतोष जाहिर करते हुए विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि इसके अलावा मदरसा बोर्ड के द्वारा दिए जाने वाले आलीम फाजिल की डिग्री की अन्य राज्यों में मान्यता नहीं दिए जाने पर सरकार ने आश्वासन देते हुए कहा है कि इस दिशा में भी कदम उठाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि राज्य में उर्दू विश्वविद्यालय सहित अन्य मुद्दों पर पिछले दिनों मैंने मुख्यमंत्री से भी मिलकर आग्रह किया था और मुझे सकारात्मक आश्वासन भी मिला है ऐसे में यदि यह काम हो जाते हैं तो राज्य का 15% आबादी के लिए हितकारी काम होगा जिसकी मांग लंबे समय से की जा रही है.