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दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कहर जारी, स्वास्थ्य समस्याओं के चलते दूसरी जगहों पर लोग हो रहे 'शिफ्ट' - POLLUTION IN DELHI NCR

- प्रदूषण के चलते लोगों को आंखों में हो रही जलन, सांस में लेने की समस्याएं. -मास्क लगा के घर के बाहर निकलना बनी मजबूरी.

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 1, 2024, 7:24 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर प्रदूषण से गैस चैंबर बना हुआ है और चारों तरफ धुंध दिखाई दे रही है. प्रदूषण का लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है, जिससे हर उम्र के लोग परेशान हैं. प्रदूषण के कारण आ रही स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए लोग एनसीआर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं. लोग उन जगहों पर जा रहे हैं, जहां पर प्रदूषण कम है, ताकि वह प्रदूषण के असर से खुद को बचा सकें.

प्रदूषण के चलते गए बिहार: बिहार के गया की रहने वाली स्नेहा कुमारी ने बताया कि वह माता-पिता और भाई के साथ दिल्ली में रहती हैं. उनके पिता अखिलेश्वर कुमार की उम्र करीब 62 साल है. प्रदूषण से उनके पिता की सेहत पर बुरा असर पड़ा रहा था. उन्हें सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और खांसी जैसी कई समस्याएं हो रही थी . चिकित्सकों से पता चला कि यह सब प्रदूषण के कारण हो रहा है. ऐसे में उनके पिता गया स्थित अपने मूल निवास चले गए. स्नेहा में यह भी बताया कि प्रदूषण के कारण उन्हें भी आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वह घर से मास्क पहनकर ही बाहर निकलती हैं.

प्रदूषण के चलते लोग छोड़ रहे दिल्ली (ETV Bharat)

गुरुग्राम में होना पड़ा शिफ्ट: दिल्ली के कौशांबी इलाके के हाईराइज सोसाइटी में रहने वाले विनय कुमार मित्तल ने बताया कि आनंद विहार आईएसबीटी और कौशांबी बस अड्डा है. आनंद विहार इलाके में सबसे अधिक प्रदूषण रहता है. अक्सर यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से अधिक होता है. प्रदूषण के कारण मजबूरी में कौशांबी इलाका छोड़कर पत्नी के साथ गुरुग्राम में शिफ्ट होना पड़ा. वहां आनंद विहार के मुकाबले प्रदूषण का स्तर करीब 50 प्रतिशत कम है.

पिछले कुछ दिनों का एक्यूआई
पिछले कुछ दिनों का एक्यूआई (ETV Bharat)

दिल्ली सरकार को दिया गया था निर्देश: उन्होंने आगे कहा, आनंद विहार इलाके में प्रदूषण सबसे अधिक होने के पीछे का कारण है कि यहां से रोजाना 3500 अधिक बसों का संचालन होता है. साथ ही गाजीपुर में बना डंपिंग ग्राउंड, टूटी फूटी सड़कें और इंडस्ट्रियल एरिया हैं. यहां हालत तब है जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल व सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली व उत्तर प्रदेश सरकार को यहां के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट और एनवायरमेंटल प्लान बनाने का निर्देश दिया था, जिसपर आज तक प्लान पर काम नहीं हुआ.

यह भी पढ़ें- प्रदूषण से दिल्ली बेहाल… 26 इलाकों में AQI 300 के पार, जानें कैसा रहेगा आज का मौसम

यह भी पढ़ें- MCD ने प्रदूषण हॉटस्पॉट पर निगरानी बढ़ाई, 372 निगरानी टीमें की गठित

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर प्रदूषण से गैस चैंबर बना हुआ है और चारों तरफ धुंध दिखाई दे रही है. प्रदूषण का लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है, जिससे हर उम्र के लोग परेशान हैं. प्रदूषण के कारण आ रही स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए लोग एनसीआर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं. लोग उन जगहों पर जा रहे हैं, जहां पर प्रदूषण कम है, ताकि वह प्रदूषण के असर से खुद को बचा सकें.

प्रदूषण के चलते गए बिहार: बिहार के गया की रहने वाली स्नेहा कुमारी ने बताया कि वह माता-पिता और भाई के साथ दिल्ली में रहती हैं. उनके पिता अखिलेश्वर कुमार की उम्र करीब 62 साल है. प्रदूषण से उनके पिता की सेहत पर बुरा असर पड़ा रहा था. उन्हें सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और खांसी जैसी कई समस्याएं हो रही थी . चिकित्सकों से पता चला कि यह सब प्रदूषण के कारण हो रहा है. ऐसे में उनके पिता गया स्थित अपने मूल निवास चले गए. स्नेहा में यह भी बताया कि प्रदूषण के कारण उन्हें भी आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वह घर से मास्क पहनकर ही बाहर निकलती हैं.

प्रदूषण के चलते लोग छोड़ रहे दिल्ली (ETV Bharat)

गुरुग्राम में होना पड़ा शिफ्ट: दिल्ली के कौशांबी इलाके के हाईराइज सोसाइटी में रहने वाले विनय कुमार मित्तल ने बताया कि आनंद विहार आईएसबीटी और कौशांबी बस अड्डा है. आनंद विहार इलाके में सबसे अधिक प्रदूषण रहता है. अक्सर यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से अधिक होता है. प्रदूषण के कारण मजबूरी में कौशांबी इलाका छोड़कर पत्नी के साथ गुरुग्राम में शिफ्ट होना पड़ा. वहां आनंद विहार के मुकाबले प्रदूषण का स्तर करीब 50 प्रतिशत कम है.

पिछले कुछ दिनों का एक्यूआई
पिछले कुछ दिनों का एक्यूआई (ETV Bharat)

दिल्ली सरकार को दिया गया था निर्देश: उन्होंने आगे कहा, आनंद विहार इलाके में प्रदूषण सबसे अधिक होने के पीछे का कारण है कि यहां से रोजाना 3500 अधिक बसों का संचालन होता है. साथ ही गाजीपुर में बना डंपिंग ग्राउंड, टूटी फूटी सड़कें और इंडस्ट्रियल एरिया हैं. यहां हालत तब है जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल व सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली व उत्तर प्रदेश सरकार को यहां के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट और एनवायरमेंटल प्लान बनाने का निर्देश दिया था, जिसपर आज तक प्लान पर काम नहीं हुआ.

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