पटना: तिरहुत स्नातक क्षेत्र के उपचुनाव में मिली करारी हार से जेडीयू और एनडीए नेताओं की नींद उड़ी हुई है. हार की वजह तलाशी जा रही है लेकिन माना जा रहा है कि शिक्षकों की नाराजगी के कारण कैंडिडेट अभिषेक झा को समर्थन नहीं मिला और वह चौथे स्थान पर चले गए. हालांकि सरकार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ये मानने को तैयार नहीं कि शिक्षक वर्ग हमसे नाराज है.
'शिक्षक समाज हमसे नाराज नहीं': शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि केवल एक हार से शिक्षकों की नाराजगी की बात करना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में विधानसभा चुनाव में चारों सीट पर एनडीए को जीत मिली है. तिरहुत ग्रेजुएट विधान परिषद सीट पर मिली हार की पार्टी समीक्षा करेगी. शिक्षक नेता बंशीधर व्रजवासी के विधान परिषद चुनाव जीतने पर चर्चा यह भी है कि केके पाठक ने शिक्षक बंशीधर ब्रजधारी को बर्खास्त किया था और उसके कारण शिक्षकों में नाराजगी थी.
क्या केके पाठक के कारण हुई हार?: हालांकि शिक्षा मंत्री सुनील कुमार का कहना है कि केवल एक आदमी पर कार्रवाई से चुनाव की जीत-हार पर असर पड़ने की बात सही नहीं है. विधानसभा उप चुनाव में जब जीत एनडीए को मिली थी तो उसके लिए कौन जिम्मेवार है? उन्होंने कहा कि जनता जिसके साथ रहेगी जीत उसी की होगी. ऐसे इस मामले में हम लोग बैठकर समीक्षा करेंगे कि हार का क्या कारण रहा?
"एक चुनाव से आप नहीं कह सकते हैं कि शिक्षक वर्ग ही पार्टी (जेडीयू) या एनडीए के खिलाफ है. इसके पूर्व का रिजल्ट आप देखिये कि चार सीट पर हुए उपचुनाव में एनडीए की ही जीत हुई है लेकिन पार्टी इस पर जरूर गंभीरता से विचार करेगी."- सुनील कुमार, शिक्षा, मंत्री, बिहार
शिक्षक नेता ने दर्ज की शानदार जीत: देवेश चंद्र ठाकुर के इस्तीफे के कारण खाली हुई तिरहुत स्नातक विधान परिषद सीट पर हुए उपचुनाव में शिक्षक नेता बंशीधर ब्रजवासी ने बतौर निर्दलीय कैंडिडेट जीत दर्ज की है. पहले राउंड से लेकर अंतिम राउंड तक उन्होंने बढ़त बरकरार रखी. दूसरे स्थान पर जन सुराज पार्टी, तीसरे पर आरजेडी और चौथे स्थान पर जेडीयू प्रत्याशी अभिषेक झा रहे. बंशीधर ब्रजवासी ने तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक से पंगा लिया था, जिस वजह से उनको निलंबित कर दिया गया था.
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