रांची: कैश कांड मामले में ईडी ने शिकंजा कसने का दायरा बढ़ा दिया है. ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में जो बातें निकली हैं, उस आधार पर ईडी ने इसी विभाग में बड़े पद पर रहे एक अधिकारी को समन जारी किया है. ईडी ने उन्हें 24 मई को बुलाया है.
ईडी ने अबतक हुए जांच में मिले तथ्यों पर आधारित जो सबूत पीएमएलए कोर्ट में पेश किए हैं. उसमें लेन-देन के लिए कोड वर्ड का जिक्र है. इसमें एच, एम, एस, टीसी, सीई जैसे कोड वर्ड मिले हैं. आज ईडी द्वारा इसी विभाग में एक बड़े पद पर रहे अधिकारी को समन जारी किया है.
सबूत को तौर पर ईडी ने कोर्ट के समक्ष ठेकेदारों का नाम, टेंडर की राशि, कमीशन और मंत्री की हिस्सेदारी का ब्यौरा भी दिया है. यह डिटेल संजीव लाल के घर से मिले एक्सेल शीट में था. जाहिर है कि अब आने वाले दिनों में कई ठेकेदारों और दूसरे सफेदपोश पर ईडी की गाज गिरने वाली है.
फिलहाल, ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम को दोबारा रिमांड पर लिया है. उनसे अगले पांच दिनों तक पूछताछ होगी. अनुमान लगाया जा रहा है कि अगली बार सरकारी अधिकार और मंत्री को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ होगी.
ईडी की छापेमारी के दौरान जहांगीर अलाम के फ्लैट से मिले डायरी में हिसाब किताब में कई व्यक्तियों का जिक्र है. डायरी के एक पन्ने में कुछ लोगों के नाम से करोड़ों के भुगतान का जिक्र है. ईडी ने जब अपनी पड़ताल की तो सरकारी अधिकारी का नाम सामने आया. हिसाब किताब की डायरी में कुल 1970.05 करोड़ के लेटर ऑफ एक्सेप्टेशन (एलओए) का जिक्र है. साथ ही इसके लिए 59.10 करोड़ और 41.18 करोड़ की राशि का जिक्र है.
डीएस कोड को 21.07 करोड़ रुपये के बंटवारे में मिले, 5.95 करोड़ रुपये एक व्यक्ति को, 4.22 करोड़ रुपये एक व्यक्ति को, 7.30 करोड़ रुपये मंत्री आलमगीर आलम और 1.33 करोड़ रुपये चीफ इंजीनियर को मिले, इसकी जानकारी है. इसी डायरी में एक जगह उपलब्ध 21.07 करोड़ रुपये में 11.62 करोड़ रुपये की राशि खर्च होने का जिक्र करते हुए, बची राशि 9.45 करोड़ का जिक्र किया गया है.
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