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ईडी ने बड़ी साजिश का किया खुलासा, फर्जीवाड़ा कर 22 करोड़ की जमीन हड़पने की थी साजिश! - Ranchi land scam

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 10, 2024, 10:58 PM IST

ED arrested three accused in land scam case. ईडी ने एक बड़ी साजिश का खुलासा किया है. फर्जीवाड़ा कर 22 करोड़ की जमीन हड़पने की साजिश थी. रांची जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार तीन नए लोगों की गिरफ्तारी से इसका खुलासा हुआ है.

ED sent to jail three accused arrested in Ranchi land scam case
रांची जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार तीन आरोपी (Etv Bharat)

रांचीः झारखंड में रांची जमीन घोटाले से जुड़े केस में गिरफ्तार कोलकाता के रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस के कर्मी तापस, संजीत और इरशाद को रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया है. तीनों को अब ईडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी.

4.83 एकड़ जमीन बेचने की साजिश

इन तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने जांच में पाया है कि गिरफ्तार आरोपियों ने रांची के चेशायर होम रोड में 4.83 एकड़ जमीन का फर्जीवाड़ा कर उसे बेचने की कोशिश की थी. इस जमीन का सर्किल रेट 22.61 करोड़ रुपये है. हालांकि जमीन का बाजार मूल्य चार गुना से अधिक है, इसी केस में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन जेल में बंद हैं. ईडी ने कोर्ट को दिए रिमांड पीटिशन में बताया है कि बड़गाईं अंचल के गिरफ्तार राजस्व उपनिरीक्षक भानू प्रताप, मो. सद्दाम, अफसर अली, प्रिय रंजन सहाय, विपिन सिंह और शेखर कुशवाहा उर्फ शेखर महतो ने कई जमीनों का सौदा फर्जी कागजात बनवा कर किया.

ईडी द्वारा कोर्ट को बताया गया कि सद्दाम हुसैन ने बरियातू के खाता नंबर 234 के 6.34 एकड़ का फर्जी डीड 1940 की तारीख में बनवाई थी. इस जमीन के प्लाट 989 (84 डिसमिल) और 996 (32 डिसमिल) को ईडी ने हेमंत सोरेन के कब्जे वाली 8.86 एकड़ जमीन का हिस्सा बताया है. ईडी ने दावा किया है कि सद्दाम हुसैन, अफसर अली, प्रिय रंजन सहाय, शेखर महतो ने गाड़ी मौजा के 4.83 एकड़ जमीन को भी फर्जी डीड पर हड़पने की साजिश रची थी.

गैर-मजरूआ खाते की जमीन का नेचर बदला

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि 4.83 एकड़ जमीन के रैयत जीतुआ भोक्ता, पुत्र- तेतरा भोक्ता दर्ज था. लेकिन फर्जीवाड़ा कर दोनों के नाम के बदले सरकारी दस्तावेज में जीतुआ के जगह समरेंद्र चंद्र घोषाल और तेतरा की जगह जितेंद्र चंद्र घोषाल के नाम की इंट्री कर दी गई. इसके बाद इसे गैर-मजरूआ खाते से समान्य बिक्री योग्य जमीन बना दिया गया. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि 8.86 एकड़ के साथ बाकि जमीन के फर्जीवाड़े में भी यह गिरोह शामिल था.

कैसे किया फर्जीवाड़ा

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि तापस घोष कोलकाता के रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस में डीड सर्चर है, जबकि संजीत कुमार वहीं पर स्वीपर और रात्रि प्रहरी का काम करता है. दोनों की पहुंच वहां के ओरिजनल रजिस्टर तक थी. दोनों आरोपी ओरिजनल रजिस्टर से खाली पन्ने गायब कर फर्जी पेपर बनाने वाले मो. इरशाद को इसकी सप्लायी करते थे. ईडी ने जांच में पाया है कि तापस घोष ने कैश व बैंक खाते में आरोपियों के सिंडिकेट से 21.43 लाख रुपये लिए. वहीं संजीत के खाते में भी 80 हजार का ट्रांजेक्शन पाया गया है. मो.

इरशाद के बारे में इडी ने कोर्ट को बताया है कि उसने मबकूल नाम के अपने सहयोगी के साथ मिलकर 4.83 एकड़ जमीन की फर्जी डीड लिखी थी. उसने ओरिजनल पंजी 2 में फर्जी इंट्री दर्ज की, जिसमें भानु प्रताप, विपिन सिंह समेत अन्य ने उसकी मदद की थी.

इसे भी पढ़ें- रांची जमीन घोटाला के कोलकाता कनेक्शन का खुलासा, ईडी ने तीन को दबोचा, हजारीबाग कोर्ट का कर्मी भी गिरफ्तार - Ranchi land scam

इसे भी पढ़ें- टेंडर कमीशन के खेल में करोड़ों की उगाही का राज खोल रही ईडी, एक दर्जन ठेकेदार, नेता और अधिकारी राडर पर - ED action in Jharkhand

इसे भी पढ़ें- मंत्री आलमगीर आलम के ओएसडी संजीव कुमार लाल सस्पेंड, कार्मिक विभाग ने जारी की अधिसूचना, ईडी ने किया है गिरफ्तार - OSD Sanjeev Kumar Lal suspended

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4.83 एकड़ जमीन बेचने की साजिश

इन तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने जांच में पाया है कि गिरफ्तार आरोपियों ने रांची के चेशायर होम रोड में 4.83 एकड़ जमीन का फर्जीवाड़ा कर उसे बेचने की कोशिश की थी. इस जमीन का सर्किल रेट 22.61 करोड़ रुपये है. हालांकि जमीन का बाजार मूल्य चार गुना से अधिक है, इसी केस में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन जेल में बंद हैं. ईडी ने कोर्ट को दिए रिमांड पीटिशन में बताया है कि बड़गाईं अंचल के गिरफ्तार राजस्व उपनिरीक्षक भानू प्रताप, मो. सद्दाम, अफसर अली, प्रिय रंजन सहाय, विपिन सिंह और शेखर कुशवाहा उर्फ शेखर महतो ने कई जमीनों का सौदा फर्जी कागजात बनवा कर किया.

ईडी द्वारा कोर्ट को बताया गया कि सद्दाम हुसैन ने बरियातू के खाता नंबर 234 के 6.34 एकड़ का फर्जी डीड 1940 की तारीख में बनवाई थी. इस जमीन के प्लाट 989 (84 डिसमिल) और 996 (32 डिसमिल) को ईडी ने हेमंत सोरेन के कब्जे वाली 8.86 एकड़ जमीन का हिस्सा बताया है. ईडी ने दावा किया है कि सद्दाम हुसैन, अफसर अली, प्रिय रंजन सहाय, शेखर महतो ने गाड़ी मौजा के 4.83 एकड़ जमीन को भी फर्जी डीड पर हड़पने की साजिश रची थी.

गैर-मजरूआ खाते की जमीन का नेचर बदला

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि 4.83 एकड़ जमीन के रैयत जीतुआ भोक्ता, पुत्र- तेतरा भोक्ता दर्ज था. लेकिन फर्जीवाड़ा कर दोनों के नाम के बदले सरकारी दस्तावेज में जीतुआ के जगह समरेंद्र चंद्र घोषाल और तेतरा की जगह जितेंद्र चंद्र घोषाल के नाम की इंट्री कर दी गई. इसके बाद इसे गैर-मजरूआ खाते से समान्य बिक्री योग्य जमीन बना दिया गया. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि 8.86 एकड़ के साथ बाकि जमीन के फर्जीवाड़े में भी यह गिरोह शामिल था.

कैसे किया फर्जीवाड़ा

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि तापस घोष कोलकाता के रजिस्ट्रार आफ एश्योरेंस में डीड सर्चर है, जबकि संजीत कुमार वहीं पर स्वीपर और रात्रि प्रहरी का काम करता है. दोनों की पहुंच वहां के ओरिजनल रजिस्टर तक थी. दोनों आरोपी ओरिजनल रजिस्टर से खाली पन्ने गायब कर फर्जी पेपर बनाने वाले मो. इरशाद को इसकी सप्लायी करते थे. ईडी ने जांच में पाया है कि तापस घोष ने कैश व बैंक खाते में आरोपियों के सिंडिकेट से 21.43 लाख रुपये लिए. वहीं संजीत के खाते में भी 80 हजार का ट्रांजेक्शन पाया गया है. मो.

इरशाद के बारे में इडी ने कोर्ट को बताया है कि उसने मबकूल नाम के अपने सहयोगी के साथ मिलकर 4.83 एकड़ जमीन की फर्जी डीड लिखी थी. उसने ओरिजनल पंजी 2 में फर्जी इंट्री दर्ज की, जिसमें भानु प्रताप, विपिन सिंह समेत अन्य ने उसकी मदद की थी.

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