दुमकाः लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न हो चुका है और दुमका लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन के झामुमो उम्मीदवार ने नलिन सोरेन से जीत दर्ज की है. नलिन ने भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन को हराया है. हालांकि जीत-हार का अंतर ज्यादा नहीं है. संथाल परगना की दो सीटों पर इंडिया गठबंधन से झारखंड मुक्ति मोर्चा की जीत हुई है तो एक सीट पर भारतीय जनता पार्टी का परचम लहराया है. इसमें दुमका लोकसभा सीट को झामुमो ने भाजपा से छीन ली है.
चार विधानसभा क्षेत्र में झामुमो से आगे रही भाजपा
दुमका लोकसभा के विधानसभा वार आंकड़े में कुल छह विधानसभा क्षेत्र में चार में भाजपा और दो में झामुमो आगे रहा. जिसमें दुमका , जामा , सारठ और नाला से भाजपा आगे रही, जबकि शिकारीपाड़ा और जामताड़ा से झामुमो आगे.
जरमुंडी में भाजपा को मिली बड़ी लीड
दुमका का जरमुंडी विधानसभा गोड्डा लोकसभा के अंतर्गत आता है. यहां से कांग्रेस के विधायक बादल पत्रलेख के रहने के बावजूद भाजपा को जरमुंडी से बड़ी लीड मिली है. यह आंकड़े आने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन को संकेत दे रहा है कि इंडिया को अभी से सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि लोकसभा चुनाव में उनके विधायकों का प्रदर्शन खराब रहा है.
मंत्री बसंत सोरेन, बादल पत्रलेख नहीं दिला पाए अपने क्षेत्र से बढ़त
दुमका जिले के दुमका विधानसभा से वर्तमान में विधायक बसंत सोरेन हैं. वर्तमान में बसंत चंपाई सोरेन मंत्रिमंडल में पथ निर्माण विभाग के मंत्री भी हैं. इस बार के दुमका लोकसभा चुनाव में बसंत ने अपने पार्टी प्रत्याशी नलिन सोरेन को जीत दिलाने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दी. कई दिनों तक दुमका में कैंप किया, पर जब परिणाम आए तो उनकी पार्टी झामुमो भले ही दुमका सीट का चुनाव जीत गई, पर बसंत सोरेन अपने दुमका विधानसभा में बड़े अंतर 10 हजार 433 मतों से पीछे थे. मतलब वे अपने कार्यकाल को दिखाकर अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता का विश्वास जीतने में कामयाब नहीं हुए. इस पर उन्हें गम्भीरतापूर्वक विचार करने की आवश्यकता है.
रवींद्रनाथ महतो के क्षेत्र में झामुमो 21 हजार से अधिक मतों से रहा पीछे
अब हम बात करते हैं दुमका लोकसभा क्षेत्र के नाला विधानसभा क्षेत्र की. यहां से विधायक हैं झामुमो के रवींद्रनाथ महतो. वर्तमान में रवींद्रनाथ महतो झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में जो चुनाव परिणाम आए हैं उसमें नाला क्षेत्र की जनता ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को जबरदस्त ढंग से नकारते हुए यहां भाजपा को 21 हजार 659 वोटों से बढ़त दी. जाहिर है मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष से उनके क्षेत्र की जनता खुश नहीं नजर आई. यह उनके लिए भी छह माह के बाद होने वाले विस चुनाव में अच्छे संकेत नहीं है.
मंत्री बादल पत्रलेख के क्षेत्र जरमुंडी में भाजपा को दी लगभग 44 हजार से अधिक की लीड
अब हम बात करते हैं जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र की. जरमुंडी दुमका जिले में है, पर यह गोड्डा लोकसभा का पार्ट है. यहां के विधायक बादल पत्रलेख हैं, जो चंपई सोरेन की सरकार में कृषि मंत्री हैं. बादल पत्रलेख ने अपने कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप यादव को जिताने के लिए काफी मेहनत की, पर जब परिणाम आए तो जरमुंडी सीट से भाजपा के निशिकांत दुबे ने 44 हजार 398 मतों से बढ़त बनाई, जो एक बहुत बड़ा अंतर कहा जा सकता है.
इंडिया गठबंधन के लिए अलार्मिंग रिजल्ट
अब जब दो मंत्री और एक विधानसभा अध्यक्ष अपने-अपने सीट से पीछे हो गए तो यह इंडिया गठबंधन के लिए अलार्मिंग है. क्योंकि सिर्फ छह माह के बाद ही झारखंड विधानसभा के चुनाव होने हैं. इन तीनों सीट पर अगर इन्हें जीत दर्ज करनी है तो जनता के विश्वास को जीतने की आवश्यकता है.
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