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Rajasthan: पश्चिमी राजस्थान में प्रकृति ने ली करवट: मानसून का पैटर्न बदलने से रेगिस्तान में हो रही झमाझम बारिश

पश्चिमी राजस्थान में बीते दो दशक से सामान्य से अधिक बारिश होने लगी है. मानसून के पैटर्न में बदलाव से भी बारिश होने लगी है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

Change In Pattern of Monsoon
रेगिस्तान में हो रही झमाझम बारिश (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर: कभी सूखे के लिए जाने वाले पश्चिमी राजस्थान के रेगिस्तान में बीते दो दशक में सामान्य से अधिक बारिश होने लगी है. कुछ समय, तो इस बारिश ने नजदीकी हरियाणा और पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है. यह बढ़ते तापमान के बीच पश्चिमी राजस्थान में मानूसन के पैटर्न में बदलाव का संकेत है.

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार पश्चिमी राजस्थान में बीते दो दशक में तीन साल ही ऐसे गए हैं जिस समय सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है. बाकी समय में सामान्य या सामान्य से अधिक या और अधिक बारिश दर्ज की गई है. 2019 से 2024 तक के छह साल में हर बार सामान्य से अधिक बारिश हुई है. इस बार सामान्य 72 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज हुई है. थार रेगिस्तान में हो रही अधिक बारिश जलवायु परिवर्तन के युग में होने वाले परिवर्तन का संकेत हो सकती है.

पढ़ें: रेगिस्तान में बारिश में दिखा अनोखा नजारा! बाड़मेर में पहाड़ों पर नजर आए झड़ने

यह बदलता पैटर्न, समय के साथ फिर बदलेगा: मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा का कहना है कि पहले देश के नॉर्थ ईस्ट में जहां अधिक बारिश होती थी, वहां अब कम होने लगी है. पश्चिमी राजस्थान में पिछले कुछ सालों से जहां कम बारिश होती थी, वहां ज्यादा होने लगी है. यह पैटर्न बदल रहा है. लेकिन एक समय के बाद फिर बदलेगा जब फिर बारिश कम होने लगेगी. यानी की 10-20 साल बाद फिर कमी होने लगेगी. ऐसे कई चेंजेज ग्लोबली होते हैं.

पढ़ें: रेगिस्तान में सैलाब : ये उत्तराखंड की पहाड़ियां नहीं...बाड़मेर के पहाड़ी झरने हैं

जमीन की नमी भी एक कारण: निदेशक शर्मा बताते हैं कि मानूसन पैटर्न में बदलाव के लिए कई तरह के फैक्टर काम आते हैं. सबसे महत्वपूर्ण क्लाइमेट चैंज, टेंपरेचर में बढ़ोतरी, ग्रीन हाउस गैसेज है. इसके अलावा बीते समय में पश्चिमी राजस्थान में कैनाल से हो रही सिंचाई भी कारण है, जिससे मिट्टी में नमी रहती है, लेकिन नहर इसके लिए अकेला बड़ा कारण नहीं हैं. लेकिन यह जरूर है कि जमीन की नमी बादलों को अपनी और आक​र्षित करती है.

पढ़ें: रेगिस्तान में बारिश ने मचाया कहर, मौसम विभाग की चेतावनी पर प्रशासन अलर्ट

यूं हो रहा है बदलाव: आंकड़ों के मुताबिक 2005 से 2024 तक पश्चिमी राजस्थान के आंकड़ों के अनुसार 2009, 2016 और 2018 में ही पश्चिमी राजस्थान में बारिश सामान्य से कम दर्ज की गई है. जबकि इस दौरान पूर्वी राजस्थान में 2009 व 2014 व 2016 में कमी दर्ज हुई. पंजाब में इस दौरान इस वर्ष सहित कुल 7 बार मानूसन सामान्य कम बरसा. हरियाणा में 9 साल तक सामान्य कम बारिश दर्ज हुई.

जोधपुर: कभी सूखे के लिए जाने वाले पश्चिमी राजस्थान के रेगिस्तान में बीते दो दशक में सामान्य से अधिक बारिश होने लगी है. कुछ समय, तो इस बारिश ने नजदीकी हरियाणा और पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है. यह बढ़ते तापमान के बीच पश्चिमी राजस्थान में मानूसन के पैटर्न में बदलाव का संकेत है.

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार पश्चिमी राजस्थान में बीते दो दशक में तीन साल ही ऐसे गए हैं जिस समय सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है. बाकी समय में सामान्य या सामान्य से अधिक या और अधिक बारिश दर्ज की गई है. 2019 से 2024 तक के छह साल में हर बार सामान्य से अधिक बारिश हुई है. इस बार सामान्य 72 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज हुई है. थार रेगिस्तान में हो रही अधिक बारिश जलवायु परिवर्तन के युग में होने वाले परिवर्तन का संकेत हो सकती है.

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यह बदलता पैटर्न, समय के साथ फिर बदलेगा: मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा का कहना है कि पहले देश के नॉर्थ ईस्ट में जहां अधिक बारिश होती थी, वहां अब कम होने लगी है. पश्चिमी राजस्थान में पिछले कुछ सालों से जहां कम बारिश होती थी, वहां ज्यादा होने लगी है. यह पैटर्न बदल रहा है. लेकिन एक समय के बाद फिर बदलेगा जब फिर बारिश कम होने लगेगी. यानी की 10-20 साल बाद फिर कमी होने लगेगी. ऐसे कई चेंजेज ग्लोबली होते हैं.

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जमीन की नमी भी एक कारण: निदेशक शर्मा बताते हैं कि मानूसन पैटर्न में बदलाव के लिए कई तरह के फैक्टर काम आते हैं. सबसे महत्वपूर्ण क्लाइमेट चैंज, टेंपरेचर में बढ़ोतरी, ग्रीन हाउस गैसेज है. इसके अलावा बीते समय में पश्चिमी राजस्थान में कैनाल से हो रही सिंचाई भी कारण है, जिससे मिट्टी में नमी रहती है, लेकिन नहर इसके लिए अकेला बड़ा कारण नहीं हैं. लेकिन यह जरूर है कि जमीन की नमी बादलों को अपनी और आक​र्षित करती है.

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यूं हो रहा है बदलाव: आंकड़ों के मुताबिक 2005 से 2024 तक पश्चिमी राजस्थान के आंकड़ों के अनुसार 2009, 2016 और 2018 में ही पश्चिमी राजस्थान में बारिश सामान्य से कम दर्ज की गई है. जबकि इस दौरान पूर्वी राजस्थान में 2009 व 2014 व 2016 में कमी दर्ज हुई. पंजाब में इस दौरान इस वर्ष सहित कुल 7 बार मानूसन सामान्य कम बरसा. हरियाणा में 9 साल तक सामान्य कम बारिश दर्ज हुई.

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