दौसा. प्रदेश में लोकसभा चुनाव का दौर जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है. नेताओं के तेवर भी कड़े होते जा रहे हैं. पूर्वी राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है. यहां भाजपा ने कन्हैयालाल मीना को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, कांग्रेस ने मुरारीलाल मीना को चुनावी मैदान में उतारा है, लेकिन दौसा लोकसभा सीट पर प्रत्याशियों को छोड़कर दो दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है.
कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट को दौसा की कमान सौंप रखी है. वहीं, दूसरी ओर भाजपा ने कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीना को दौसा की कमान सौंप रखी है. किरोड़ीलाल और सचिन पायलट दोनों ही नेती लोकसभा क्षेत्र में तूफानी दौरा कर रहे हैं और अपने प्रत्याशी के लिए जीत की बिसात बिछा रहे हैं. इन सबके बीच चुनाव प्रचार के दौरान किरोड़ीलाल ने सरकारी कर्मचारियों को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि "जो कर्मचारी बीजेपी के खिलाफ माहौल बना रहा हैं. चुनाव बाद उनसे ब्याज सहित हिसाब लिया जाएगा."
सरकारी कर्मचारी लोगों को बहकाते घूम रहे है : किरोड़ीलाल मीना मंगलवार को हेलिकॉप्टर से दौसा के रामगढ़ पचवारा पहुंचे थे, जहां उन्होंने मंच से कांग्रेस का प्रचार करने वाले सरकारी कर्मचारियों को चेतावनी दी. कृषि मंत्री ने कहा कि "आजकल के जो बच्चे छोटी-मोटी नौकरी में लगे हैं वो लोगों को आरक्षण के नाम पर बहकाने में लगे है. गांवों में मास्टर, पटवारी, जेईएन, एईएन, लाइनमेन, जितने भी मीनाओं के नौकरीपेशा लोग हैं, उनका बस एक ही काम है, मोदी के खिलाफ माहौल बनाना."
सभी की लिस्ट तैयार हो रही है : किरोड़ी ने खुले मंच से कहा कि "सभी सुन लो, जो सरकारी नौकर हैं, उनको मैं रामगढ़ पचवारा में चेतावनी देकर जा रहा हूं. सबकी लिस्ट तैयार हो रही है. कौन-कौन माहौल को खराब कर रहा है. एक-एक गांव से सूची तैयार हो रही है, जो आचार संहिता का उलंघन कर रहा है, उसका चुनाव बाद एक-एक का ब्याज सहित हिसाब लेने का काम करेंगे."
सरकारी नौकर को प्रचार का अधिकार नहीं : कृषि मंत्री ने मंच से सख्त लहजे में कहा कि "सरकारी नौकरी वाले लोगों को चुनाव में प्रचार करने का अधिकार नहीं है. सरकारी कर्मचारी को क्या अधिकार है ? वो कैसे कह सकता है कि अगर मोदी आ गया तो आरक्षण खत्म कर देगा.