नई दिल्ली: शराब घोटाले में एक के बाद एक समन झेल रहे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ED ने एक नया समन भेजा है. इस समन का नाता दिल्ली के जल बोर्ड विभाग से है. आरोप है कि दिल्ली जल बोर्ड का टेंडर करने के नाम पर मोटी रिश्वत वसूली गई है.
क्या है मामला: रविवार सुबह से ही आम आदमी पार्टी के नेता ये कहते रहे कि उन्हें यह पता नहीं है कि दिल्ली जल बोर्ड का क्या केस चल रहा है, जिसमें अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजा गया है. बताया जा रहा है कि दिल्ली जल बोर्ड का टेंडर करने के लिए रिश्वत ली गई थी. रिश्वत की रकम का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी के चुनाव कोष में किया गया था. सूत्रों के मुताबिक नोटिस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 18 मार्च को एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी के दफ्तर में बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है.
कहां-कहां हुई छापेमारी: ईडी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली जल बोर्ड के एक ठेके के बदले रिश्वत ली गई. आम आदमी पार्टी ने रिश्वत का ये पैसा चुनावी कोर्स में लिया था. ईडी इस मामले की जांच फरवरी से ही कर रही है. फरवरी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार के यहां छापेमारी भी की थी. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य एनडी गुप्ता, दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सदस्य सुलभ कुमार और पंकज मंगल समेत कुछ अन्य लोगों के यहां छापेमारी हुई थी. आरोप है कि रिश्वत के बदले ठेका दिया गया.
ईडी ने मामले में दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था.
ED के आरोप
- एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर टेंडर लिया था.
- आरोप ये भी है कि जगदीश कुमार अरोड़ा को इसकी जानकारी थी, जगदीश अरोड़ा ने नगद और बैंक खातों में रिश्वत लेकर ये टेंडर दिया था.
- रिश्वत की ये रकम अलग-अलग लोगों में भी बांटी गई थी, जिसमें आम आदमी पार्टी से जुड़े लोग भी थे.
- आरोप है कि कि ठेकेदार को ठेका बढ़ी दरों पर दिया गया जिससे ठेकेदारों से रिश्वत की रकम वसूली जा सके.
जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने मामले में एक प्राथमिकी भी दर्ज की थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नाम की कंपनी को जल बोर्ड के 38 करोड़ रुपए का ठेका दिया था. कंपनी मानदंडों को पूरा नहीं कर रही थी इसके बावजूद भी टेंडर दिया गया था, ED ने इसी आप को अपनी जांच का आधार बनाया है.
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21 करोड़ की रिश्वत का आरोप: मामले में ईडी का आरोप है कि ठेका 38 करोड़ रुपए का था कॉन्ट्रैक्ट पर सिर्फ 17 करोड़ रुपए का खर्च किए गए. विभिन्न फर्जी खर्चो के आड़ में बाकी की रकम गबन की गई. इस तरह हासिल की गई रिश्वत की रकम को चुनावी कोष के लिए इस्तेमाल किया गया था. इस मामले में आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया है कि ये अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने और उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में प्रचार प्रसार करने से रोकने के लिए नोटिस भेजा गया है.
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