गोरखपुर: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयासों के क्रम में, गोरखपुर की पूनम देवी के हाथ बड़ी सफलता हाथ लगी है. पढ़ी- लिखी होने के बावजूद उसे रोजगार नहीं मिल रहा था. उनका ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़ा होना, इसका कारण बन रहा था. लेकिन रोजगार के अवसर की तलाश में वह जब वह स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं, तो उनके कार्यों की सरहाना जिले से लेकर प्रदेश तक हुई.
उनको 'राष्ट्रीय आजीविका मिशन' के तहत कृषि कार्य में उपयोग में किये जाने वाले ड्रोन के प्रशिक्षण के लिए चुना गया. इसके लिए वह गांव से निकलकर सीधे दिल्ली पहुंच गई. वहां 12 दिन का उसको ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया गया. इससे वह बेहद उत्साहित हुईं. अब उनको बहुत जल्द 8 लाख रुपये की कीमत वाला ड्रोन मिलेगा. इसके माध्यम से वह अपने गांव क्षेत्र के किसानों के खेतों में, खाद का छिड़काव करेंगी. इससे जहां किसानों की मेहनत और खाद की बर्बादी नहीं होगी. वहीं इससे पूनम देवी के जेब में पैसे आयेंगे. वह आर्थिक रूप से मजबूत होंगी.
वह कहती हैं कि पैसे से उसके परिवार और बच्चे के पढ़ाई को मदद मिलेगी. अब जाकर लगता है कि उसकी पढ़ाई सफल हुई है. वह हुनरमंद हुई हैं और लोगों को हुनरमंद बनाने की जिम्मेदारी उनको दी गई है. पूनम को पूरे जिले में ड्रोन के मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करते हुए और भी महिलाओं को प्रशिक्षित करना होगा. ऐसी महिलाएं, जो गांव में रहकर खेती किसानी में अपने हाथ आजमाकर, अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करना चाहेंगी, वह इसका प्रशिक्षण लेंगी. पूनम देवी गोरखपुर के मोहम्मदमाफी गांव की रहने वाली हैं, जो कौड़िया ब्लॉक में पड़ता है.
गुरुवार को गोरखपुर में हुए नारी शक्ति वन्दन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. पूनम देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों की वजह से उनका हौसला बढ़ गया है. अपने पैरों पर खड़े होने की ताकत मिली है और आर्थिक समृद्धि का भी द्वार खुला है.
ड्रोन दीदी योजना क्या है: असल में जिस योजना को ड्रोन दीदी योजना कहा जाता है. इसका पूरा नाम 'नमो ड्रोन दीदी योजना (Namo Drone Didi Scheme)' है. यह पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, जिसमें महिलाओं को ड्रोन उड़ाने, डेटा विश्लेषण और ड्रोन के रखरखाव के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है. कृषि कार्यों में खासकर इन्हें जोड़ने की योजना है. ड्रोन के माध्यम से फसलों की निगरानी, कीटनाशक और उर्वरकों का छिड़काव, यहां तक की बीज की बोआई भी शामिल है.
सरकार ने इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए करोड़ों रुपये का बजट आवंटित किया है. पीएम मोदी ने नवंबर 2023 में इस योजना की घोषणा की थी. इसमें 1261 करोड़ रुपये खर्च कर 15000 स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन सरकार उपलब्ध कराएगी. महिलाओं को इसमें 15 दिनों तक प्रशिक्षण दिया जाएगा. क्षमता के हिसाब से ड्रोन की कीमत भी तय की जा रही है. महिलाओं को जो ड्रोन उपलब्ध कराया जा रहा है, वह करीब 10 लीटर कीटनाशक को लेकर उड़ सकेगा और खाद का भी छिड़काव कर सकेगा.
ये भी पढ़ें- 625 करोड़ वाला एशिया का सबसे बड़ा सीईटीपी अब गंगा को करेगा अविरल-निर्मल