अलवर : देश में नासिक के बाद दूसरी सबसे बड़ी प्याज मंडी में आने वाले लाल प्याज की कीमतों पर असर पड़ने लगा है. कारण है कि इन दिनों अलवर के अलावा महाराष्ट्र के नासिक, गुजरात और मध्यप्रदेश के प्याज की आवक शुरू हो गई है. इसके चलते अलवर के लाल प्याज के दामों में कमी देखी जा रही है. लाल प्याज के भाव में कमी को देखते हुए अब किसानों की चिंता बढ़ने लगी है. इससे पहले अलवर मंडी में किसानों को 45 रुपए किलो तक प्याज के भाव मिले थे, जो वर्तमान में मात्र 25 रुपए किलो पर आकर रुक गया है.
अलवर प्याज मंडी के संरक्षक पप्पू सैनी ने बताया कि अलवर में प्याज मंडी में 15 अक्टूबर से 15 जनवरी तक अलवर के लाल प्याज की आवक रहती है. 20 दिसंबर के बाद प्याज की आवक धीरे-धीरे कम होने लगती है. उन्होंने कहा कि अक्टूबर, नवंबर व 15 दिसंबर तक किसानों को अपनी प्याज की फसल के अच्छे दाम मिले. इससे उन्हें अपनी फसल में मुनाफा भी मिला.
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मंडी संरक्षक ने कहा कि वर्तमान में अलवर के अलावा महाराष्ट्र के नासिक और उसके आसपास के जिलों में बहुत तेजी से प्याज निकली है. साथ ही मध्यप्रदेश के रतलाम व आसपास के जिलों से भी प्याज की नई फसल आने लगी है. उन्होंने बताया कि वहां प्याज की फसल का रकबा भी अधिक क्षेत्र में रहता है. यही वजह है कि स्पर्धा में अलवर की लाल प्याज अपनी जगह पूरी तरह से नहीं बन पा रही है. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों से गुरुवार को मंडी में प्याज के भाव में गिरावट रही.
भाव में कमी से किसानों को सताने लगी चिंता : प्याज मंडी संरक्षक पप्पू सैनी ने बताया कि गुरुवार को मंडी में प्याज के प्रति किलो के भाव थोक मे 5 रुपए से लेकर 20 रुपए तक रहे. इससे पहले करीब दो माह तक प्याज में अच्छी तेजी रही. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में अलवर के प्याज में और भी गिरावट होने की संभावना है. वहीं, लगातार लाल प्याज के भाव गिरने से अब जिले के किसानों को चिंता सताने लगी है. कई किसान अपने प्याज को सुखाकर अब मंडी में लेकर आने लगे हैं, जिसके चलते उन्हें उनका पूरा दाम भी नहीं मिल पा रहा है. अलवर में बड़ी संख्या में किसान लाल प्याज की खेती करते हैं.
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30 हजार कट्टों की हो रही आवाक : पप्पू सैनी ने बताया कि गुरुवार को अलवर प्याज मंडी में गरीब 30 हजार प्याज के कट्टों की आवक हुई. बीते कुछ समय से यह आवक 30 से 40 हजार कट्टों के बीच चल रही है. वहीं, लगातार मंडी में आने के बाद तुरंत ही प्याज को आसपास के राज्यों तक भेजा जा रहा है.
फेड कलर के चलते पेश आ रही ये दिक्कतें : पप्पू सैनी ने बताया कि अलवर के लाल प्याज की डिमांड देश ही नहीं, बल्कि विदेश तक है, लेकिन वर्तमान में अलवर के लाल प्याज का कलर फेड होने के चलते इसे लंबी दूरी तक नहीं भेजा जा रहा है. वर्तमान में अलवर का प्याज उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और बिहार तक जा रहा है.
नासिक के प्याज की गुणवत्ता बेहतर : अलवर प्याज मंडी के संरक्षक पप्पू सैनी ने बताया कि अलवर के अलावा नासिक में भी लाल प्याज की बंपर पैदावार होती है. हालांकि, दोनों ही लाल प्याज की गुणवत्ता की बात की जाए, तो नासिक के प्याज की गुणवत्ता अलवर के प्याज से बेहतर होती है. इसी कारण नासिक के प्याज के शुरू होने से अलवर के प्याज के दामों में कमी आई है.