रांची: ईडी के रांची जोनल ऑफिस में बुधवार को पूर्व मंत्री योगेंद्र साव से लंबी पूछताछ हुई. ईडी ने योगेंद्र साव के साथ-साथ उनके भाई धीरेंद्र साव से भी पूछताछ की. दोनों से हजारीबाग से जुड़े कई मामलों को लेकर पूछताछ की गई.
जमीन कब्जा को लेकर हुई पूछताछ
ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईडी के अधिकारियों ने हजारीबाग के सरकारी जमीन पर कब्जा होने के विषय में योगेंद्र साव से पूछताछ की, ईडी के अधिकारियों ने पूछा कि किस आधार पर उनके द्वारा गैरमजरूआ सरकारी जमीन की चारदीवारी की गई थी. इसके साथ ही इस जमीन को कब्जाने में सरकारी पदाधिकारी की भूमिका के विषय में भी ईडी ने सवाल पूछे. हालांकि ईडी के सवालों का जवाब में योगेंद्र साव ने क्या बताया, इसका खुलासा नहीं हो पाया है.
योगेंद्र साव के ऊपर रंगदारी, बालू तस्करी के केस के विषय में भी ईडी ने जवाब तलब किया. वहीं ईडी ने योगेंद्र साव को कहा है कि वह अपनी और अपने आश्रितों की पूरी संपत्ति का विवरण हलफनामा के जरिए दें. चार अप्रैल को अंबा प्रसाद से भी इसी मामले में एजेंसी के रांची जोनल ऑफिस में पूछताछ होनी है.
अंबा प्रसाद पहुंची तो थमाया हाथों हाथ नोटिस
बुधवार की दोपहर बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद अपने पिता योगेंद्र साव के लिए भोजन और दवाइयां लेकर ईडी कार्यालय पहुंची थी. उन्होंने ईडी कार्यालय से बाहर निकलने के बाद बताया कि चार अप्रैल के समन के विषय में उन्हें मीडिया से ही जानकारी मिली थी, लेकिन वह ईडी ऑफिस के अंदर गईं तो एजेंसी के अधिकारियों ने उन्हें हाथों हाथ समन थमा दिया.
अंबा प्रसाद ने कहा कि अगर उनकी व्यस्तता नहीं हुई तो वह गुरुवार को रांची जोनल ऑफिस आएंगी और एजेंसी को जांच में पूरी तरह सहयोग करेंगी. अंबा प्रसाद ने बताया कि उनके परिवार को बीते कई सालों से परेशान किया जा रहा है. अंबा के अनुसार बीते छह सात साल तक उनके पिता और माता जेल में रहे, एक साल पहले ही सभी राज्य में लौटे हैं, लेकिन उन्हें अब भी परेशान किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें:
योगेंद्र साव के बाद अंबा प्रसाद भी पहुंचीं ईडी ऑफिस, कई ठिकानों पर जांच एजेंसी ने की थी छापेमारी