जयपुर: प्रदेशवासियों को जल्द ही प्रधानमंत्री ई-बस सेवाओं का लाभ मिलेगा. केंद्र की मोदी सरकार की प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के अन्तर्गत ये बसें मिलेगी. इन बसों विद्युत आधारभूत संरचना विकास (बिहाइंड द मीटर) के तहत चलाया जाएगा. प्रदेश के 8 शहरों के लिए 100 प्रतिशत केन्द्रीय सहायता के रूप में 35.84 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी गई है. इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के सिविल डिपो आधारभूत संरचना विकास के लिए 7 शहरों के लिए 34.47 करोड़ रुपये की स्वीकृति देकर प्रथम किश्त के रूप में 8.62 करोड़ रुपए की राशि जारी की है.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप प्रदेश में ई-बसों का संचालन शीघ्र शुरू हो सकेगा. ई-बस सेवा के माध्यम से प्रदेश में शहरी परिवहन दक्षता में वृद्धि होने के साथ ही पर्यावरण अनुकूल परिवहन सेवा का भी विस्तार होगा. बता दें कि विद्युत आधारभूत संरचना विकास (बिहाइंड द मीटर) के लिए डिस्कॉम से करवाये जाने वाले डिपोजिट वर्क के लिए 100 प्रतिशत राशि और शेष कार्य के लिए स्वीकृत राशि की 25 प्रतिशत राशि प्रथम किश्त के रूप में जारी की गई है. सिविल डिपो आधारभूत संरचना विकास के लिए केन्द्र सरकार के 60 प्रतिशत हिस्से की प्रथम किश्त के रूप में कुल स्वीकृति की 25 प्रतिशत राशि जारी की गई है.
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प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के अन्तर्गत अजमेर शहर के नोसर घाटी डिपो, अलवर के टॉल प्लाजा के पास डिपो, बीकानेर के नाल रोड शराह नथानियां डिपो, भीलवाड़ा के मोहनलाल सुखाडिया नगर योजना, टंकी के बालाजी डिपो, जोधपुर के झालामण्ड डिपो, कोटा के सुभाष नगर डिपो, उदयपुर के ढोल की घाटी डिपो के लिए विद्युत आधारभूत संरचना विकास एवं सिविल डिपो आधारभूत संरचना विकास के लिए यह स्वीकृति मिली है. साथ ही, जयपुर शहर के टोडी और बगराना डिपो के विद्युत आधारभूत संरचना विकास के लिए वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है. बता दें कि प्रदेश में ई - बसों के संचालन के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही थी, भजन लाल सरकार ने अपने 2024-25 के पूर्ण बजट में इस को लेकर कई घोषणा की थी. ई बसों के संचालन से पर्यावरण प्रदूषण तो कम होगा ही साथ ही प्रदेशवासियों को सुगम यातायात की भी सुविधाएं मिल सकेगी.