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हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले ईडी का कांग्रेस नेताओं पर ताबड़तोड़ एक्शन, क्या हैं इसके राजनीतिक मायने ? - ED raids on Haryana Congress

ED raids on Haryana Congress leaders: हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी उठापटक जारी है. ऐसे में कांग्रेस नेताओं के घर पर ईडी ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब भूपेंद्र हुड्डा तक भी ईडी की जांच की आंच पहुंचने वाली है. लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकती है, जिसके चलते बीजेपी चुनाव नजदीक आते ही ईडी का इस्तेमाल कर रही है. रिपोर्ट में विस्तार से जानें अब तक ईडी रेड में क्या हुआ

ED raids on Haryana Congress leaders
ED raids on Haryana Congress leaders (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jul 20, 2024, 7:16 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी पूरे एक्शन में दिखाई दे रही है. ईडी के निशाने पर हरियाणा कांग्रेस के नेता दिखाई दे रहे हैं. पार्टी के एक विधायक को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. एक पर एक्शन के बाद जांच चल रही है. वहीं, पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की भी आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार गिरफ्तार: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने शुक्रवार देर रात को सोनीपत से कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार को अवैध खनन के मामले में गिरफ्तार कर लिया. मामला जनवरी महीने में हुई रेड से जुड़ा है. उस समय अवैध खनन के मामले में ईडी ने इनेलो नेता दिलबाग सिंह और सोनीपत विधायक सुरेंद्र पंवार से जुड़ा था. इसी मामले में ईडी के समक्ष सुरेंद्र पंवार पेश हुए थे. जिसके बाद ईडी ने उन्हें हिरासत में ले लिए. जानकारी के मुताबिक ईडी को उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग के सबूत जनवरी में हुई रेड में मिले थे. एल किन सुरेंद्र पंवार के जवाब से जब ईडी संतुष्ट नहीं हुई, तो उनको गिरफ्तार किया गया. वहीं, कोर्ट ने सुरेंद्र पंवार को 9 दिनों का रिमांड पर भेज दिया है.

मुश्किल में कांग्रेस विधायक राव दान सिंह!: कांग्रेस के एक और विधायक राव दान सिंह की भी मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है. 17 जुलाई को ईडी ने उनके और उनसे जुड़ी संस्थाओं के ठिकानों पर छापेमारी की थी. यह मामला 1392 करोड़ के बैंक कर्ज में धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है. ईडी की तलाशी में विधायक राव दान सिंह के बेटे अक्षत सिंह की संस्थाओं सहित समूह संस्थाओं/व्यक्तियों के परिसरों से 1.42 करोड़ रुपये की नकदी, आपत्तिजनक दस्तावेज, 32 अज्ञात फ्लैट और जमीन, विभिन्न लॉकर, ट्रस्ट आदि के दस्तावेज बरामद हुए हैं. अब इस बात का अंदेशा लगाया जा रहा ही है कि ईडी राव दान सिंह को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है.

हुड्डा से जुड़े मामले में ईडी ने संपत्ति की जब्त: ऐसा नहीं है कि ईडी के रडार पर कांग्रेस विधायक ही हैं. हरियाणा के पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की भी मुश्किलें बढ़ सकती है. हुड्डा सरकार में हुई जमीन की खरीद के मामले में ईडी ने गुरुग्राम में M3M की 300 करोड़ की 88.29 एकड़ जमीन अटैच की है. M3M के प्रमोटर बसंत और रूप कुमार बंसल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में कमर्शियल कॉलोनी बनाने के लिये 10.35 एकड़ जमीन गलत तरीके से ली थी. इसके बाद इस ज़मीन को कंपनी को 726 करोड़ में को बेच दिया था. काबिले गौर है इसी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ पहले ही ED ने मामला दर्ज किया हुआ हैं.

ईडी रडार पर पहले से कुछ विधायक: हालांकि ईडी ने इससे पहले एक मई को पानीपत के समालखा से कांग्रेस के विधायक धर्म सिंह छौक्कर के बेटे को भी गिरफ्तार किया था. यह गिरफ्तारी घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई थी. जुलाई महीने में बीते साल उनके आवास पर रेड भी हुई थी. इस मामले में विधायक धर्म सिंह छौक्कर की हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज हुई थी.

ईडी एक्शन पर एक्सपर्ट्स का रिएक्शन: राजनीतिक मामलों के जानकार धीरेंद्र अवस्थी ईडी के एक्शन को लेकर कहते हैं कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के सामने आने के बाद सब जानते हैं, कि इस बार कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर देने वाली है. ऐसे में बीजेपी को चुनावी वक्त में जो ईडी की कार्रवाई हो रही है. इसका नुकसान होगा. वे कहते हैं कि जिन मामलों में ईडी इस वक्त तेजी से कार्रवाई कर रही है, उनमें ज्यादातर पुराने मामले चल रहे हैं. जिन पर चुनाव के वक्त कार्रवाई होने से कई तरह के सवाल खड़े होते हैं.

वे कहते हैं कि वैसे भी विपक्ष बीजेपी सरकार पर ईडी और सीबीआई के अपने विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल करने का आरोप लगता है और मौजूदा वक्त में हो रही कार्रवाई पर भी विपक्ष बीजेपी को कटघरे में खड़ा करने कोशिश जरूर करेगा. जिसका नुकसान विपक्ष का तो होने की संभावना कम दिखाई देती है. लेकिन सत्ता पक्ष को इसका नुकसान जरूर हो सकता है.

वरिष्ठ पत्रकार ने कहा: वहीं, इस मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार राजेश मोदगिल कहते हैं कि ईडी की कार्रवाई सही है या गलत इसका फैसला तो कोर्ट करेगी. लेकिन इसकी कार्रवाई की टाइमिंग को लेकर सवाल जरूर खड़े हो सकते हैं. वह कहते हैं कि विपक्ष पहले ही ईडी और सीबीआई के गलत इस्तेमाल का केंद्र सरकार पर आरोप लगाता रहा है. ऐसे में चुनावी साल में एड की कार्रवाई पर जरूर फिर से सवाल खड़े होंगे. वह कहते हैं कि जहां तक ईडी द्वारा दर्ज किए गए मामलों की है, वे कितने सही और गलत हैं इस पर कोर्ट की कार्रवाई के बाद ही कुछ कहना सही होगा. लेकिन ईडी के चुनावी समय में एक्शन पर फिर सवाल जरूर खड़े होने वाले हैं.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में ED ने कांग्रेस विधायक को किया गिरफ्तार, 9 दिन की मिली रिमांड - ED arrested Congress MLA Surendra

ये भी पढ़ें: हरियाणा में 'केजरीवाल की गारंटी' जारी करेंगी सुनीता केजरीवाल, विधानसभा चुनाव से पहले करेंगी बड़ा ऐलान - Kejriwal guarantee in Haryana

चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी पूरे एक्शन में दिखाई दे रही है. ईडी के निशाने पर हरियाणा कांग्रेस के नेता दिखाई दे रहे हैं. पार्टी के एक विधायक को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. एक पर एक्शन के बाद जांच चल रही है. वहीं, पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की भी आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार गिरफ्तार: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने शुक्रवार देर रात को सोनीपत से कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार को अवैध खनन के मामले में गिरफ्तार कर लिया. मामला जनवरी महीने में हुई रेड से जुड़ा है. उस समय अवैध खनन के मामले में ईडी ने इनेलो नेता दिलबाग सिंह और सोनीपत विधायक सुरेंद्र पंवार से जुड़ा था. इसी मामले में ईडी के समक्ष सुरेंद्र पंवार पेश हुए थे. जिसके बाद ईडी ने उन्हें हिरासत में ले लिए. जानकारी के मुताबिक ईडी को उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग के सबूत जनवरी में हुई रेड में मिले थे. एल किन सुरेंद्र पंवार के जवाब से जब ईडी संतुष्ट नहीं हुई, तो उनको गिरफ्तार किया गया. वहीं, कोर्ट ने सुरेंद्र पंवार को 9 दिनों का रिमांड पर भेज दिया है.

मुश्किल में कांग्रेस विधायक राव दान सिंह!: कांग्रेस के एक और विधायक राव दान सिंह की भी मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है. 17 जुलाई को ईडी ने उनके और उनसे जुड़ी संस्थाओं के ठिकानों पर छापेमारी की थी. यह मामला 1392 करोड़ के बैंक कर्ज में धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है. ईडी की तलाशी में विधायक राव दान सिंह के बेटे अक्षत सिंह की संस्थाओं सहित समूह संस्थाओं/व्यक्तियों के परिसरों से 1.42 करोड़ रुपये की नकदी, आपत्तिजनक दस्तावेज, 32 अज्ञात फ्लैट और जमीन, विभिन्न लॉकर, ट्रस्ट आदि के दस्तावेज बरामद हुए हैं. अब इस बात का अंदेशा लगाया जा रहा ही है कि ईडी राव दान सिंह को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है.

हुड्डा से जुड़े मामले में ईडी ने संपत्ति की जब्त: ऐसा नहीं है कि ईडी के रडार पर कांग्रेस विधायक ही हैं. हरियाणा के पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की भी मुश्किलें बढ़ सकती है. हुड्डा सरकार में हुई जमीन की खरीद के मामले में ईडी ने गुरुग्राम में M3M की 300 करोड़ की 88.29 एकड़ जमीन अटैच की है. M3M के प्रमोटर बसंत और रूप कुमार बंसल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में कमर्शियल कॉलोनी बनाने के लिये 10.35 एकड़ जमीन गलत तरीके से ली थी. इसके बाद इस ज़मीन को कंपनी को 726 करोड़ में को बेच दिया था. काबिले गौर है इसी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ पहले ही ED ने मामला दर्ज किया हुआ हैं.

ईडी रडार पर पहले से कुछ विधायक: हालांकि ईडी ने इससे पहले एक मई को पानीपत के समालखा से कांग्रेस के विधायक धर्म सिंह छौक्कर के बेटे को भी गिरफ्तार किया था. यह गिरफ्तारी घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई थी. जुलाई महीने में बीते साल उनके आवास पर रेड भी हुई थी. इस मामले में विधायक धर्म सिंह छौक्कर की हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज हुई थी.

ईडी एक्शन पर एक्सपर्ट्स का रिएक्शन: राजनीतिक मामलों के जानकार धीरेंद्र अवस्थी ईडी के एक्शन को लेकर कहते हैं कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के सामने आने के बाद सब जानते हैं, कि इस बार कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर देने वाली है. ऐसे में बीजेपी को चुनावी वक्त में जो ईडी की कार्रवाई हो रही है. इसका नुकसान होगा. वे कहते हैं कि जिन मामलों में ईडी इस वक्त तेजी से कार्रवाई कर रही है, उनमें ज्यादातर पुराने मामले चल रहे हैं. जिन पर चुनाव के वक्त कार्रवाई होने से कई तरह के सवाल खड़े होते हैं.

वे कहते हैं कि वैसे भी विपक्ष बीजेपी सरकार पर ईडी और सीबीआई के अपने विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल करने का आरोप लगता है और मौजूदा वक्त में हो रही कार्रवाई पर भी विपक्ष बीजेपी को कटघरे में खड़ा करने कोशिश जरूर करेगा. जिसका नुकसान विपक्ष का तो होने की संभावना कम दिखाई देती है. लेकिन सत्ता पक्ष को इसका नुकसान जरूर हो सकता है.

वरिष्ठ पत्रकार ने कहा: वहीं, इस मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार राजेश मोदगिल कहते हैं कि ईडी की कार्रवाई सही है या गलत इसका फैसला तो कोर्ट करेगी. लेकिन इसकी कार्रवाई की टाइमिंग को लेकर सवाल जरूर खड़े हो सकते हैं. वह कहते हैं कि विपक्ष पहले ही ईडी और सीबीआई के गलत इस्तेमाल का केंद्र सरकार पर आरोप लगाता रहा है. ऐसे में चुनावी साल में एड की कार्रवाई पर जरूर फिर से सवाल खड़े होंगे. वह कहते हैं कि जहां तक ईडी द्वारा दर्ज किए गए मामलों की है, वे कितने सही और गलत हैं इस पर कोर्ट की कार्रवाई के बाद ही कुछ कहना सही होगा. लेकिन ईडी के चुनावी समय में एक्शन पर फिर सवाल जरूर खड़े होने वाले हैं.

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