नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ अब शिक्षक भी सड़कों पर उतर आए हैं. डीयू, जामिया और अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों ने 'लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ' के बैनर के साथ विरोध प्रदर्शन किया और कैंडल मार्च निकाला.
आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन एकेडमिक्स फॉर एक्शन एंड डेवलेपमेंट टीचर्स एसोसिएशन (एएडीटीए) ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में कैंडल जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में 'लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ' के बैनर के साथ स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के पास मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. डीयू, जामिया और अन्य विश्वविद्यालयों के सैकड़ो शिक्षकों ने इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया
डूटा के पूर्व अध्यक्ष और एए के राष्ट्रीय प्रभारी आदित्य नारायण मिश्रा भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर विपक्ष को समाप्त करने का प्रयास किया है.
केंद्र सरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तो गिरफ्तार कर सकती है लेकिन उनकी सोच को गिरफ्तार नहीं कर सकती. केंद्र सरकार अपने राजनीतिक फायदे के लिए ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. जिस तरीके से ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल विपक्ष के नेताओं को जेल में डालने के लिए किया जा रहा है यह भारतीय लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है.
उन्होंने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में सरकारी शैक्षणिक संस्थानों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने शिक्षा व्यवस्था पर बेहतरीन काम किया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करके बीजेपी ने दिखा दिया है कि वो नहीं चाहते हैं कि देश में शिक्षा व्यवस्था अच्छी हो. आज अगर देश में शिक्षा व्यवस्था को सही कोई कर सकता है तो उसका नाम सिर्फ अरविंद केजरीवाल है. अरविंद केजरीवाल ही पूरे देश में शिक्षा क्रांति ला सकते हैं.
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उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी चाहती है कि देश में शिक्षा व्यवस्था बेहतर ना हो इसीलिए उन्होंने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल दिया है. देशभर के शिक्षक अरविंद केजरीवाल जी के साथ हैं.
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