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रोहतक में जैन बंधुओं के घर ईडी की छापेमारी, 46 लाख का कैश और कई लग्जरी कार बरामद

रोहतक के जैन बंधुओं के घर ईडी ने छापेमारी की. इस दौरान ईडी को 46 लाख रुपए कैश और कई लग्जरी कार मिले हैं.

ED raid in Rohtak
रोहतक में ईडी की रेड (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 3 hours ago

रोहतक: प्रवर्तन निदेशालय ने दो दिन पहले रोहतक के जैन बंधुओं के घर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान घर से 46 लाख कैश और कई लग्जरी कार बरामद किए गए. ईडी की टीम ने रोहतक शहर के उद्योगपति राजेश जैन, उसके सहयोगियों के घर और अन्य जगहों पर छापेमारी की. सर्च ऑपरेशन के बाद से ही राजेश जैन गायब हैं. उसी दिन से उनका मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ आ रहा है. यहां तक कि जैन की ओर से और उनके मीडिया प्रबंधन की ओर से भी इस संबंध में कोई सूचना सामने नहीं आई है.

200 करोड़ के लोन से जुड़ा है मामला: दरअसल ये पूरा मामला केनरा बैंक और स्टेट बैंक इंडिया से 200 करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन लेकर सहयोग संस्थाओं को यह तमाम राशि ट्रांसफर करने का है. सीबीआई ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर रखी है. फरवरी 2021 में सीबीआई ने भी राजेश जैन से जुड़े प्रतिष्ठानों पर रेड डाली थी. ईडी की ओर से शुक्रवार देर रात को जानकारी दी गई है कि 24 अक्टूबर को गुरुग्राम जोनल ऑफिस ने गुरुग्राम, दिल्ली, मानेसर और रोहतक में मनी लांड्रिंग से जुड़े 200 करोड़ रुपए से ज्यादा के मामले में सर्च ऑपरेशन चलाया था.

जानिए कौन है राजेश जैन: राजेश जैन रोहतक के जाने-माने उद्योगपति और समाजसेवी हैं. वे एलपीएस बोसार्ड कंपनी के एमडी हैं. उनकी कंपनी में नेट बोल्ट का उत्पादन होता है. एशिया के कई देशों के साथ उनकी कंपनी डील करती है. चंद्रयान में भी उनकी कंपनी के पार्ट्स इस्तेमाल हुए थे. सीबीआई ने जब फरवरी 2021 में रेड की थी तब जानकारी साझा की गई कि राजेश जैन, उनके भाई ललित जैन और अन्य ने साजिश रचकर, तथ्यों और झूठे दस्तावेजों या सूचनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत करके धोखाधड़ी किया है.

क्या है आरोप: आरोप है कि वे चीजों को छिपाकर, धन का दुरुपयोग करके और बैंकों की सहमति के बिना बंधक संपत्तियों का निपटान करके बैंकों के संघ के साथ धोखाधड़ी किए है. कैनरा बैंक की ओर से इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. ऑडिट एजेंसी से करवाए गए लेखा-जोखा ऑडिट में पूरा खुलासा हुआ था. यही नहीं यह भी पता चला है कि कंपनी की ओर से लोन लेते समय गलत दस्तावेज और साक्ष्य पेश किए गए साथ ही सही तथ्य छिपाए गए थे.

ईडी ने किया खुलासा: ईडी ने शुक्रवार रात जानकारी दी कि 24 अक्टूबर को गुरुग्राम जोनल ऑफिस ने गुरुग्राम, दिल्ली, मानेसर और रोहतक में मनी लांड्रिंग से जुड़े 200 करोड़ रुपए से ज्यादा के मामले में ईडी ने छापेमार कार्रवाई की. यह ऑपरेशन एलपीएस के एमडी राजेश जैन, उनके भाई ललित कुमार जैन और नवधातु वायर्स प्राइवेट लिमिटेड मानेसर के निदेशक राजेश गुप्ता के प्रतिष्ठानों पर की गई. ईडी की जांच में सामने आया कि कई सालों से नवधातु कंपनी और ग्रिड इंडिया के जरिए फर्जी सेल्स और परचेज का काम चल रहा था, जबकि कंपनी उन्मूलन की ओर है.सर्च ऑपरेशन के दौरान ईडी की टीम को फंड और लोन से संबंधित कई तरह के कागजात, डिवाइस और अन्य सबूत मिले हैं. फिलहाल ईडी की जांच जारी है.

ये भी पढ़ें:एक ऐसा स्पा सेंटर जहां रात को उमड़ती थी भीड़, छापेमारी के दौरान नवविवाहिता को देख पुलिस के उड़े होश

ये भी पढ़ें:अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्री के ठिकानों पर ED की रेड, मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर की बड़ी कार्रवाई

रोहतक: प्रवर्तन निदेशालय ने दो दिन पहले रोहतक के जैन बंधुओं के घर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान घर से 46 लाख कैश और कई लग्जरी कार बरामद किए गए. ईडी की टीम ने रोहतक शहर के उद्योगपति राजेश जैन, उसके सहयोगियों के घर और अन्य जगहों पर छापेमारी की. सर्च ऑपरेशन के बाद से ही राजेश जैन गायब हैं. उसी दिन से उनका मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ आ रहा है. यहां तक कि जैन की ओर से और उनके मीडिया प्रबंधन की ओर से भी इस संबंध में कोई सूचना सामने नहीं आई है.

200 करोड़ के लोन से जुड़ा है मामला: दरअसल ये पूरा मामला केनरा बैंक और स्टेट बैंक इंडिया से 200 करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन लेकर सहयोग संस्थाओं को यह तमाम राशि ट्रांसफर करने का है. सीबीआई ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर रखी है. फरवरी 2021 में सीबीआई ने भी राजेश जैन से जुड़े प्रतिष्ठानों पर रेड डाली थी. ईडी की ओर से शुक्रवार देर रात को जानकारी दी गई है कि 24 अक्टूबर को गुरुग्राम जोनल ऑफिस ने गुरुग्राम, दिल्ली, मानेसर और रोहतक में मनी लांड्रिंग से जुड़े 200 करोड़ रुपए से ज्यादा के मामले में सर्च ऑपरेशन चलाया था.

जानिए कौन है राजेश जैन: राजेश जैन रोहतक के जाने-माने उद्योगपति और समाजसेवी हैं. वे एलपीएस बोसार्ड कंपनी के एमडी हैं. उनकी कंपनी में नेट बोल्ट का उत्पादन होता है. एशिया के कई देशों के साथ उनकी कंपनी डील करती है. चंद्रयान में भी उनकी कंपनी के पार्ट्स इस्तेमाल हुए थे. सीबीआई ने जब फरवरी 2021 में रेड की थी तब जानकारी साझा की गई कि राजेश जैन, उनके भाई ललित जैन और अन्य ने साजिश रचकर, तथ्यों और झूठे दस्तावेजों या सूचनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत करके धोखाधड़ी किया है.

क्या है आरोप: आरोप है कि वे चीजों को छिपाकर, धन का दुरुपयोग करके और बैंकों की सहमति के बिना बंधक संपत्तियों का निपटान करके बैंकों के संघ के साथ धोखाधड़ी किए है. कैनरा बैंक की ओर से इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. ऑडिट एजेंसी से करवाए गए लेखा-जोखा ऑडिट में पूरा खुलासा हुआ था. यही नहीं यह भी पता चला है कि कंपनी की ओर से लोन लेते समय गलत दस्तावेज और साक्ष्य पेश किए गए साथ ही सही तथ्य छिपाए गए थे.

ईडी ने किया खुलासा: ईडी ने शुक्रवार रात जानकारी दी कि 24 अक्टूबर को गुरुग्राम जोनल ऑफिस ने गुरुग्राम, दिल्ली, मानेसर और रोहतक में मनी लांड्रिंग से जुड़े 200 करोड़ रुपए से ज्यादा के मामले में ईडी ने छापेमार कार्रवाई की. यह ऑपरेशन एलपीएस के एमडी राजेश जैन, उनके भाई ललित कुमार जैन और नवधातु वायर्स प्राइवेट लिमिटेड मानेसर के निदेशक राजेश गुप्ता के प्रतिष्ठानों पर की गई. ईडी की जांच में सामने आया कि कई सालों से नवधातु कंपनी और ग्रिड इंडिया के जरिए फर्जी सेल्स और परचेज का काम चल रहा था, जबकि कंपनी उन्मूलन की ओर है.सर्च ऑपरेशन के दौरान ईडी की टीम को फंड और लोन से संबंधित कई तरह के कागजात, डिवाइस और अन्य सबूत मिले हैं. फिलहाल ईडी की जांच जारी है.

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