अलवर. वित्त मंत्री दीया कुमारी ने बुधवार को वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया. बजट में अलवर जिले को कोई बड़ी सौगात नहीं मिलने के साथ ही संभाग व कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने की मांग भी अधूरी रही. स्मार्ट सिटी एवं औद्योगिक पार्क विकसित करने पर भजनलाल सरकार का ध्यान नहीं जा सका, लेकिन पानी की विकराल होती समस्या एवं सड़कों के निर्माण सहित कई अन्य छोटी सौगातें जरूर अलवर की झोली में आई हैं.
ये की गई घोषणा : वित्त मंत्री की ओर से पेश राज्य बजट में अलवर, कोटपूतली-बहरोड़ और खैरथल-तिजारा जिलों के लिए चम्बल नदी आधारित पेयजल योजना, किशनगढ़बास और 21 गांवों में पेयजल के लिए परियोजना, सिलीसेढ़ क्षेत्र के ट्यूबवेल और पाइप लाइन के माध्यम से अलवर शहर को पेयजल मुहैया कराने, जावली में 200 केवी जीएसएस, स्टेट हाईवे-25 केशरपुर बल्लाना से पूनखर तक सड़क चौड़ा करने, हाजीपुर से हरसौरा तक सड़क चौड़ा करने की घोषणा की गई है.
इसी तरह भरतपुर-अलवर मार्ग को फोर लेन के लिए डीपीआर तैयार कराने, कोटपूतली-किशनगढ़बास ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे, बहरोड में बस स्टैंड निर्माण, सौंखरी में नया औद्योगिक क्षेत्र, सरिस्का से पाण्डुपोल मंदिर तक जाने के लिए इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, सरिस्का में टाइगर हैबिटाट सुधार कार्य व एंटी पोचिंग सिस्टम मजबूत करने, अलवर में बायोलॉजिकल पार्क की स्थापना, सरिस्का का इको सेंसिटिव जोन के रूप में चिन्हीकरण कर मास्टर प्लान बनाने, अलवर व भिवाड़ी में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित करने, कठूमर में कन्या महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई है.
अलवर आईटीआई में नवीन टेड खोलने, अलवर पॉलिटेक्निक कॉलेज में सीटें बढ़ाने, रैणी में छात्रावास पुनर्निमाण, कठूमर व तिजारा में देवनारायण बालिका छात्रावास खोलने, अलवर अस्पताल में शिशु चिकित्सालय का दर्जा दिलाने, तिजारा सीएचसी को उप जिला अस्पताल में क्रमोन्नत करने, मांढण व नारायणपुर में नगर पालिका की स्थापना, भाखेडा व खापरिया में एनीकट निर्माण, नटनी का बारा बीयर से जयसमंद बांध तक निर्मित नहर का उन्नयन कार्य कराने और तिजारा-खैरथल में नवीन कृषि मंडी यार्ड की स्थापना की घोषणा की गई है.
सरिस्का से पांडुपोल तक ई बसें : सीए कृष्ण मोरे ने राज्य बजट को संतुलित बताया है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने सभी वर्गों को कुछ न कुछ देने का प्रयास किया है. हालांकि, अलवर जिले से केन्द्र व राज्य सरकार में दो मंत्री होने के कारण लोगों को बजट में ज्यादा मिलने की उम्मीद थी. अब केन्द्र सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले बजट पर लोगों की नजर टिकी है. व्यापारी नरेश कुमार ने बताया कि राज्य बजट में अलवर को कुछ ज्यादा नहीं मिल पाया है. भरतपुर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा की तुलना में अलवर जिले को ज्यादा नहीं मिल पाया, जबकि जिले से दो मंत्री हैं. केवल सरिस्का से पांडुपोल तक ई बसें चलाने की सौगात मिली है.
अलवर व भिवाड़ी को मिलेगी प्रदूषण से निजात : अलवर व भिवाड़ी में तेजी से बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए सरकार ने अर्ली वार्निंग सिस्टम लागू करने का फैसला लिया है. भिवाड़ी दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो चुका है. भिवाड़ी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है. वहीं, बढ़ते क्राइम पर नियंत्रण के लिए अलवर में कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने की मांग भी पूरी नहीं हो पाई. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो इस बार बजट में किसानों को राहत देने के लिए कई बड़े फैसले सरकार ने लिए हैं.