जयपुर. प्रदेश में अवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है.पिछले दो महीनों में जयपुर के करीब 1500 लोग कुत्तों के काटने से अस्पताल पहुंच चुके हैं. आवारा कुत्तों के आतंक को रोकने के लिए स्वायत्त शासन विभाग ने हिंसक और आक्रामक प्रवृत्ति के कुत्तों को पड़कर शहर से दूर छोड़ने का फरमान जारी किया है. प्रशासन ने सभी नगरीय निकायों के लिए एक गाइडलाइन जारी की है जिसके तहत निकायों में स्थित कॉलेज, स्कूल, अभिभावक और आम जनता से मिली शिकायत पर हिंसक और आक्रामक प्रवृत्ति के कुत्तों की पहचान कर उनको पकड़ कर शहर से दूर ले जाकर छोड़ने के निर्देश दिए हैं.
डीएलबी ने जारी किए दिशा निर्देश: सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी आदेशों के अनुसार आवारा कुत्तों के स्थानांतरण की अनुमति नहीं है लेकिन प्रदेश में बढ़ते डॉग बाइटिंग के मामलों को देखते हुए आवारा कुत्तों के सम्बंध में नगरीय निकायों को एक गाइडलाइन जारी की गई है जिसके तहत सभी निकायों में स्थित कॉलेज, स्कूल,अभिभावक और नागरिकों से मिली शिकायत पर हिंसक और आक्रामक प्रवृत्ति के कुत्तों की पहचान कर उनको पकड़कर शहर से दूर ले जाकर छोड़ जाने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसके अलावा सरकारी- गैर सरकारी अस्पतालों के आस-पास विशेषकर लेबर रूम, गायनिक रूम, ऑपरेशन थिएटर, शिशु वार्ड के आस-पास विचरण करने वाले कुत्तों को चिकित्सा विभाग की शिकायत पर तत्काल अभियान चलाकर ऐसे कुत्तों को पकड़कर शहरों से दूर छोड़ने के भी निर्देश दिए हैं.
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कुत्तों के आतंक से परेशान: इसके अलावा दिशा निर्देशों में हिंसक और आक्रामक प्रवृत्ति के कुत्तों को चिह्नित कर वैक्सीनेशन करवाने, पालतू कुत्तों को चिह्नित कर उनके मालिकों को वैक्सीनेशन के लिए पांबद करने, आवारा कुत्तों के सम्बंध में गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर एनिमल बर्थ कन्ट्रोल (ABC) प्रोग्राम को बढ़ावा देने, आवारा कुत्तों को पकड़कर किसी एक स्थान पर रखे जाने के सम्बंध में गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए भी निर्देशित किया गया है.