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जमशेदपुर में सबसे हटकर पंडाल, दिखाया ग्रामीण परिवेश में रहने वाली महिलाओं-पुरुषों की मेहनत - PANDAL FORMAT ON RURAL ENVIRONMENT

जमशेदपुर में ग्रामीण परिवेश की तर्ज पर पूजा पंडाल बनाया गया है, जिसमें पहले की महिलाओं और पुरुषों की मेहनत को दर्शाया गया है.

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ग्रामीण परिवेश की तर्ज पर बना पंडाल (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 11, 2024, 12:08 PM IST

जमशेदपुर: मां दुर्गा की पूजा के लिए शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण इलाके में भी भव्य आयोजन किया गया है. जमशेदपुर से सटे बागबेड़ा पंचायत इलाके में ग्रामीण परिवेश में मां दुर्गा को स्थापित किया गया है, जो शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां 1962 से पूजा का आयोजन किया जा रहा है.

जानकारी देती पूजा कमेटी की महिला सदस्य (ETV BHARAT)

पूजा कमेटी की महिला सदस्य ने बताया कि यहां पूजा में युवाओं के साथ महिलाओं की भी भागीदारी रहती है. आज के युवा पीढ़ी को पंडाल के जरिए पुराने ग्रामीण परिवेश को बताने का प्रयास किया गया है. ग्रामीण परिवेश को दर्शाने वाला पूजा पंडाल बंगाल के कारीगरों द्वारा चार महीने में तैयार किया गया है.

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पूजा कमेटी की महिला टीम (ETV BHARAT)

पुआल, पटुआ, बांस और मिट्टी के सामान से बने पंडाल को बारिकी से सजाया गया है. धान साफ करती महिला और उसे रखने के लिए पुआल का गोदाम आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. महिलाओं की टीम आयोजन में कोई कमी न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जाता है. इन महिलाओं में क्षेत्र की जिला पार्षद सदस्य और पंचायत प्रतिनिधि भी शामिल हैं. पंडाल में शिल्पकारों द्वारा निर्मित कलाकृति को सजाया गया है. मध्यम रोशनी में डूबा पंडाल ग्रामीण परिवेश को दर्शाता है, जो पंडाल में आने वाले दर्शकों का मन को मोह रहा है.

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पंडाल की कलाकृति (ETV BHARAT)

पूजा कमेटी की सदस्य सह क्षेत्र की जिला पार्षद सदस्य कविता परमार ने बताया कि यहां के पूजा का गोल्डन जुबली होने के बाद से प्रतिवर्ष एक नए थीम पर पंडाल का निर्माण कराया जाता है, जिससे आज की नई पीढ़ी को कुछ सीखने और समझने का मौका मिल सके. गांव से ही शहर का विकास हुआ है. आज मशीनी युग में पंडाल के जरिए ग्रामीण परिवेश को दिखाने का प्रयास किया है कि पूर्व में महिलाएं और पुरुष किस तरह मेहनत करते थे और अनाज को कैसे संरक्षित किया जाता है और पुआल से बने घर की खूबसूरती कैसी थी.

ये भी पढ़ें: जमशेदपुर में 'महर्षि वाल्मीकि' आश्रम की तर्ज पर पंडाल का निर्माण, आज की पीढ़ी को मिल रहा पुरानी सभ्यता का संदेश

ये भी पढ़ें: चंपाई सोरेन ने आदित्यपुर के पूजा पंडाल का किया उद्घाटन, बोले- पीएम का कोल्हान के लोगों से हैं खास लगाव

जमशेदपुर: मां दुर्गा की पूजा के लिए शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण इलाके में भी भव्य आयोजन किया गया है. जमशेदपुर से सटे बागबेड़ा पंचायत इलाके में ग्रामीण परिवेश में मां दुर्गा को स्थापित किया गया है, जो शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां 1962 से पूजा का आयोजन किया जा रहा है.

जानकारी देती पूजा कमेटी की महिला सदस्य (ETV BHARAT)

पूजा कमेटी की महिला सदस्य ने बताया कि यहां पूजा में युवाओं के साथ महिलाओं की भी भागीदारी रहती है. आज के युवा पीढ़ी को पंडाल के जरिए पुराने ग्रामीण परिवेश को बताने का प्रयास किया गया है. ग्रामीण परिवेश को दर्शाने वाला पूजा पंडाल बंगाल के कारीगरों द्वारा चार महीने में तैयार किया गया है.

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पूजा कमेटी की महिला टीम (ETV BHARAT)

पुआल, पटुआ, बांस और मिट्टी के सामान से बने पंडाल को बारिकी से सजाया गया है. धान साफ करती महिला और उसे रखने के लिए पुआल का गोदाम आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. महिलाओं की टीम आयोजन में कोई कमी न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जाता है. इन महिलाओं में क्षेत्र की जिला पार्षद सदस्य और पंचायत प्रतिनिधि भी शामिल हैं. पंडाल में शिल्पकारों द्वारा निर्मित कलाकृति को सजाया गया है. मध्यम रोशनी में डूबा पंडाल ग्रामीण परिवेश को दर्शाता है, जो पंडाल में आने वाले दर्शकों का मन को मोह रहा है.

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पंडाल की कलाकृति (ETV BHARAT)

पूजा कमेटी की सदस्य सह क्षेत्र की जिला पार्षद सदस्य कविता परमार ने बताया कि यहां के पूजा का गोल्डन जुबली होने के बाद से प्रतिवर्ष एक नए थीम पर पंडाल का निर्माण कराया जाता है, जिससे आज की नई पीढ़ी को कुछ सीखने और समझने का मौका मिल सके. गांव से ही शहर का विकास हुआ है. आज मशीनी युग में पंडाल के जरिए ग्रामीण परिवेश को दिखाने का प्रयास किया है कि पूर्व में महिलाएं और पुरुष किस तरह मेहनत करते थे और अनाज को कैसे संरक्षित किया जाता है और पुआल से बने घर की खूबसूरती कैसी थी.

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