रोहतासः उम्र तो छोटी है लेकिन नीयत बड़ी है, तभी तो सिर्फ 7 साल की उम्र में ही वो अल्लाह का बंदा बन चुका है. रोहतास जिले के डेहरी ऑन सोन के नील कोठी के रहनेवाला 7 साल का अब्दुल तालीम हुसैन इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. कारण ये कि एलकेजी में पढ़नेवाला अब्दुल तालीम ने रमजान के दौरान पूरे 30 रोजे रखे और नमाज भी अदा की.
मना करने के बाद भी रखा रोजाः अब्दुल तालीम की बंदगी देखकर उसके परिवार वाले ही नहीं, मोहल्ले के लोग भी हैरत में हैं. बड़ी अम्मी और घर के लोगों का कहना है कि "लाख मना करने के बाद भी उसके घर के बच्चे ने रोजा रखा है. पूछने पर वो बताता है कि वो अल्लाह ताला से शबाब चाहता है. पढ़ाई लिखाई में आगे रहना चाहता है तथा खुद पर अल्लाह की नेमत मांगता है. जिसको लेकर अपने घर के बड़े बुजुर्गों की देखकर उसने रोजा रखना शुरू किया."
पिछले साल भी रखे थे कई रोजे: ऐसा नहीं है कि अब्दुल तालीम ने इस साल ही रोजे रखे हैं. इससके पिछले साल भी तालीम ने रमजान के महीने में कई दिनों तक रोजा रखकर सबको चौंका दिया था और इस साल तो उसने सारे 30 रोजे रखे और नमाज भी अदा की.परिवार के लोग इसे अल्लाह की नेमत मानते हैं. कहते हैं कि जब भूख-प्यास लगती है तो अब्दुल तालीम सो जाता था, लेकिन रोज का दस्तूर उसने कायम रखा.
बैग की दुकान चलाते हैं तालीम के पिताः अब्दुल तालीम के पिता नसीम अहमद बैग की दुकान चलाते हैं जबकि उसकी अम्मी हाउस वाइफ हैं. एलकेजी में पढ़नेवाले अब्दुल तालीम की अल्लाह के प्रति ऐसी बंदगी वाकई लोगों को हैरान कर रही है. रमजान के महीने में 30 रोजे रखकर अब्दुल पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.
पवित्र माना जाता है रमजान का महीनाःरमजान या रमदान इस्लामी पंचांग का 9वां महीना है.इस्लाम धर्मावलंबी इस महीने को बेहद ही पवित्र मानते हैं. इस महीने के 30 दिनों रोजा यानी उपवास रखने का नियम है. साथ ही नियमित नमाज अदा करने और कुरान पढ़ना में इस महीने में बहुत ही महत्व रखता है.मान्यता है कि रमजान के महीने की 27वीं रात को कुरान का अवतरण हुआ था.
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