नई दिल्लीः दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत लेन अनुशासन का उल्लंघन करने वाली बसों को चालान जारी करने के लिए दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के सहायक यातायात निरीक्षक (एटीआई) रैंक के अधिकारियों को सशक्त बनाने की सिफारिश की है. यह प्रस्ताव अनुमोदन के लिए उपराज्यपाल को भेजा है. उपराज्यपाल के अनुमोदन के बाद दिल्ली में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी.
कैलाश गहलोत ने कहा कि लेन उल्लंघन के लिए चालान जारी करने के लिए सहायक यातायात निरीक्षकों को सशक्त बनाना सड़क सुरक्षा बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है कि बसें यातायात नियमों का पालन करें. इससे यातायात प्रवाह में सुधार होगा और दुर्घटनाओं में कमी आएगी. एटीआई को मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 177, 184 और 192ए के तहत उल्लंघन करने वाली बसों को चालान जारी करने के लिए अधिकृत किया जाएगा. अभी आए दिन गलत तरीके से बस चालने को लेकर बस चालकों की शिकायतें आती हैं. दिल्ली की सड़कों पर वर्तमान में सात हजार से अधिक बसें चल रही हैं.
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ये है जुर्माने का प्रावधानः धारा 177 प्रथम अपराध के लिए 500 रुपये का जुर्माना, उसके बाद के अपराधों के लिए 1,500 रुपये का जुर्माने का प्रावधान है. धारा 184 हैंडहेल्ड संचार उपकरणों के उपयोग से जुड़े पहले अपराध के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना है. दूसरे या बाद के अपराध के लिए 10000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. धारा 192ए के तहत यातायात उल्लंघन के लिए 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. यदि कोई चालक यातायात के नियमों का उल्लंघन करता है तो उसका उपरोक्त धाराओं में चालान किया जाएगा. इसके एवज में जुर्माना भरना पड़ेगा. इससे चालक नियमों का पालन करते हुए बस चलाएंगे.
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