नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने विधायक फंड की राशि 10 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये करने का फैसला किया है. दिल्ली सरकार के इस निर्णय पर भाजपा नेता अरविंदर सिंह लवली ने प्रतिक्रिया दी. भाजपा नेता अरविंदर सिंह लवली ने कि मैं एमएलए हेड बढ़ाने के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन मैं इस बात के खिलाफ हूं, जिस तरीके से दिल्ली के लोगों को गुमराह करने और गलत तथ्य रखने की कोशिश की जा रही है. वह एक चिंता का विषय है.
उन्होंने कहा, "विधायक फंड की राशि बढ़ाकर ये दिखाने की कोशिश की जा रही है कि आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली के विकास को लेकर बहुत चिंतित है. दिल्ली में इससे पहले विधायक फंड की जो राशि तय थी, उसी का 20 फीसद खर्च हो पाया है. अब दोबारा से विधायक फंड की राशि बढ़ाकर क्या ही होगा. उन्हें 10 साल के बाद याद आ रहा है कि दिल्ली के सड़कों में गड्ढे हैं और वह पिछले 10 साल तक क्या कर रहे थे."
ईमानदारी का सर्टिफिकेट: अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि दिल्ली का दुर्भाग्य है कि यहां गर्मी आती है तो बिजली का संकट खड़ा हो जाता है और अगर बारिश होती है तो बाढ़ की समस्या खड़ी हो जाती है. अब ठंड आने वाली है तो दिल्ली वासियों को प्रदूषण की मार झेलनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल जब चुनाव के लिए जेल से बाहर आए थे. तब उन्होंने दिल्ली के लोगों से कहा था कि आप चाहते हो कि मैं जेल में ना रहूं तो इसलिए आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को वोट दो. जब दिल्ली के लोगों ने वोट नहीं दिया तो मैसेज साफ था. अब जब जमानत पर बाहर आए हैं तो उन्होंने कहा था कि अगर हम ईमानदार हैं तो इनको वोट दो, मगर हरियाणा के लोगों ने वोट नहीं दिया. वह कितनी बार अपनी ईमानदारी का सर्टिफिकेट लेना चाहते हैं. दिल्ली, हरियाणा और देश के लोग उन्हें अपना जवाब दे चुके हैं.
दिल्ली में कांग्रेस का हालत: अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस कुछ भी लॉन्च कर ले, इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है. पहले तो उन्हें यह बात साफ करनी चाहिए कि कांग्रेस आने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से गठबंधन करेगी या नहीं. क्या दिल्ली के नेता यह कह सकते हैं कि अगर उनके ऊपर हाईकमान का प्रेशर आएगा तो उसके बाद भी वह दिल्ली में आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं करेंगे. जिन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में अलायंस का विरोध किया था, वह लोग मेरे साथ आ गए हैं. अब जो लोग कांग्रेस में बचे हैं, वही इसके पक्ष में हैं.
दिल्ली में पॉल्यूशन की समस्या: उन्होंने कहा कि दिल्ली में पॉल्यूशन की समस्या आज की नहीं है. पिछले 10 साल से यहां स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. दिल्ली में शायद ही कोई ऐसी जगह होगी, जहां प्रदूषण का असर ना हो. यह सरकार तब जागती है, जब अक्टूबर आ जाता है. यह सरकार पूरे साल सिर्फ सोती रहती है. उन्होंने दिल्ली के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर करने के लिए क्या किया. आजतक इसका जवाब तो वह दे नहीं पाए हैं. दिल्ली के अंदर गड्ढों का अंबार है, लेकिन इस सरकार को पिछले 10 साल से ये सब क्यों नजर नहीं आ रहा है.
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