जयपुर. भीषण गर्मी के बीच बिजली संकट से जूझ रहे राजस्थान को दो रीजनल पूल से अनावंटित बिजली देने के प्रस्ताव को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. ऐसे में अब प्रदेश को दो अनावंटित पूल से 200-200 मेगावाट (कुल 400 मेगावाट) बिजली मिलने की राह साफ हो गई है. यह बिजली प्रदेश को 26 जून से मिलने लगेगी. राजस्थान में बिजली संकट के बीच मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पिछले दिनों दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहरलाल खट्टर से मुलाकात की थी. इसके बाद प्रदेश को अतिरिक्त बिजली मिलने की राह खुली है.
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आग्रह पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने भीषण गर्मी को देखते हुए राजस्थान को 2 रीजनल पूल से अनावंटित बिजली का कोटा देने निर्णय किया है.
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दक्षिण एवं पश्चिम रीजन से मिलेगी बिजली : दरअसल, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल से हाल ही में नई दिल्ली में मुलाकात की थी. जिसके बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने 24 जून, 2024 को केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण को पत्र लिखकर राजस्थान को दक्षिण एवं पश्चिम रीजन के अनावंटित पूल से 200-200 मेगावाट (कुल 400 मेगावाट) बिजली 24 घंटे उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. इस अनावंटित बिजली की आपूर्ति 26 जून से प्रारंभ हो जाएगी.
प्रदेश में कोयला भंडार बढ़ाने पर भी जोर : भीषण गर्मी के बीच बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. बिजली उत्पादन के लिए कोयले की कमी के संकट को दूर करने का भी लगातार प्रयास किया जा रहा है. राजस्थान के कोटे का करीब 4 लाख मीट्रिक टन (100 रैक) कोयला छत्तीसगढ़ में फंसा हुआ था. जिसकी आपूर्ति को लेकर भी पिछले दिनों निर्णय हो गया. इससे प्रदेश के पावर प्लांट्स में कोयले के भंडार बढ़ेंगे और आमजन को पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो सकेगी.