रामगढ़: जिले में तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण देश के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ स्थल मां छिन्नमस्तिका मंदिर के पास से होकर बहने वाली भैरवी नदी और दामोदर नदी का जलस्तर बढ़ गया है. मंदिर के पास मुंडनशाला तक दामोदर नदी का पानी पहुंच गया है. साथ ही कई अस्थायी दुकानें भी भैरवी नदी की तेज धार में बह गई है. पानी बढ़ने के बाद नदी के किनारे दुकानें वाले लोगों ने अपने सामान के साथ सुरक्षित स्थान में शरण ले लिया है.
बारिश के कारण नदियों में उफान
बता दें कि मां छिन्नमस्तिका मंदिर देश का प्रसिद्ध सिद्धपीठ स्थल है. यह मंदिर नद और नदी (दामोदर और भैरवी नदी) के संगम स्थल के पास अवस्थित है. लगातार हो रही बारिश के कारण भैरवी नदी उफान पर है. छिलका पुल के ऊपर से नदी का पानी बह रहा है. सोमवार देर शाम होते-होते दोनों नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया.
मंदिर के निकास द्वार तक पहुंचा पानी
भैरवी नदी का पानी मां छिन्नमस्तिका मंदिर के निकास द्वार तक पहुंच गया है. इस कारण जिला प्रशासन और मंदिर न्यास समिति के लोगों ने श्रद्धालुओं को प्रवेश द्वार से ही मां का दर्शन और पूजन करने के बाद उसी द्वार से लौटने की अपील कर रहे हैं. क्योंकि निकास द्वार तक नदी का पानी पहुंच गया है.
श्रद्धालुओं से नदी किनारे नहीं जाने की अपील
इस संबंध में मंदिर न्यास समिति के सदस्य लोकेश पंडा ने बताया कि तीन दिनों से रामगढ़ में लगातार बारिश के कारण दामोदर और भैरवी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं से नदी किनारे नहीं जाने की अपील की जा रही है. इसके लिए बैरिकेडिंग भी की गई है, ताकि कोई भी नदी के किनारे न जाएं.
इसके पूर्व बलि स्थान तक पहुंच गया था पानी
इससे पूर्व भी लगातार बारिश के कारण दामोदर और भैरवी नदी का जलस्तर काफी बढ़ा था. पिछले बार नदी का जलस्तर बढ़ने पर पानी बलि स्थान तक पहुंच गया था.आपको बता दें कि माता के दरबार में श्रद्धालुओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. श्रद्धालु लगातार मां छिन्नमस्तिका का दर्शन-पूजन करने के लिए पहुंच रहे हैं.
पतरातू डैम के पांच फाटक खोले गए
उधर, भारी बारिश के कारण पतरातू डैम के सभी फाटक खोल दिए गए हैं. जिसके बाद नलकारी नदी का भी जलस्तर बढ़ गया है. लगातार बारिश के कारण पतरातू डैम के कैचमेंट एरिया में अधिक पानी होने के कारण डैम की क्षमता को मैनेज करने को लेकर डैम के सभी फाटक को खोल कर डैम के जलस्तर को सामान्य करने का प्रयास किया जा रहा है . वहीं घाघरा नदी में भी पानी बढ़ गया है. वर्तमान समय में डैम का जलस्तर 1328 आरएल से पार हो चुका है. डैम का फाटक खोलकर 1867 क्यूसेक जल की निकासी की निकासी की जा रही है.
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