बूंदी. जिले में बाल विवाह के विरुद्ध कार्रवाई के दौरान प्रशासन को भ्रमित करने के उद्देश्य से ई-मित्र संचालक की ओर से बालिका के दस्तावेजों में हेर-फेर का मामला सामने आया है. ई-मित्र के संचालक ने बड़ी सावधानी से जन्म दिनांक के वर्ष को परिवर्तित करके 15 वर्षीय बालिका की उम्र 18 वर्ष कर दी. इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब बाल विवाह करने की सूचना मिलने पर चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, बाल अधिकारिता विभाग की टीम ने बालिका के दस्तावेजों की बारीकी से जांच की.
चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के जिला समन्वयक राम नारायण गुर्जर ने बताया कि एक गांव से 15 वर्षीय बालिका के बाल विवाह करने की सूचना मिली थी. इस पर 1098 टीम से काउंसलर परिता शर्मा और सुपरवाइजर सुरेश कुमार ने मौके पर पहुंच कर बालिका के परिजनों से मुलाकात की. परिजनों ने बताया कि बालिका किसी दूसरे गांव में गई है, शाम तक आएगी.
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गहनता से दस्तावेज देखने पर हुआ खुलासा : जिला समन्वयक गुर्जर ने बताया कि बालिका के उम्र संबंधी दस्तावेज मांगे जाने पर परिजनों ने बालिका का आधार कार्ड और परिवार का जन आधार कार्ड की कंप्यूटर से जारी की गई प्रतिलिपि दिखाई. ये दस्तावेज एक बार को बिल्कुल सही लगे, लेकिन टीम को शक होने पर दस्तावेजों की दोबारा गहनता से जांच की तब जाकर कांट-छांट का पता चला. 1098 की टीम ने बालिका की कक्षा 5 की परीक्षा का प्रवेश पत्र भी प्राप्त किया, जिसके अनुसार बालिका 15 वर्ष की पाई गई.
जन्म वर्ष 2009 को 2006 कर बताया बालिग : 1098 की टीम ने पिता से इन दस्तावेजों के बारे में गहनता से पूछा तो उन्होंने बताया कि विवाह करने में कोई दिक्कत न आए इसलिए ई-मित्र संचालक ने बालिका के दस्तावेजों में कांट-छांट करने में साथ दिया.
ई-मित्र संचालक ने बड़ी सावधानी से जन्म दिनांक के वर्ष को 2009 से बदलकर 2006 कर दिया, जिससे 15 वर्षीय बालिका की उम्र 18 वर्ष हो गई. बाद में इन दस्तावेजों को के. पाटन थाना और पटवारी को दिखाकर प्रशासन को भ्रमित किया गया. टीम 1098 ने बालिका के माता पिता को पुलिस की मदद से थाने में लाकर बाल विवाह नहीं करने के लिए समझाया.